NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सिद्दीकी कप्पन को "चुपके से" एम्स से छुट्टी देकर मथुरा जेल ले जाया गया
भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और जस्टिस सूर्य कांत और ए एस बोपन्ना की सुप्रीम कोर्ट बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को बेहतर चिकित्सा के लिए दिल्ली के एक अस्पताल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। सिद्दीकी जेल के बाथरूम में गिर गए थे जिससे उन्हें चोट आई थी।
सबरंग इंडिया
08 May 2021
सिद्दीकी कप्पन

उत्तर प्रदेश के चर्चित हाथरस मर्डर और कथित गैंगरेप मामले को कवर करने के दौरान गिरफ्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (जिन्हें कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया था) की पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके पति का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन उनके परिवार या वकील को बताए बिना उसे छुट्टी दे दी गई। 
 
भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और जस्टिस सूर्य कांत और ए एस बोपन्ना की सुप्रीम कोर्ट बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को बेहतर चिकित्सा के लिए दिल्ली के एक अस्पताल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। सिद्दीकी जेल के बाथरूम में गिर गए थे जिससे उन्हें चोट आई थी। हालांकि जब उन्हें मथुरा के एक अस्पताल में ले जाया गया तो उसे कथित तौर पर "एक जानवर की तरह बिस्तर पर जंजीर से बांध दिया गया" और उनके साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा था।
 
सुप्रीम कोर्ट ने उस समय कहा था, “हम निर्देश देते हैं कि सिद्दीकी कप्पन को RML अस्पताल, या AIIMS या दिल्ली के किसी अन्य सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाए। ठीक होने के बाद, उन्हें वापस मथुरा जेल भेजा जा सकता है।” सुप्रीम कोर्ट केरल यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) द्वारा दायर एक अर्जी पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देते हुए मथुरा अस्पताल से ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज या सफदरजंग अस्पताल में काप्पन के ट्रांसफर की मांग की गई थी। कप्पन की पत्नी रयानाथ ने भी सीजेआई को सिद्दीकी को अस्पताल से रिहा करने के लिए हस्तक्षेप के लिए लिखा था। 27 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने उनके मेडिकल रिकॉर्ड के लिए बुलाया था।
 
आज, रयानाथ ने सबरंगइंडिया को बताया कि सिद्दीकी कप्पन को नई दिल्ली के एम्स अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, और कल उत्तर प्रदेश की मथुरा जेल वापस ले जाया गया। मुझे देर रात के बारे में पता चला है कि उन्हें छुट्टी दे दी गई है। मुझे कोई जानकारी नहीं थी और न ही उनके वकील को सूचित किया गया था और उन्हें रात में गुप्त रूप से स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि एम्स में कप्पन का कोविड -19 परीक्षण किया गया ता जिसमें वे पॉजीटिव आए थे, भले ही यूपी में अदालत को बताया गया था कि वह कोविड नेगेटिव थे। रायनाथ ने कहा, "उन्हें अस्पताल लाया गया था और 1 मई से जब मैं दिल्ली आई थी तो मैं एक बार उन्हें देखने की कोशिश कर रही थी।" वह विश्वास करती रही कि उसका अभी भी एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है, लेकिन जल्द ही पता चला कि कथित तौर पर बुधवार और गुरुवार के बीच की रात उन्हें जेल भेज दिया गया है।
 
कप्पन की पत्नी रायनाथ ने सबरंगइंडिया को बताया कि वह और उसका बड़ा बेटा दिल्ली आए थे, जब उन्होंने सुना कि उनका अस्पताल में कोविड -19 का परीक्षण किया गया है। “मैं 1 मई को पहुंच गई, और 2 मई को, मैं एम्स अस्पताल पहुंची और अनुरोध किया कि मुझे एक बार उन्हें देखने दें। वार्ड में पुलिसकर्मी ने हमें रोका। मैंने अपने पति को देखने के लिए दो घंटे कोशिश की। तब उन्होंने मुझे अनुमति दी।” गार्ड ने रायनाथ से कहा कि जेल के नियम कैदियों के इलाज के लिए रिश्तेदारों या वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं देते हैं।
 
Maktoob की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली आऩे के लिए रायनाथ को छोटे दो बच्चों और 90 वर्षीय बीमार मां को केरल में छोड़ना पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, 4 मई को कप्पन के वकील विल्स मैथ्यूज ने मथुरा जेल अधीक्षक को एक तत्काल आवेदन भेजकर उनसे अनुरोध किया कि वह “एम्स अस्पताल के निदेशक और पुलिस के सिपाही को आदेश दें कि रायनाथ और उनके बेटे को कप्पन से मिलने की अनुमति विजिटर्स टाइम के दौरान 4 बजे और 6 बजे के बीच दी जाए। वकील ने मीडिया को बताया कि न तो उसे और न ही कप्पन के परिवार को उनको दिए गए चिकित्सा उपचार के बारे में पता है। Maktoob की रिपोर्ट के अनुसार, अधीक्षक ने कहा, "यूपी जेल मैनुअल में वकील, पत्नी या रिश्तेदारों को जेल में बंद कैदी से मिलने की अनुमति का प्रावधान नहीं है, जो जेल से बाहर एक अस्पताल में भर्ती है।”
 
इसके बाद रायनाथ ने मथुरा की अदालत में "मथुरा जेल के जेल अधीक्षक और एम्स के निदेशक से मिलते-जुलते आदेश जारी करने की मांग की, ताकि वह अपने बीमार पति से तत्काल आधार पर मिलने की अनुमति दे सके।" कथित तौर पर रायनाथ को 6 मई की सुबह 10.30 बजे के आसपास अपने पति की छुट्टी के बारे में पता चला। उसने आरोप लगाया है, “उन्होंने मुझे या वकील को बिना बताए छुट्टी दे दी। हम मान रहे हैं कि उन्हें मथुरा जेल ले जाया गया। जेल अधीक्षक से बात करने के बाद ही इसकी पुष्टि की जा सकती है।”

journalist Siddique Kappan
Siddique Kappan
UttarPradesh
COVID-19
KUW

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License