NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
दिल्ली में ऑनलाइन शिक्षा और फ़ीस बढ़ोत्तरी को लेकर शिक्षक और छात्रों ने आवाज बुलंद की
मंगलवार को दिल्ली में  शिक्षकों  और छात्रों ने एक वर्चुल प्रेस वार्ता की। जिसमें उन्होंने माहमारी के समय छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा की तरफ धकेलने की सरकार की नीति की आलोचना की और इसे शिक्षा के लिए खतरनाक बताया।  
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Aug 2020
दिल्ली में ऑनलाइन शिक्षा और फ़ीस बढ़ोत्तरी को लेकर शिक्षक और छात्रों ने आवाज बुलंद की

कोरोना महामारी के समय ऑनलइन शिक्षा के बढ़ते दबाव और लगातार बढ़ती फीस के साथ अपने कई अन्य मांगों को लेकर शिक्षक और छात्रों ने अपनी आवज़ बुलंद की। मंगलवार को  शिक्षक और छात्रों ने एक वर्चुल प्रेस वार्ता की। जिसमें उन्होंने माहमारी के समय छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा की तरफ धकेलने की सरकार की निति की आलोचना की और इसे शिक्षा के लिए खतरानाक बताया।  
 
इस वार्ता  में मुख्य रूप से दिल्ली के छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। 

इस वर्चुअल प्रेस वार्ता का आयोजन जूम मीट पर हुआ और इसका सीधा प्रसारण SFI दिल्ली राज्य कमेटी के फेसबुक पेज पर भी  किया गया। इस वार्ता को डूटा कोषाध्यक्ष  प्रोफेसर आभा देव हबीब, डटीएफ अध्यक्ष और पूर्व  डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर नंदिता नारायण, जेएनयूएसयू अध्यक्ष आईषी घोष
अंबेडकर विश्वविद्यालय कश्मीरी गेट छात्र परिषद के कोषाध्यक्ष शुभोजीत डे, लेडी श्रीराम कॉलेज छात्रसंघ की महासचिव उन्नीमाया, गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कार्तिक राय ,और कई अन्य विश्वविद्यालय के छात्र प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया ।

सभी वक्ताओं ने ऑनलाइन कक्षाओं  और वर्तमान समय में प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन की खामियों को उजागर किया । इसके साथ ही  कॉलेजों द्वारा हाल में की गई फीस बढ़ोतरी की भी निंदा की।  दोनों समुदायों यानी शिक्षक और छात्रों ने जो अपने अनुभव साझा किए, वो देश में शिक्षा की बदहाली की ओर इशारा करते हैं। ये अनुभव देश की राजधानी के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों के हैं, जो उच्च शिक्षा का एक केंद्र है। जहां देशभर के छात्र आने का प्रयास करते हैं.

छात्रों और शिक्षकों ने कहा कि कोरोनोवायरस-प्रेरित लॉकडाउन के मद्देनजर, जिसने इस साल मध्य मार्च से विश्वविद्यालयों को बंद करने पर मजबूर किया , इसके पूरक उपाय के रूप में  डिजिटल  शिक्षण को कॉलेज प्रशासन द्वारा लागू किया गया । जो अपर्याप्त बुनियादी ढाँचे की वजह से   पूरी तरह नाकाम है ।

उन्होंने कहा कि इसने हाशिए के छात्रों और आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को शिक्षा से बाहर किया है ।

6 जुलाई को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर पर अपने दिशानिर्देशों को संशोधित किया , अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य बना दिया और सितंबर के अंत तक परीक्षा की अवधि बढ़ा दी। इस कदम का शिक्षकों और छात्रों दोनों ने इसका विरोध किया   हालाँकि, यूजीसी  परीक्षा आयोजित कराने की जिद पर अड़ी हुई है, जबकि दूसरी तरफ देश में कोरोना के मामलों में भी वृद्धि जारी है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय द्वारा इस कोरोना काल में जिस तरह प्रशासन द्वारा एग्जाम कराए गए और लॉकडाउन में छात्रों को जिस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, इसको लेकर जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष अशी घोष ने कहा कि“छात्र कश्मीर से जेएनयू आते हैं, जहां इंटरनेट ही बन्द है, इसके अलावा छात्र बिहार, असम जैसे  राज्यो से है,  जहां अभी बाढ़ का कहर है। इसके साथ ही कई छात्रों को कोरोन  सेन्टर में रहना पड़ा रहा या उनके परिवार में कोई संक्रमित है। उन्होंने कहा किये वास्तविकता है, हालांकि, जेएनयू प्रशासन के लिए चिंता का कारण नहीं है और वो ऑनलाईन व्यवस्था की ओर  बढ़ रहा है ।

घोष ने अगले सेमेस्टर के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की घोषणा करते हुए हाल ही में अधिसूचना के लिए प्रशासन की आलोचना की और कहा कि छात्रावास शुल्क और रखरखाव शुल्क सहित बकाया राशि को हटाया जाना चाहिए ।

उन्नीमाया Unnimaya, महासचिव, लेडी श्री राम कॉलेज  स्टूडेंट्स यूनियन, ने ऑनलाइन शिक्षा  की गड़बड़ियों के बारे में बात करते हुए उन छात्रों  की ओर इशारा किया जिनकी शिकायत है कि वो स्क्रीन समय बढ़ने के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं ।

दूसरा, खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी अभी भी एक मुद्दा बना हुआ है ।

विश्वविद्यालयों को बंद करने से न केवल छात्रों को कठिनाई हुई, बल्कि कॉलेज प्रशासन द्वारा नियोजित कई कर्मचारियों को भी कठिनाई हो रही है ।

