NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
Social Movements of ALBA : कोलंबिया में सामाजिक कार्यकर्तों के क़त्ल पर रोक लगे
शांति समझौते के बाद 300 से ज़्यादा लोगों का क़त्ल हो चुका है। 
द डॉन न्यूज़
17 Jul 2018
Translated by ऋतांश आज़ाद
colombia

कोलंबिया में लगातार हालात ख़राब हो रहे हैं , वहाँ लगातार सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हमले बढ़ रहे हैं। हर दिन किसी न किसी सामाजिक कार्यकर्त्ता के किसी अनजान शख्स द्वारा मारे जाने की खबर आ रही है। यह खबरों से पूरे महाद्वीप के सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों के लिए चिंता का विषय बन रही हैं। एक रिपोर्ट जिसका नाम "‘All Names All Faces" है के अनुसान इस साल अब तक 123 सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या  की जा चुकी है। हालातों को देखते हुए 'The Continental Platform of Social Movements of ALBA' जो कि लैटिन अमरीकी और कैरीबियाई देशों के सामाजिक संगठनों का एक मंच है ,ने ये स्टेमेंट जारी  किया है : 

पिछले कुछ हफ़्तों से कोलंबिया में सामाजिक कार्यकर्ता उन अर्धसैनिक बालों के शिकार हुए हैं जो कि देश के विभिन्न कोनों में चल रहे सामाजिक आंदोलनों  को खामोश कराने और उनमें बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं। विभिन्न राजनीतिक और क्षेत्रीय माँगो से जुड़े लोग जो कि अलग अलग समुदायों के प्रतिनिधि रहे हैं, के सोची समझी चाल के तहत क़त्ल से अर्धसैनिक बल राज्यों पर अपने वर्चस्व कायम करना चाहते हैं। इसके साथ ही उनकी कोशिश है कि वह वभिन्न  इलाकों में मौजूद सामाजिक और राजनीतिक दलों को आपराधि साबित कर दें। 
,
Continental Platform of ALBA Movements की तरफ से हम इसकी निंदा करते हैं और हम कोलंबिया के सामाजिक आंदोलन की सामाजिक और राजनीतिक स्तिथि वो संवेदना से देख रहे हैं। जनवरी से जुलाई 2018 के बीच 100 सामाजिक कार्यकर्तों के क़त्ल हो चुके हैं और पिछले महीने इस आँकड़े में तेज़ी से बढ़ौतरी हुई है, पिछले महीने देश भर में 16 सामाजिक कार्यकर्तों के क़त्ल हुए थे। इसमें वह लोग शामिल थे जो कि मानवाधिकार संगठनों के लिए काम कर चुके थे , ज़मीनों को लौटाने में शामिल रहे थे या फिर सम्बंधित कोलंबिया हूमाना के राष्ट्रपति के प्रचार में शामिल थे। शांति समझौते के बाद 300 से ज़्यादा लोगों का क़त्ल हो चुका है। 

हम ये माँग करते हैं कि कोलम्बियाई राज्य  हमारे महाद्वीप के सामाजिक आंदोलन पर इस दमन को बंद करे। Social Movements of ALBA से जुड़े सभी लैटिन अमरीकी और कैरेबियाई देशों के सामाजिक कार्यकर्ताओं की ज़िन्दगी की रक्षा के लिए राज्य में अर्धसैनिक बलों के खिलाफ लड़ाई ज़रूरी है। ये अर्धसैनिक बल देश विभिन्न इलाकों में मौजूद हैं और कोलम्बियाई लोगों के लिए एक खतरा बने हुए हैं। 

2006 में कोलम्बियाई सरकार द्वारा दस्तखत किया हुआ शांति समझौता देश में सामाजिक आंदोलनों को बचाने का मूल जरिया है। क्यूबा की राजधानी हवाना  में अपनाये  गए इस समझौते में ऐसे कई उपयुक्त तंत्र  हैं जिनसे उन लोगों को सुरक्षा मिल सकती है जो राज्य में शांति के प्रयास कर रहे हैं। इसीलिए कोलम्बियाई राज्य को इस शांति समझौते के प्रति वफादार रहते हुए इसे पूरी तरह लागू करना चाहिए और सामाजिक आंदोलनों पर दमन  को रोक देना चाहिए और सामाजिक कार्यकर्ताओं  की गिरफ्तारियों पर रोक लगा देनी चाहिए। 

सामाजिक  कार्यकर्ता होना कोई गुनाह नहीं। 

कोलंबिया की शांति हमारे अमरीका  की शांति है। 

लैटिन अमरीका शांति का क्षेत्र  है। 
 

colombia
Latin America
ALBA
Social Movements of ALBA

Related Stories

केवल विरोध करना ही काफ़ी नहीं, हमें निर्माण भी करना होगा: कोर्बिन

पैसा पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक व्यवस्था को तबाह कर रहा है!

26 नवंबर की आम हड़ताल बनी विश्व इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल

नागरिकों ने की शांति की अपील, हिंसा में अब तक 22 मौतें और अन्य ख़बरें

CAB को कैबिनेट की हाँ, चिदंबरम को मिली जमानत, ट्रम्प का विरोध और अन्य


बाकी खबरें

  • भाषा
    महाराष्ट्र : एएसआई ने औरंगज़ेब के मक़बरे को पांच दिन के लिए बंद किया
    19 May 2022
    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए, ताकि लोग वहां न जाएं। इसके बाद, औरंगाबाद के…
  • मो. इमरान खान
    बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’
    19 May 2022
    रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुत्ववादी भीड़ की हरकतों से पता चलता है कि उन्होंने मुसलमानों को निस्सहाय महसूस कराने, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और उन्हें हिंसक होकर बदला लेने के लिए उकसाने की…
  • वी. श्रीधर
    भारत का गेहूं संकट
    19 May 2022
    गेहूं निर्यात पर मोदी सरकार के ढुलमुल रवैये से सरकार के भीतर संवादहीनता का पता चलता है। किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने की ज़िद के कारण गेहूं की सार्वजनिक ख़रीद विफल हो गई है।
  • एम. के. भद्रकुमार
    खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन
    19 May 2022
    संयुक्त अरब अमीरात में प्रोटोकॉल की ज़रूरत से परे जाकर हैरिस के प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन और बर्न्स की मौजूदगी पर मास्को की नज़र होगी। ये लोग रूस को "नापसंद" किये जाने और विश्व मंच पर इसे कमज़ोर किये…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी 
    19 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,364 नए मामले सामने आए हैं, और कुल संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 29 हज़ार 563 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License