26 फरवरी को शाहीन बाग़ गए वार्ताकारों की रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है और मामला की अगली सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख़ दी है।
शाहीन बाग़ में ढाई महीने से नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में चल रहे प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। शाहीन बाग़ प्रदर्शन को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि प्रदर्शन की वजह से सड़कें बंद हैं लिहाज़ा आम लोगों को उससे दिक़्क़त हो रही है।
कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त किए थे जिन्होंने शाहीन बाग़ जा कर प्रदर्शनकारियों से 4 दिनों तक बातचीत की। मध्यस्थों ने 23 फरवरी को कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकारों के रूप में नियुक्त किया था।
ग़ौरतलब है कि 15 दिसम्बर से सीएए के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी है।
दिल्ली के अन्य उत्तर-पूर्वी इलाक़े में सीएए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को सुप्रीम कोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया लेकिन उनसे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार किया।
कोर्ट ने यह भी कहा कि वह हिंसा पर याचिकाओं पर विचार करके शाहीन बाग़ प्रदर्शनों के संबंध में दायर की गई याचिकाओं के दायरे में विस्तार नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस पर हाई कोर्ट विचार करेगा।
(समाचार एजेन्सी भाषा इनपुट के साथ)