NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट: कैम्पा फण्ड का इस्तेमाल केवल इसके निर्धारित उद्देश्यों के लिए
इसका इस्तेमाल केवल वनों की कटाई से होने वाले नुकसान, पर्यावरण संरक्षण, खनन और विकास उपक्रम की स्थापना की वजह से होने वाले प्रवास के लिए मजबूर हुए लोगों को सहयोग देने के लिए ही किया जाना चाहिएI
अजय कुमार
19 Oct 2018
CAMPA Act

जंगल कटेंगे, तभी दुनिया बनेगीI कितना अजीब है यह सम्बन्धI लगता है जैसे दुनिया वाले जंगल को नहीं चाहतेI जबकि हकीकत यह है कि जंगल न रहें तो दुनिया की सारी दुनियादारी भी मर जाएI सहजीविता ही दुनिया में जीवन की किसी भी तरह की सम्भावना का वजूद हैI इंसानों और जंगल के बीच की सहजीविता बचाए रखने के लिए क्षतिपूर्ति वनीकरण प्रबंधन और नियोजन अधिकरण यानी कम्पेंसट्री अफ्फोरेस्टटेशन एंड मैनेजमेंट अथॉरिटी की स्थपाना की गयीI यह अधिकरण  वन संरक्षण कानून के तहत विकास उपक्रमों की वन क्षेत्र में मौजूदगी बनाये रखने के लिए काम करती है। यह ऑथरिटी  विकास उपक्रमों के लिए बेची जाने वाली वन ज़मीन का विक्रय मूल्य निर्धारित करती है।बिक्री से मिली राशि को कैम्पा फण्ड के नाम से इकट्ठा किया जाता हैI इस फण्ड का उपयोग वनों में फिर से पेड़ लगाने और आदिवासियों को बिक्री की वजह से हुए नुकसान से उबारने के लिए मदद करने में किये जाने का प्रावधान हैI जैसे आदिवासियों और वन्य परितंत्र का विकास करने के लिए ज़रूरी धन का उपयोग इस फण्ड से किए जाने का प्रावधान हैI लेकिन इस प्रावधान को सही तरह से लागू नहीं किया जा रहाI इस फण्ड का दुरूपयोग होता रहा हैI राज्य सरकारें बिना वनवासियों के अनुमति के दूसरी जगहों पर इस फण्ड का करती हैंI

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को कैम्पा फण्ड का वन और वनवासी विकास से इतर इस्तेमाल करने से वर्जित किया हैI सुप्रीम का कहना है कि कैम्पा फण्ड का इस्तेमाल केवल वनों की कटाई से होने वाले नुकसान, पर्यावरण संरक्षण, खनन और विकास उपक्रम की स्थापना की वजह से होने वाले प्रवास के लिए मजबूर हुए लोगों को सहयोग देने के लिए ही किया जाना चाहिएI यानी इसका इस्तेमाल केवल उन्हीं चीज़ों के लिए होगा जिनके लिए कैप्मा फण्ड को बनाया गया थाI सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह आदेश तब आया जब सुप्रीम कोर्ट ने इस तरफ ध्यान दिया कि पंजाब सरकार कैम्पा फण्ड का तकरीबन 1.11 करोड़ रुपए अपने वकीलों और वकालत के खर्चे निकालने के लिए कर रही हैI जस्टिस मदन बी लोकुर, एस अब्दुल नजीर और दीपक गुप्ता ने पहली अक्टूबर को पंजाब सरकार को यह आदेश दिया कि वह कैप्मा फण्ड से निकाले गये पैसे को फिर से कैम्पा फण्ड में जमा करेI सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर इस मसले पर आदेश दियाI

साल 1995 से सुप्रीम कोर्ट पर्यावरण निगरानी और संरक्षण से जुड़े मसले पर सुनवाई कर रही हैI कैम्पा अधिकरण और कैम्पा फण्ड का विचार भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही हकीकत में लागू हुआ और साल 2016 में आधुनिक विकास, वन और वनवासी लोगों की सहजीविता बचाए रखने के लिए कैम्पा अधिनियम भी बनाया गयाI

सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड के अनुसार कैम्पा फण्ड के तहत अभी तक तकरीबन 70 से 75 हज़ार करोड़ रूपये इकट्ठा किए जा चुके हैंI और आने वाले समय में यह राशी और अधिक होती जाएगीI

सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि यह कैम्पा फण्ड के तहत जमा की गयी राशि बहुत अधिक हैI इस राशि का उपयोग पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण क्षति की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए की जानी चाहिएI इस राशी से बेहतर वन और वनवासी प्रबंधन किया जाना चाहिएI राज्य, संघ शासित राज्य क्षेत्र, स्थानीय समुदायों में बेहतर ग्रामीण प्रबंधन के माध्यम से बेहतर वन संसाधन प्रबंधन किया जाना चाहिएI

साल 2016 के कैम्पा कानून का उद्देश्य भी यही है कि देश में  जंगलों के संरक्षण और विस्तार को बढ़ावा दिया जाएI जंगलों के जीव संसाधन को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जाएI इस तरह से सुप्रीम कोर्ट द्वारा कैम्पा फण्ड में होने वाली धांधली को रोकने के लिए दिया गया आदेश जंगल और जीवन की सहजीविता को बचाए रखने के लिए उठाया गया एक अहम ओर ज़रूरी कदम हैI

CAMPA Act
CAMPA Fund
Supreme Court
forest
tribal communities

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • BJP
    अनिल जैन
    खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं
    01 May 2022
    राजस्थान में वसुंधरा खेमा उनके चेहरे पर अगला चुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है, तो प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया से लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसके खिलाफ है। ऐसी ही खींचतान महाराष्ट्र में भी…
  • ipta
    रवि शंकर दुबे
    समाज में सौहार्द की नई अलख जगा रही है इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा
    01 May 2022
    देश में फैली नफ़रत और धार्मिक उन्माद के ख़िलाफ़ भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) मोहब्बत बांटने निकला है। देशभर के गावों और शहरों में घूम कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं।
  • प्रेम कुमार
    प्रधानमंत्री जी! पहले 4 करोड़ अंडरट्रायल कैदियों को न्याय जरूरी है! 
    01 May 2022
    4 करोड़ मामले ट्रायल कोर्ट में लंबित हैं तो न्याय व्यवस्था की पोल खुल जाती है। हाईकोर्ट में 40 लाख दीवानी मामले और 16 लाख आपराधिक मामले जुड़कर 56 लाख हो जाते हैं जो लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट की…
  • आज का कार्टून
    दिन-तारीख़ कई, लेकिन सबसे ख़ास एक मई
    01 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान की नज़र में एक मई का मतलब।
  • राज वाल्मीकि
    ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना
    01 May 2022
    “मालिक हम से दस से बारह घंटे काम लेता है। मशीन पर खड़े होकर काम करना पड़ता है। मेरे घुटनों में दर्द रहने लगा है। आठ घंटे की मजदूरी के आठ-नौ हजार रुपये तनखा देता है। चार घंटे ओवर टाइम करनी पड़ती है तब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License