NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
हंगरी: देशभर के स्कूल शिक्षकों ने बड़े विरोध प्रदर्शन के लिए कसी कमर
विक्टर ओरबान की अगुवाई वाली हंगरी की रूढ़िवादी सरकार कोविड-19 संकट का हवाला देते हुए स्कूलों में अनिवार्य शिक्षण सेवाओं को लेकर एक विशेष फ़रमान जारी करते हुए शिक्षकों की हड़ताल को प्रतिबंधित करने की कोशिश कर रही है।
पीपुल्स डिस्पैच
08 Mar 2022
School teachers
फ़ोटो: 31 जनवरी को आयोजित शिक्षकों की हड़ताल (साभार: मासीना)

हंगरी भर के स्कूल शिक्षक 16 मार्च से अनिश्चितकालीन आम हड़ताल सहित बड़े विरोध प्रदर्शनों को लेकर कमर कस रहे हैं। वे बेहतर वेतन, ज़्यादा कर्मचारी, काम के बोझ में कमी और काम करने के बेहतर हालात की मांग कर रहे हैं। बुधवार 2 मार्च को शिक्षक संघ (PSZ) और डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ़ टीचर्स (PDSZ) के प्रतिनिधियों ने मानव संसाधन मंत्रालय के सामने मीडिया को ब्रीफ़ करते हुए 16 मार्च को आम हड़ताल पर जाने के अपने फ़ैसले पर फिर ज़ोर दिया। ऐसा सरकार के प्रतिनिधियों के साथ एक नाकाम बातचीत के बाद किया जा रहा था। 

गुरुवार को सैकड़ों शिक्षकों ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों को दी जाने वाली सरकार की धमकी के विरोध में पेक्स शहर में धरना प्रदर्शन किया। शिक्षक संघ ने पहले ही देश भर के विभिन्न स्कूलों में चेतावनी देने वाली हड़ताल का आयोजन किया है।इस हड़ताल में 31 जनवरी को वह बड़ी हड़ताल भी शामिल है, जिसमें सार्वजनिक शिक्षा क्षेत्र के तक़रीबन 20,000 कर्मचारियों ने भाग लिया था।

पीएसज़ेड के अध्यक्ष ज़ुज़ा स्ज़ाबो ने मसीना को बताया कि "शिक्षा में बढ़ रहे प्रशासनिक ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ शिक्षण कर्मचारियों की ख़तरनाक स्तर तक की कमी से काम का बोझ बढ़ जाता है। इस समय शिक्षा प्रणाली में 12,000 लोगों की कमी है।इस संख्या में वे शिक्षक शामिल नहीं हैं, जिनकी जगह कोविड-19 महामारी के चलते सहकर्मियों को लाने की ज़रूरत है।”

विक्टर ओर्बन की अगुवाई वाली हंगरी की रूढ़िवादी सरकार ने शिक्षकों की होने वाली इस हड़ताल को रोकने के लिए डराने-धमकाने की रणनीति का सहारा लिया है। जनवरी में हुई बड़ी हड़ताल के बाद सरकार ने 11 फ़रवरी को कोविड-19 की स्थिति का हवाला देते हुए हड़ताल के दौरान स्कूलों के अनिवार्य कामकाज की मांग करते हुए एक विशेष फ़रमान जारी कर दिया था। मर्स ने बताया कि "इस सरकारी फ़रमान के मुताबिक़, हड़ताल की स्थिति में हड़ताल से प्रभावित सभी कार्य दिवसों के दौरान सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे के बीच सुयोग्य शिक्षकों की ओर से छात्रों की निगरानी की जानी चाहिए। इसके अलावा, हड़ताल से प्रभावित स्कूल अपने 50% पाठों को पूरा करने के लिए बाध्य होंगे, और जो छात्र स्नातक होने वाले हैं, वे इस हड़ताल के चलते अपने अनिवार्य स्नातक विषयों में कोई भी पाठ नहीं छोड़ सकते।इसका मतलब यही है कि सरकार शिक्षकों को हड़ताल के दौरान काम करने के लिए कह रही है।

शिक्षक संघों ने इस ख़ास फरमान को चुनौती देने को लेकर संवैधानिक अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। संवैधानिक अदालत ने हड़ताल को ग़ैर-क़ानूनी घोषित करने वाली सरकार की याचिका को भी खारिज कर दिया था। ये यूनियन उस सरकारी फ़रमान को अमान्य करने के लिए 22 फ़रवरी को इस मुद्दे को संवैधानिक अदालत ले गये, जिसे वे विरोध करने के अपने मौलिक अधिकार के लिए ख़तरा मानते हैं।

पीएसज़ेड और पीडीएसज़ेड ने 12 फ़रवरी को जारी अपने एक संयुक्त बयान में कहा कि "11 फ़रवरी, 2022 की शाम को घोषित हड़ताल के अधिकार को प्रतिबंधित करने वाला सरकारी फ़रमान मौलिक क़ानून के उलट है। ट्रेड यूनियन यह नहीं मानते कि सरकार अधिकारिता अधिनियम के आधार पर मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित करती है। आपको ऐसा करने का कोई हक़ नहीं है, यह अधिकारों का हनन है।"

साभार : पीपुल्स डिस्पैच

COVID-19 in Hungary
Democratic Union of Teachers
Right to Strike
Teachers strike
Teachers' Union
Viktor Orban

Related Stories


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License