NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
समाज
भारत
राजनीति
सूरत अग्निकांड : प्रारंभिक जांच में सामने आई नगर निगम और बिल्डर की ग़लती
जांच में पाया गया है कि कोचिंग क्लास की संरचना भी आग जैसी घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील थी। इसमें छत काफी नीचे थी और कुर्सियों की जगह बैठने के लिए टायर का इस्तेमाल किया जा रहा था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
28 May 2019
Surat Fire

गुजरात के सूरत अग्निकांड की प्रारंभिक जांच में स्थानीय नगर परिषद के अधिकारियों और बिल्डरों की ओर से कई तरह की ख़ामियों की बात सामने आ रही है। शुक्रवार, 24 मई को शहर के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में लगी इस आग में एक कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले 22 छात्रों की मौत हो गयी थी। इन सभी छात्रों की उम्र 14 से 17 साल के बीच थी।

जांच में पाया गया है कि कोचिंग क्लास की संरचना भी आग जैसी घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील थी। इसमें छत काफी नीचे थी और कुर्सियों की जगह बैठने के लिए टायर का इस्तेमाल किया जा रहा था।

प्रारंभिक जांच में यह बात निकलकर आई है कि बिल्डर ने 'प्रभाव शुल्क' के भुगतान के साथ संरचना को मान्यता देने के लिए अर्जी दी तो यह बात छिपा ली कि उन्होंने तीन मंजिला कॉम्पलेक्स में चौथी मंजिल का निर्माण भी किया है।

एक शीर्ष नौकरशाह के मुताबिक संबंधित अधिकारी ने बिल्डर के प्रस्ताव को मंजूरी देते वक्त खुद बिल्डिंग का दौरा नहीं किया था।

बिल्डरों को नोटिस जारी

आपको बता दें कि इस घटना के बाद गुजरात सरकार ने रविवार को राज्य में 9,000 से अधिक संपत्तियों के बिल्डरों से कहा कि वे तीन दिनों के भीतर अग्नि सुरक्षा के उपकरण स्थापित करें, अन्यथा कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। इनमें से 1,100संपत्तियां सूरत में हैं।

गुजरात के मुख्यसचिव जे.एन. सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "यह एक बुरा सबक है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई शुरू करेंगे कि इस तरह की घटना कहीं दोबारा न घटे। सूरत में आग से हम बहुत दुखी हैं।"

उन्होंने कहा कि गुजरात में 9,965 संपत्तियों को नोटिस जारी किए गए हैं, और इसके लिए 713 टीमें तैनात की गई हैं। 

सिंह ने कहा कि शनिवार और रविवार के बीच प्रशासन ने अग्नि सुरक्षा नियमों के विभिन्न उल्लंघनों के लिए सूरत में कम से कम50 संपत्तियों को सील कर दिया है। सूरत में 1,123 संपत्तियों को अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, अग्निकांड में झुलसे 14 विद्यार्थियों का इलाज अभी भी सूरत के चार विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। इनमें से तीन को गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है।

राज्य के मुख्य सचिव ने कहा कि सूरत नगर निगम ने इमारत की चौथी मंजिल पर बने ढाचे में अग्नि सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने के लिए उप अग्निशमन अधिकारी एस.के. आचार्य और अग्निशमन अधिकारी को पहले ही निलंबित कर दिया है। इमारत को अग्निशमन विभाग की ओर से कोई अनापत्ति प्रमाण नहीं मिला था।

467281a8bc33886234b7df81a317370d.jpg

यूएचआरएफ की सख़्त और जल्द कदम उठाने की मांग

आग से होने वाली दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या और इसकी वजह से असमय मौत का शिकार बनने वाले लोगों के आंकड़ों को एक आंख खोलने वाली सच्चाई के तौर पर स्वीकार करते हुए इससे निपटने के लिए युनाइटेड ह्यूमन राइट फेडरेशन, यूएचआरएफ ने सरकार से सख्त और तीव्र कदम उठाने की मांग की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में यूएचआरएफ ने कहा है कि वह अपने सुशासन के एजेंडा में आग से सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता वाले बिंदु में शामिल करें। 
यूएचआरएफ आग से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार से लंबे समय से देश-व्यापी कानून बनाने की मांग कर रही है। यूएचआरएफ आग से बचाव के लिए कार्य करने वाली देश की चुनिंदा संस्थाओं में से एक है और उसका मानना है कि इसके लिए सरकार और न्यायपालिका को अपने स्तर पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

यूएचआरएफ के अध्यक्ष संतोष बागला ने कहा कि फरवरी में करोल बाग दिल्ली के एक होटल में आग की एक दुर्घटना में 17 लोगों की असमय मौत हो गई थी। अब सूरत में मासूम छात्रों की आग की वजह से दर्दनाक असमय मौत हो गई है। आखिर हम कितनी और ऐसी दुर्घटनाओं का इंतजार करते रहेंगे जिससे कि किसी सख्त कानून बनाने को लेकर कदम उठाया जा सके। 

