NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
चंडीगढ़ में छह साल की बच्ची से बलात्कार और कत्ल मामले में पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में
पुलिस ने इस मामले में 12 साल के एक लड़के को गिरफ्तार किया है। घर वालों का मानना है कि ऐसा कुकृत्य कोई लड़का अकेले नहीं कर सकता।पुलिस की भूमिका के ख़िलाफ़ स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। चंडीगढ़ प्रशासन की जिम्मेदारी इस समय भाजपा के पास है। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने अपने पड़ताल में पाया है कि भाजपा के स्थानीय नेता भी पुलिस पर दवाब बना रहे हैं कि मामले को दबाया जाए ताकि कुछ महीने में होने वाले काउंसिल चुनावों में उनकी पार्टी को नुकसान न झेलना पड़े।
शिव इंदर सिंह
17 Mar 2021
cha

देश के खूबसूरत माने जाने वाले शहर चंडीगढ़ के बाहरी इलाके हल्लोमाजरा की मजदूर परिवार से सम्बन्धित छह साल की बच्ची से बलात्कार व कत्ल की घटना ने शहर की खूबसूरती को फिर दागदार कर दिया है।इलाके के लोगों में शोक और सहम का माहौल छाया हुआ है. 

5 मार्च की शाम को गायब हुई मासूम बच्ची की लाश 6 मार्च को नज़दीकी जंगल में खून से लथपथ हुई अर्धनग्न अवस्था में मिलती है। पुलिस की कार्यवाही से असंतुष्ट लोग स्थानीय पुलिस चौकी पर पहुंच कर प्रदर्शन करते हैं, प्रदर्शन पर पुलिस बर्बर लाठीचार्ज करती है। प्रदर्शन में शामिल तीन नौजवानों को पुलिस गिफ्तार करके संगीन धाराएँ लगा देती है।

 इन तीन नौजवानों में दो पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के छात्र हैं और एक नौजवान स्थानीय है। लोग पुलिस की भूमिका को शक की निगाह से देख रहे हैं। स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि भाजपा के स्थानीय नेता अपने राजनैतिक फायदे के लिए इस मामले को दबाना चाहते हैं। 

पुलिस ने एक 12 वर्षीय लड़के को शक के आधार पर गिफ्तार किया है, लेकिन बच्ची के परिवार वालों का कहना है कि इस बर्बर घटना को सिर्फ बारह साल का अकेला लड़का अंजाम नहीं दे सकता। हल्लोमाजरा इलाका में पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी गई है। पुलिस पर आरोप लग रहा है कि वह निष्पक्ष जाँच  करने की बजाय लोगों को डरा रही है। 


मृतक बच्ची के परिवार वालों ने हमें बताया,“5 मार्च की घटना है, हमारी बच्ची शाम साढ़े चार बजे के करीब रोजाना की तरह खेलने गई थी। जब वापिस न आई तो हमने आस-पड़ोस में ढूंढा, फिर भी न मिल पाई तो हमने पुलिस को सूचित किया। अगली सुबह हमारे घर से कुछ दूरी पर ही जंगल से उसकी लाश मिली. लाश इतनी बुरी हालत में थी कि देखने वाला सहम जाए।”

मृतक बच्ची के पिता ने कहा, “शाम पांच बजे मेरी बच्ची ट्यूशन के लिए जाती थी। जब वह खेलने के बाद समय पर घर न पहुंची तो मेरे परिवार वालों ने उसे ढूंढना शुरु किया जब मैं काम से वापिस पहुंचा, करीब साढ़े सात बजे मुझे इस बात की सूचना मिली। करीब आठ बजे मैंने 100 नंबर पर सूचना दी। पुलिस भी बच्ची को ढूंढने के लिए आ गई और हम रात के ढाई बजे तक बच्ची को ढूंढते रहे। अगली सवेर 6 मार्च को घर के निकट श्मशान घाट के पीछे जंगल में खून से लथपथ मेरी बच्ची की लाश मिली। फिर पोस्टमोर्टेम के लिए भेज दिया गया।आठ मार्च को बच्ची का संस्कार कर दिया गया।”

