NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
“अंतिम वर्ष की परीक्षा कराये बिना राज्य व विश्वविद्यालय छात्रों को प्रोन्नत नहीं कर सकते”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों को यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार ही अंतिम वर्ष की परीक्षायें करानी होंगी और इसमें किसी भी प्रकार की छूट के लिये उन्हें अनुमति लेनी होगी।
भाषा
28 Aug 2020
 “अंतिम वर्ष की परीक्षा कराये बिना राज्य व विश्वविद्यालय छात्रों को प्रोन्नत नहीं कर सकते”

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राज्य और विश्वविद्यालय 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षायें आयोजित किये बगैर छात्रों को प्रोन्नत नहीं कर सकते।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुये अंतिम वर्ष की परीक्षायें कराने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के फैसले को सही ठहराते हुये कहा कि अगर किसी राज्य को लगता है कि कोविड-19 महामारी की वजह से वह नियत तारीख तक परीक्षा आयोजित नहीं कर सकता है तो उसे नयी तारीख के लिये यूजीसी से संपर्क करना होगा।

पीठ ने कहा कि राज्यों को यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार ही अंतिम वर्ष की परीक्षायें करानी होंगी और इसमें किसी भी प्रकार की छूट के लिये उन्हें अनुमति लेनी होगी।

पीठ ने कहा, ‘‘राज्य आपदा प्रबंधन कानून के तहत अंतिम वर्ष की परीक्षायें स्थगित कर सकते हैं लेकिन इसके लिये नयी तारीख यूजीसी से परामर्श करके ही निर्धारित करनी होगी।’’

अंतिम वर्ष की परीक्षायें स्थगित करने के लिये शिव सेना के युवक प्रकोष्ठ युवा सेना सहित कई याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षायें कराने के यूजीसी के फैसले पर सवाल उठाये थे।

यूजीसी ने इससे पहले कहा था कि छह जुलाई के दिशानिर्देश विशेषज्ञों की सिफारिश पर आधारित हैं और विस्तृत मंत्रणा के बाद ही इन्हे तैयार किया गया है। यूजीसी ने कहा कि यह दावा करना गलत होगा कि इस दिशानिर्देशों के अनुसार अंतिम साल की परीक्षायें कराना संभव नहीं होगा।

 

Supreme Court
UGC
COVID-19
final year exam
student

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?


बाकी खबरें

  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष : बुलडोज़र के डंके में बज रहा है भारत का डंका
    02 May 2022
    बताइए, बुलडोजर चला हिंदुस्तान में। और लंदन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन से सवाल पूछे जा रहे हैं और वह भी संसद में!
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में 1 मई से 31 मई तक धारा 144 लागू
    02 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,157 नए मामले सामने आए हैं | देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 19 हज़ार 500 हो गयी है।
  • Democracy and Dynasty Politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोकतंत्र और परिवारवाद का रिश्ता बेहद जटिल है
    01 May 2022
    भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर विपक्ष को परिवारवाद के मुद्दे पर आड़े हांथों लिया हो। उन्होंने हमेशा यह कहा है कि भाजपा में परिवारवाद नहीं है। पर क्या यह सच है ? क्या है भारतीय लोकतंत्र में…
  • वसीम अकरम त्यागी
    लोगों के एक घर बनाने में टूटने और उजड़ जाने की कहानी
    01 May 2022
    देश में बुलडोज़र की राजनीति ने ऐसा आतंक मचाया है कि इसका ख़ौफ़ अब आम जन मानस के चेहरे पर साफ़ नज़र आ रहा है।
  • may day
    न्यूज़क्लिक टीम
    मज़दूर दिवस : हम ऊंघते, क़लम घिसते हुए, उत्पीड़न और लाचारी में नहीं जियेंगे
    01 May 2022
    न्यूज़क्लिक के नए कार्यक्रम 'सारे सुख़न हमारे' में हम बात करेंगे साहित्य की तमाम विधाओं के बारे में। 'सारे सुख़न हमारे' के पहले एपिसोड में हम बात कर रहे हैं मई दिवस के मद्देनज़र मेहनतकशों से जुड़ी कविताओं…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License