यूएचआरएफ के सचिव अरुण पाल सिंह कहते हैं कि यह दुखद है कि इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी किसी राजनैतिक दल ने आग से बचाव के लिए सख्त कानून बनाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। भारत की तरक्की की कहानी बिना आग की दुर्घटनाओं से बचाव के पूरी नहीं हो सकती है। इसके लिए एक केंद्रीय कानून की जरूरत है। जिससे आग से बचाव के साथ ही ऐसी दुर्घटनाओं में लोगों के असमय मौत को रोका जा सके। 

दिल्ली को भी अब होश आया 

आपको बता दें कि सूरत के हादसे से सबक लेते हुए पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र के 27 कोचिंग सेंटरों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए गए हैं। पूर्वी निगम के अधिकारियों की जांच में इन संस्थानों में आग से सुरक्षा के बेहद कम इंतज़ाम मिले और कई के तो टैक्स भी न चुकाने का पता चला। इसके अलावा करोल बाग अग्निकांड से सबक लेते हुए दिल्ली सरकार ने राजधानी में होटलों और गेस्ट हाउस के लिए भवन नियमों में बदलाव किया है। इसके अनुसार अब इमारत की छत और बेसमेंट में किचन यानी रसोई बनाने की इजाजत नहीं होगी। साथ ही कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस डिटेक्टर लगाना भी ज़रूरी होगा।

(समाचार एजेंसी भाषा और आईएएनएस के इनपुट के साथ)

fire
Surat
surat fire
fire breaks out at a coaching centre
Gujarat
building collapse
illegal building
Modi Govt
awareness
student death
student jumping off building

Related Stories

मुंबई : चार मंजिला इमारत ढही, आठ बच्चों सहित 11 की मौत,सात लोग घायल, मकान मालिक व ठेकेदार पर दर्ज हुआ केस

महाराष्ट्र: इमारत ढहने की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 8 हुई

बिहार: बच्चों के लिए मिड डे मील बना रहे एनजीओ के प्लांट का बॉयलर फटा, 3 की मौत

उन्नाव में एलपीजी गैस संयंत्र में लगी आग पर काबू पाया, तीन मजदूर झुलसे

दिल्ली: सीलमपुर में इमारत ढहने से दो लोगों की मौत

हिमाचल : सात सैनिकों की मौत के बाद सीएम कह रहे हैं इमारत अवैध थी

गुजरात: सीवर की सफाई के दौरान हुई मौत मामले में होटल मालिक गिरफ्तार

निर्मम समाज में स्वच्छता सेनानियों की गुमनाम शहादत

वड़ोदरा : होटल में सीवर साफ करने के दौरान 4 सफाईकर्मियों समेत 7 की मौत

झारखंड विधान सभा चुनाव 2019 : भूख से मरनेवालों की बढ़ती कतार !


बाकी खबरें

  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस महीने के अंत में भारत आ सकते हैं
    05 Apr 2022
    जॉनसन की भारत यात्रा 22 अप्रैल के आसपास हो सकती है। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण दो बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को भारत का दौरा रद्द करना पड़ा था। 
  • भाषा
    आगे रास्ता और भी चुनौतीपूर्ण, कांग्रेस का फिर से मज़बूत होना लोकतंत्र के लिए ज़रूरी: सोनिया गांधी
    05 Apr 2022
    ‘‘हम भाजपा को, सदियों से हमारे विविधतापूर्ण समाज को एकजुट रखने और समृद्ध करने वाले सौहार्द व सद्भाव के रिश्ते को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।’’
  • भाषा
    'साइबर दूल्हो' से रहें सावधान, साइबर अपराध का शिकार होने पर 1930 पर करें फोन
    05 Apr 2022
    अगर आप अपने परिवार के किसी सदस्य की शादी के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन विज्ञापन देख रहे हैं, तो थोड़ा होशियार हो जाएं। साइबर ठग अब शादी के नाम पर भी ठगी करने में जुट गए हैं। देश के महानगरों मे अब तक इस तरह…
  • मीनुका मैथ्यू
    श्रीलंकाई संकट : राजनीति, नीतियों और समस्याओं की अराजकता
    05 Apr 2022
    वित्तीय संस्थानों के कई हस्तक्षेपों के बावजूद श्रीलंकाई सरकार अर्थव्यवस्था की व्यवस्थित गिरावट को दूर करने में विफल रही है।
  • इंद्रजीत सिंह
    विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा
    05 Apr 2022
    इस बात को समझ लेना ज़रूरी है कि चंडीगढ़ मुद्दे को उठाने में केंद्र के इस अंतर्निहित गेम प्लान का मक़सद पंजाब और हरियाणा के किसानों की अभूतपूर्व एकता को तोड़ना है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License