इस मामले में पुलिस ने 12 साल के एक नाबालिग लड़के को गिरफ्तार किया है।कुछ मीडिया रिपोर्ट्स उसकी उम्र 14 साल बता रही हैं। इस मामले से जुड़े तथ्यों की छानबीन कर रही एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है, “पुलिस जानबूझकर लड़के की उम्र छिपा रही है। यह लड़का नौंवी कक्षा में दो बार फेल हो चुका है और जिस तरह घटना को अंजाम दिया गया है वह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता।"
 
बच्ची के पिता ने हमे रोते हुए बताया, “हमें पुलिस से इंसाफ की उम्मीद है पर पुलिस ने केस में एक नाबालिग को ही गिफ्तार किया है, मुझे नहीं लगता कि एक 12-14 साल का लड़का ऐसा अकेला कर सकता है। जिस भारी पत्थर से मेरी बेटी को मारा गया उस पत्थर को इतनी उम्र का बच्चा नहीं उठा सकता। इस अपराध में एक से ज्यादा व्यक्तियों का हाथ है।"

इस मामले को देख रहे चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर हरिंदर सिंह सेखों ने बताया कि इलाके से मिले सीसीटीवी फुटेज व अन्य जानकारियों के आधार पर एक आरोपी को पकड़ा गया है जो कि नाबालिग है। अगवाह व कत्ल की धाराएं लगाई गई हैं।जिला अटोर्नी से पोक्सो एक्ट की धाराएं लगाने के बारे चर्चा कर रहे हैं।

इस लिए हम पूरी पोस्टमोर्टेम रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहे हैं।दूसरी तरफ बच्ची की लाश मिलने के बाद पुलिस विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे लोगों के समूह में से गिफ्तार किये गए नौजवानों का मुद्दा भी चर्चा का विषय बना हुआ। जब प्रदर्शन हो रहा था तो इलाके में एक लाइब्रेरी चलाने वाले व बच्चों को पढ़ाने वाले नौजवान भारत सभा से जुड़े कार्यकर्ता और छात्र संगठनों से जुड़े छात्र भी वहां पहुंचे हुए थे।

काफी समय प्रदर्शनस्थल पर ट्रैफिक भी जाम रहा। इसी दौरान तीन नौजवानों को पुलिस गिफ्तार कर लेती है जिनमें से एक हल्लोमाजरा का स्थानीय निवासी गोपाल है जो एक दुकान चलाता है, दूसरा वैभव नौजवान भारत सभा से जुड़ा है और तीसरा अमन पंजाब स्टूडेंट यूनियन (ललकार) से जुड़ा है।
 
गोपाल की पत्नी पूजा ने बताया, “जब बच्ची की घटना बारे लोगों को पता लगा तो इलाके के लोग इकठ्ठा होना शुरु हो गए, हर कोई घबरा गया था। मेरे पति भी चले गए।जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो मेरे पति,  पुरुष पुलिस द्वारा वहां मौजूद महिलाओं पर किये जा रहे लाठीचार्ज का विरोध कर रहे थे। इसी जुर्म में पुलिस ने उन्हें गिफ्तार कर लिया।लोग पोस्टमोर्टेम रिपोर्ट की जानकारी मांग रहे थे और अपराधियों की गिफ्तारी की मांग कर रहे थे।”

 

गिरफ्तार किया गया नौजवान अमन पंजाब यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी है। वह सामाजिक सरोकारों व विद्यार्थी मुद्दों पर लगातार आवाज़ उठाता आ रहा है। वैभव पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सोशियोलॉजी विभाग का विद्यार्थी है, वह पिछले पांच सालों से विद्यार्थी व सामाजिक जनआंदोलनों में हिस्सा लेता रहा है।

 हमें कुछ पंजाब यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों व स्थानीय लोगों ने बताया कि लोगों के प्रदर्शन में से पकड़े गए विद्यार्थी हल्लोमाजरा में गरीब बच्चों को मुफ्त ट्यूशन पढ़ाते हैं। किसान आन्दोलन व सीएए विरोधी आन्दोलनों में वे बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं। पुलिस बच्ची के कातिलों को पकड़ने की बजाय इंसाफ मांग रहे लोगों को जेलों में डाल रही है।

