NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
सुप्रीम कोर्ट में न्यूनतम मज़दूरी पर अंतिम फ़ैसला 23 जुलाई को
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद न्यूनतम मजदूरी बोर्ड का पुनर्गठन किया और उसके द्वार दिए गए प्रस्ताव को कोर्ट में पेश किय। इसी को लेकर कोर्ट अब 23 जुलाई को अंतिम निर्णय लेगा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Jul 2019
Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार, 2 जुलाई को दिल्ली में न्यूनतम मज़दूरी के मामले में सुनवाई करते हुए अंतिम फ़ैसला देने के लिए23 जुलाई की तारीख तय की है।

मज़दूर संगठनों ने उम्मीद जताई है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा।  

इससे पहले 31 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने न्यूनतम मज़दूरी के मामले पर सुनवाई करते हुए एक अंतिरिम आदेश दिया था। जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के उस निर्णय पर रोक लगा दी जिसमें न्यायलय ने दिल्ली सरकार के 31 मई के उस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था, जिसमें दिल्ली के मजदूरों के न्यूनतम मज़दूरी में 37% की वृद्धि की गई थी।

हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय का आदेश केवल एक अस्थायी राहत थी क्योंकि ये बढ़ी दरे केवल तीन महीने के लिए थी, जिसके दौरान दिल्ली सरकार को न्यूनतम मजदूरी बोर्ड का पुनर्गठन करना था और नई दरों को तय करने  के लिए अपनी पद्धति को संशोधित करना था।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद न्यूनतम मजदूरी बोर्ड का पुनर्गठन किया और उसके द्वार दिए गए प्रस्ताव को कोर्ट में पेश किया। इसी को लेकर कोर्ट अब 23 जुलाई को अंतिम निर्णय लेगा। 

पूरा मामला क्या है ?

दिल्ली में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है। एक न्यूनतम मजदूरी बोर्ड के माध्यम से जिसमें श्रमिकों, नियोक्ताओं और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। मई 2017 में सरकार ने इसी बोर्ड सिफारिश के बाद न्यूनतम मजदूरी में 37% की वृद्धि की घोषणा की थी। हालांकि, दिल्ली में विभिन्न उद्योग निकायों द्वारा इस आदेश की काफ़ी आलोचना की गई थी। ट्रेड यूनियनों ने वृद्धि का स्वागत किया था और इसे श्रमिकों के लिए एक बहुत ही आवश्यक राहत बताया था।
इसके बाद, उद्योग निकाय इस मामले को अदालत में ले गए, उद्योग मालिकों ने बहस करते हुए कहा कि वृद्धि बहुत अधिक और अन्यायपूर्ण है। उन्होंने तर्क दिया कि बढ़ी हुई दरों को तय करने में प्रक्रियाओ का पालन नही किया गया है।

इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट ने कई महीनों तक सुनवाई की और दिसंबर 2017 में निर्णय को सुरिक्षित रख लिया था। आखिरकार,अगस्त 2018 में, हाईकोर्ट ने अपना निर्णय दिया और दिल्ली सरकार के मजदूरी में बढ़ोतरी करने का आदेश रद्द कर दिया। और कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। जिसके बाद दिल्ली सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गई थीं। इसमें कई ट्रेड यूनियन भी शामिल हुईं।

इसके बाद इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मज़दूरों के पक्ष में अंतरिम आदेश देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया। लेकिन अब  सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अपना अंतिम फैसला 23  जुलाई को देगा।

minimum wage
delhi minimum wage
MINIMUM BASIC INCOME
Supreme Court

Related Stories

पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल

तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है

सावधान: यूं ही नहीं जारी की है अनिल घनवट ने 'कृषि सुधार' के लिए 'सुप्रीम कमेटी' की रिपोर्ट 

दिल्ली में 25 नवंबर को श्रमिकों की हड़ताल, ट्रेड यूनियनों ने कहा - 6 लाख से अधिक श्रमिक होंगे हड़ताल में शामिल

ट्रेड यूनियनों के मुताबिक दिल्ली सरकार की न्यूनतम वेतन वृद्धि ‘पर्याप्त नहीं’

पश्चिम बंगाल: ईंट-भट्ठा उद्योग के बंद होने से संकट का सामना कर रहे एक लाख से ज़्यादा श्रमिक

सुप्रीम कोर्ट को दिखाने के लिए बैरिकेड हटा रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

बाहरी साज़िशों और अंदरूनी चुनौतियों से जूझता किसान आंदोलन अपनी शोकांतिका (obituary) लिखने वालों को फिर निराश करेगा

लखीमपुर खीरी : किसान-आंदोलन की यात्रा का अहम मोड़

कार्टून क्लिक: किसानों का गला किसने घोंटा!


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    जम्मू-कश्मीर परिसीमन से नाराज़गी, प्रशांत की राजनीतिक आकांक्षा, चंदौली मे दमन
    07 May 2022
    हफ़्ते की बात के इस अंक में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश बात कर रहे हैं जम्मू-कश्मीर के परिसीमन की। साथ ही वे नज़र डाल रहे हैं प्रशांत किशोर की राजनीतिक सियासत की।
  • रवि शंकर दुबे
    तीन राज्यों में उपचुनाव 31 मई को: उत्तराखंड में तय होगा मुख्यमंत्री धामी का भविष्य!
    07 May 2022
    चुनाव आयोग ने तीन राज्यों की तीन सीटों पर विधानसभा चुनावों की तारीख घोषित कर दी है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण उत्तराखंड की चंपावत सीट को माना जा रहा है। क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी…
  • पीपुल्स डिस्पैच
    पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर बढ़ता उत्पीड़न, बार-बार जबरिया अपहरण के विरोध में हुआ प्रदर्शन
    07 May 2022
    राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के परिसर से दिन दहाड़े एक बलूच छात्र बेबाग इमदाद को उठाए जाने के बाद कई छात्र समूहों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया।
  • राहुल कुमार गौरव
    पिता के यौन शोषण का शिकार हुई बिटिया, शुरुआत में पुलिस ने नहीं की कोई मदद, ख़ुद बनाना पड़ा वीडियो
    07 May 2022
    पीड़ित बेटी ने खुद अपने पिता की गंदी करतूत का वीडियो बनाया और फिर उसे लेकर थाने पहुंची। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने गुरुवार को 50 वर्षीय आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन पीड़िता को अपने…
  • सुबोध वर्मा
    ओडिशा: अयोग्य शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित होंगे शिक्षक
    07 May 2022
    शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध 8 कॉलेजों में 62 फैकल्टी हैं, जिनमें से सिर्फ 20 रेगुलेटरी बॉडी की योग्यता के मानदंडों को पूरा करते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License