NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से 'प्रवासी बच्चों' की स्थिति व संख्या की रिपोर्ट मांगी
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने चाइल्ड राइटस ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की, जिसमें मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19, 21, 21A, 39 और 47 के तहत प्रवासी बच्चों और प्रवासी परिवारों के बच्चों के मौलिक अधिकारों को लागू करने की मांग की गई है।
सबरंग इंडिया
15 Apr 2021
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से 'प्रवासी बच्चों' की स्थिति व संख्या की रिपोर्ट मांगी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्यों को प्रवासी बच्चों और प्रवासी मजदूरों के बच्चों के बारे में डेटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही राज्यों के द्वारा इन्हें क्या सुविधाएं दी गई हैं इसके बारे में भी जानकारी देने का कहा गया है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने चाइल्ड राइटस ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की, जिसमें मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19, 21, 21A, 39 और 47 के तहत प्रवासी बच्चों और प्रवासी परिवारों के बच्चों के मौलिक अधिकारों को लागू करने की मांग की गई है।
 
गैर सरकारी संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयना कोठारी ने पीठ से अनुरोध किया कि वह न केवल जवाब के लिए निर्देश दें, बल्कि राज्यों से प्रवासी बच्चों की संख्या प्रदान करने का अनुरोध करें, साथ ही उन्हें राज्य द्वारा दिए गए लाभों के बारे में भी बताएं।

न्यायालय ने तदनुसार राज्यों को संख्या प्रदान करने के साथ-साथ उन राज्यों में बच्चों पर स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। तमिलनाडु राज्य पहले ही अपना जवाब दाखिल कर चुका है।

रुखसाना चौधरी द्वारा दायर याचिका में बताया गया है कि पिछले साल राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को दौरान शहरों से लाखों प्रवासियों को पलायन करना पड़ा था। इस दौरान सरकारों के द्वारा प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए इंतजाम किए गए थे लेकिन प्रवासी बच्चों पर लॉकडाउन के असर को लेकर अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की थी। 

याचिका में कहा गया कि प्रवासियों के बच्चों और प्रवासी बच्चों के ऊपर सबसे ज्यादा असर पड़ा था। न तो उनके खाने पीने का ध्यान रखा गया था और न ही उनके स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कोई इंतजाम किए गए थे।

Supreme Court
Migrant Children
Migrant workers

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License