NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तीन मुस्लिम युवकों को चलती ट्रेन में पीटा गया
पीड़ितों के मुताबिक हमलावरों का कहना था कि वह उनका रूमाल ज़बरदस्ती हटायेंगे.
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Nov 2017
muslims beatn up

गुरुवार को 3 मुस्लिम युवकों को दिल्ली से हरिद्वार जा रही ट्रेन में भीड़ द्वारा पीटा गया. बताया जा रहा है कि इस हमले की मुख्य वजह थी कि इन तीनों लोगों ने सिर पर रुमाल बाँधा हुआ था. गुलज़ार अहमद, मोहम्मद इकबाल और अबू बर्क नाम के तीन लोगों को कथित तौर पर सलाखों और नुकीले हथियारों से चौल्दाहा नामक एक जगह के पास पीटा. ये सभी अपने गाँव से निज़ामुद्दीन दरगाह आये थे और वापस लौटते हुए इन्हें बाघपत स्टेशन पर उतरना, जो कि उनके गाँव के करीब है. बताया जा रहा है कि ये तीनों शख्स मौलवी हैं

घटना की जानकारी देते हुए पीड़ितों ने बताया कि जब ट्रेन अहेरा स्टेशन के करीब थी तभी 6 लोगों ने ट्रेन के डब्बे का दरवाज़ा लॉक कर दिया और उन्हें पीटने लगे. जब इन  युवाओं ने उनसे पूछा कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो हमलावरों का कहना था कि “सिर पर रुमाल क्यों बाँधते हो” . पीड़ितों के मुताबिक हमलावरों का कहना था कि वह उनका रूमाल ज़बरदस्ती हटायेंगे.

पीड़ितों को बुरी तरह पीटने के बाद सभी हमलावर अहेरा स्टेशन पर उतर गए. हमलावरों के जाने के बाद ये भागपत स्टेशन पर उतरे और कोतवाली में इसकी रिपोर्ट करायी. पुलिस का कहना है कि इस मामले में उन्होंने धारा 147 , धारा 323 और धारा 357 के अंतर्गत मामला दर्ज़ कर लिया है. पुलिस के मुताबिक ये ट्रेन में सीट को लेकर हुआ विवाद हो हो सकता है और इस तरह की घटनायें अक्सर होती रहती हैं. घटना के बाद पीड़ितों ने अपना इलाज बाघपत के एक सरकारी अस्पताल में कराया. हैरानी की बात ये है कि इस पूरी घटना के दौरान कोई भी सहयात्री इन लोगों को बचाने नहीं आया.

पिछले कुछ समय से इस तरह की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है, इसी साल 22 जून को 17 साल के जुनैद को एक भीड़ द्वारा ट्रेन में चाकू से क़त्ल कर दिया गया था. जुनैद के साथ उनके 3 भाइयों को भी बुरी तरह पीटा गया था . जुनैद के मामले में ये आरोप लग रहे हैं कि उनके केस में आरोपियों को बचाया जा रहा है . गुरुवार के मामले की तरह ही जुनैद के मामले में भी ट्रेन का कोई सहयात्री उसे और उसके भाइयों को बचाने नहीं आया था .

सरकार और उससे जुड़े कट्टर संगठनों द्वारा बनाए जा रहे माहौल का कहीं न कहीं आम लोगों की चेतना पर असर पड़ता है. मुसलमानों के खिलाफ बनायी जा रही आम राय शायद इस तरह की घटनाओं को प्रेरित करती होगी. इसके आलावा आम लोगों का इन मामलों में बीच बचाव न करना इस निर्दयी भीड़ के हौसले बुलंद कर रहा है. अगर इस भयानक प्रवृत्ति पर लगाम न लगायी गयी तो ये प्रवृत्ति लोकतंत्र को भीड़-तंत्र में तब्दील कर सकती है.

Communalism
Muslim clerics beaten
BJP
UP
Delhi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License