NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट का असम में एनआरसी की समयसीमा बढ़ाने से इनकार
अदालत ने घोषित किया कि प्रक्रिया को 31 जुलाई या उससे पहले जरूर पूरा कर लिया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया में एक दिन की भी देरी नहीं की जा सकती।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 May 2019
NRC

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की प्रक्रिया पूरी करने की समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया।

अदालत ने घोषित किया कि प्रक्रिया को 31 जुलाई या उससे पहले जरूर पूरा कर लिया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया में एक दिन की भी देरी नहीं की जा सकती।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने असम राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण के संयोजक प्रतीक हजेला को नागरिक पंजीकरण में नागरिकों के नाम शामिल करने या गलत तरीके से बाहर करने संबंधी दावों और आपत्तियों के निबटारे के लिये खुली छूट दे दी।

पीठ ने यह निर्देश उस समय दिया जब हजेला ने उसे सूचित किया कि नागरिक पंजीकरण के मसौदे में चुनिन्दा व्यक्तियों के नाम शामिल करने पर आपत्ति करने वाले अनेक लोग इन शिकायतों पर विचार करने वाली समिति के सामने नहीं आ रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने आपत्ति करने वालों के उपस्थित नहीं होने की स्थिति में समन्वयक को कानून के अनुसार प्रक्रिया आगे बढ़ाने की अनुमति दी।

इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने आम चुनाव के दौरान एनआरसी के काम को स्थगित करने का अनुरोध करते हुए दायर की गई याचिका को लेकर केंद्र और गृह मंत्रालय की आलोचना की थी। 

राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण द्वारा ‘मनमाने’ तरीके से भेजे जा रहे नोटिसों के कारण कुछ लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है और इसके देखते हुए कांग्रेस ने नागरिक पंजीकरण के जिला रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंप कर इससे बचने को कहा है।

जिला कांग्रेस समिति ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि पिछले वर्ष प्रकाशित एनआरसी मसौदे के दौरान सभी दस्तावेजों की जांच कराने वाले अल्पसंख्यकों को परेशान किया जा रहा है।

कांग्रेस के ज्ञापन में दावा किया गया है कि ‘काल्पनिक’ व्यक्ति अलग-अलग हितों को लेकर शिकायतें और आपत्ति उठा रहे हैं और इसके आधार पर अधिकारी नागरिकों को नोटिस भेज रहे हैं।

उसमें आरोप लगाया गया है कि अर्जी की सुनवाई के वक्त शिकायतकर्ता अधिकारियों के समक्ष पेश भी नहीं होते हैं।

उसमें कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि शिकायतकर्ता के पास अर्जी का नंबर या विस्तृत पता है या नहीं।

आपको बता दे की राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम ही शामिल किये गये थे। इस सूची में 40,70,707 व्यक्तियों के नाम नहीं थे जबकि 37,59,630 व्यक्तियों के नाम अस्वीकार कर दिये गये थे। शेष 2,48,077 व्यक्तियों के नाम अलग रखे गये थे।

लोगों को पंजीकरण में अपना नाम डलवाने का दावा करने के लिए 31 दिसंबर, 2018 तक का समय दिया गया था। इस अवधि में लोगों को पंजी में विदेशियों के नाम जुड़े होने का संदेह होने पर आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार भी दिया गया था।

(समाचार एजेंसी भाषा और आईएएनएस के इनपुट के साथ)

NRC Assam
NRC
Citizenship
Supreme Court
ranjan gogoi
Citizenship Amendment Bill
Congress

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा

राज्यसभा सांसद बनने के लिए मीडिया टाइकून बन रहे हैं मोहरा!

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

ED के निशाने पर सोनिया-राहुल, राज्यसभा चुनावों से ऐन पहले क्यों!

ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

राज्यसभा चुनाव: टिकट बंटवारे में दिग्गजों की ‘तपस्या’ ज़ाया, क़रीबियों पर विश्वास


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License