उनमें से कई मामले अलग-अलग कॉलेजों में ये कर्मचारी  सेवानिवृत्त होने या वेतन कटौती का सामना कर रहे हैं। इस संबंध में एक मामला दिल्ली विश्वविद्यालय के अंबेडकर गांगुली छात्रावास का है, जहां 19 सफाई कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के कथित तौर पर निकाल दिया गया था।

डीयू में लॉ फैकल्टी की छात्रा अमिषा नंदा, जो कि छात्रावास में रहती हैं, ने आज मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों की    फ़ीस माफ नहीं किए गई हैं परन्तु कर्मचारियों को धन की कमी के कारण बाहर किया जा रहा है ।

गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय है, जो एक दिल्ली का  राज्य विश्वविद्यालय है और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) है, जो कपड़ा मंत्रालय के तहत काम करता है । यहां के छात्रों ने यहां वसूली  जाने वाली मोटी फिस को लेकर अपनी शिकायत की जो की न केवल छात्रों बल्कि उनके परिवार के लिए भी चिंता का कारण बनी हुई है ।

दिल्ली टीचर्स फेडरेशन (DTF) की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने ऑनलाइन टीचिंग की ओर धकेलने को एक "व्यावसायिक निर्णय" बताया, जिसका उद्देश्य इस संक्रमण से बड़े व्यावसायिक समूहों को लाभ पहुंचाना है ।

उन्होंने कहा ये हमारे समाज में पहले से मौजूद आर्थिक भेदभावों को और बढ़ाएगा ।

दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (DUTA) की  कोषाध्यक्ष आभा देव हबीब ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा का औपचारिक रूप से हाल ही में अनुमोदित राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

उन्होंने कहा, " यह सार्वजनिक वित्त पोषित शिक्षा के विचार और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों पर हमला", उन्होंने कहा कि यह सब शिक्षकों और छात्रों की चिंताओं पर ध्यान दिए बिना "अलोकतांत्रिक" तरीके से किया जा रहा है।

एसफाआई के राज्य अध्यक्ष सुमित कटारिया और सचिव प्रीतीश मेनन ने विज्ञप्ति जारी करते हुए । प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु को बताया  जो इस प्रकार है:-

1. महामारी के दौरान विभिन्न मोर्चों पर सरकार विफल रही है। ऑनलाइन एग्जाम ना कराने की मांग की अनदेखी करने के बाद सरकार द्वारा प्रवेश परीक्षाओं की अचानक घोषणा ने एक नई अव्यवस्था को जन्म दे दिया है। नई शिक्षा नीति(NEP) ऑनलाइन शिक्षा की बहिष्करण के मॉडल पर केंद्रित है। सरकार ने छात्रों के हितों को ध्यान में रखने की बजाय डिजिटल शिक्षा उद्योग के मुनाफे को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति की घोषणा की है।
2. गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, ए यू डी, निफ्ट और जेएनयू के एमबीए और इंजीनियरिंग छात्रों से मुनाफाखोरी और लूट की जा रही है, तथा विरोध करने पर छात्रों को धमकियां दी जा रही हैं।
3. जेएनयू , एयूडी , दिल्ली विश्वविद्यालय और इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में ऑनलाइन शिक्षण, पंजीकरण और परीक्षाओं ने आपदा का माहौल पैदा कर दिया है।
4. सरकार और विश्वविद्यालयों को सभी हित धारकों जैसे शिक्षक छात्र को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनानी चाहिए और फैसले लेने चाहिए। जिन विश्वविद्यालयों में ऐसे निकाय मौजूद नहीं हैं वहां सरकार को इन आतिआवश्यक लोकतांत्रिक परिक्रमा ओं को मजबूत करने के लिए प्रक्रिया को तेज करना चाहिए।

Delhi
students
Teachers
Delhi University
DTF
DUTA
Online Education
UGC
Protests

Related Stories

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

बिहार : सातवें चरण की बहाली शुरू करने की मांग करते हुए अभ्यर्थियों ने सिर मुंडन करवाया

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को लेकर छात्रों में असमंजस, शासन-प्रशासन से लगा रहे हैं गुहार

नेट परीक्षा: सरकार ने दिसंबर-20 और जून-21 चक्र की परीक्षा कराई एक साथ, फ़ेलोशिप दीं सिर्फ़ एक के बराबर 


बाकी खबरें

  • अनिल जैन
    भाजपा-विरोध की राजनीति पर राहुल गांधी ने गहरी चोट पहुंचाई है
    19 May 2022
    भाजपा के ख़िलाफ़ एक व्यापक और मज़बूत विपक्षी मोर्चा बने, इसके लिए विपक्ष में सबसे बड़ी और अखिल भारतीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस ही नेतृत्वकारी पहल कर सकती है। लेकिन राहुल के बयान से लगता है कि वे ऐसे…
  • भाषा
    भाजपा में शामिल हुए पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़
    19 May 2022
    भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में जाखड़ ने केंद्र की सत्ताधारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु : विकलांग मज़दूरों ने मनरेगा कार्ड वितरण में 'भेदभाव' के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया
    19 May 2022
    विकलांग मज़दूरों को तय 4 घंटों की जगह 8 घंटे तक काम करने पर मजबूर किया जाता है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया
    19 May 2022
    कोलकाता में हुई डीवाईएफ़आई की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में 26 राज्यों के 450 डेलीगेट शामिल हुए।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेट : ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी अदालत को सौंपी गयी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे कल तक कार्यवाही रोकने को कहा
    19 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थानीय अदालत को इस मामले में कोई भी आदेश पारित करने से बचना चाहिए। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले पर शुक्रवार की दोपहर तीन बजे सुनवाई होगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License