छात्र नेता अमनदीप कौर ने कहा, “चंडीगढ़ पुलिस उत्तर प्रदेश मॉडल को लागू करने में लगी हुई है। अब हक के लिए आवाज़ उठाना अपराध बन गया है। पुलिस ने इन नौजवानों पर 147, 149, 330, 332, 341 व 353 जैसी आपराधिक धाराएं लगाई हुई हैं।”

सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट आरती का कहना है, “हमने अपने तौर पर की पड़ताल में पाया है की भाजपा के स्थानीय नेता भी पुलिस पर दवाब बना रहे हैं कि मामले को दबाया जाए ताकि कुछ महीने में होने वाले काउंसिल चुनावों में उनकी पार्टी को नुकसान न झेलना पड़े।"

याद रहे कि चंडीगढ़ प्रशासन की बागडोर इन दिनों भाजपा के पास है। स्थानीय लोगों ने हमें एक वीडियो भी दिखाई, जिसमें कुछ राजनीतिक लोग आम लोगों को प्रदर्शन से चले जाने की धमकी दे रहे हैं।

चंडीगढ़ को बेशक शांत शहर के रूप में जाना जाता है लेकिन पिछले कुछ समय से महिलाओं से होने वाले अपराधों में इजाफ़ा हुआ है व पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में रही है। कुछ साल पहले हरियाणा के भाजपा नेता सुभाष बराला के बेटे द्वारा वर्णिका कुंडू से छेड़खानी के मामले पुलिस की भूमिका दोषी को बचाने वाली रही थी।

शहर में थोड़े समय में ही रेप के चार बड़े मामले आ चुके हैं जबकि छेड़खानी की घटनाओं का कोई हिसाब ही नहीं हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मानव का कहना है कि चंडीगढ़ अब महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर नहीं रहा। पिछले समय में घटी घटनाओं ने यह साबित कर दिया है। हमें इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि यदि आपराधिक घटना किसी मध्य वर्ग की महिला से या फिर रसूखदार परिवार की महिला से घटती है तो उस विरुद्ध आवाज़ उठ जाती है, लेकिन जब यही अपराध किसी मजदूर वर्ग की महिला से होता है तो उसके पक्ष में उतनी आवाजें नहीं उठती।

 पहले तो परिवार ही मामले को दबाने की कोशिश करता है, यदि परिवार आवाज़ उठाये तो पुलिस मामले को दबा देती है, वह रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करती। चंडीगढ़ भी दो है, एक वह जो चकाचोंध वाला है, जिसकी खूबसूरती के चर्चे होते हैं, दूसरा चंडीगढ़ वह है, जिसमें गरीब मज़दूर रहते हैं, उनका दुःख दर्द किसी को दिखता, खासकर मजदूर परिवार की महिलाओं का दुख दर्द तो किसी को नहीं दिखता।

chandigarh
rape case
chandigarh child rape case
BJP in chandigrah
police action on child rape case

Related Stories

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

यूपी: अयोध्या में चरमराई क़ानून व्यवस्था, कहीं मासूम से बलात्कार तो कहीं युवक की पीट-पीट कर हत्या

असम: बलात्कार आरोपी पद्म पुरस्कार विजेता की प्रतिष्ठा किसी के सम्मान से ऊपर नहीं

बिहारः पांच वर्ष की दलित बच्ची के साथ रेप, अस्पताल में भर्ती

राजस्थान: रेप के आरोपी ने दोस्तों के साथ मिलकर दलित लड़की पर चाकू से किया हमला

बिहारः बंधक बनाकर नाबालिग लड़की से गोरखपुर में 1 महीने तक किया गैंगरेप

महाराष्ट्र: 6 महीने में 400 लोगों ने किया नाबालिग का कथित दुष्कर्म, प्रशासन पर उठे सवाल!

बिहारः नाबालिग लड़की से गैंगरेप, एक आरोपी हिरासत में

ग्राउंड रिपोर्टः आजमगढ़ में दलित बच्ची से रेप की घटना को दबाने में लगा पुलिसिया सिस्टम, न्याय के लिए भटकता परिवार 


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License