NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
टिस हैदराबाद के छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) के छात्रों के समर्थन में देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के छात्र व शिक्षक आगे आए हैं। सिविल सोसायटी ने भी छात्रों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर की है।
मुकुंद झा
17 Dec 2018
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) के छात्र

दस दिसंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस)  हैदराबाद के छात्र आज सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले गए हैं। उनके समर्थन में देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के छात्र व शिक्षक और सिविल सोसायटी के लोग आगे आए हैं और अपनी एकजुटता जाहिर की है। इसी क्रम आज रोहित वेमुला कि माँ राधिका वेमुला और उनके भाई राजा वेमुला ने भी इन छात्रों को अपना समर्थन दिया।

क्या है पूरा मामला ?

31 अक्टूबर को, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस), हैदराबाद के छात्रों को  एक समाचार पत्र विज्ञापन के माध्यम से पता चला कि परिसर को गैर आवासीय (नॉन रेजीडेंटल) बनाया जा रहा है और बीए सोशल साइंसेज कोर्स स्थगित कर दिया गया है। यह छात्रों के लिए सदमे कि तरह था , क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन से इसकी कोई आधिकारिक घोषणा  इससे पूर्व में नहीं की थी।

इससे परेशान छात्रों ने बार-बार प्रशासन से छात्र परिषद के प्रतिनिधियों के साथ बैठक और बातचीत करने की अपील की, लेकिन उनके अनुरोधों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। लेकिन जब  छात्रों ने फीस न  देने की धमकी दी तब  प्रबंधन एक बैठक करने के लिए सहमत हुआ।  22 नवंबर को, छात्र परिषद के प्रतिनिधियों ने टिस के मुंबई परिसर में निदेशक शालिनी भरत से मुलाकात की। हालांकि, शालिनी ने प्रतिनिधियों को बताया  कि कोई भी निर्णय वापस नहीं लिया जाएगा।

जब सेमेस्टर ब्रेक के बाद 3 दिसंबर को कॉलेज फिर से खुला तो बीए सोशल साइंसेज कोर्स के  छात्रों (सोशल साइंसेज यहां एकमात्र स्नातक पाठ्यक्रम है) ने अन्य विभाग के छात्रों को  एक साथ आने और बीए स्टूडेंट्स के इस संघर्ष को कलेक्टिव बनाने का फैसला किया। इसके लिए 10 दिसंबर को  एक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया और ये संघर्ष शुरू हुआ। 10 दिसंबर से ही  छात्र हड़ताल पर चले गए। छात्र लगातार कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं।

टिस की वर्तमान परिस्थति

आज आंदोलन के 8वें दिन छात्रों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। छात्रों के आंदोलन के समर्थन में सोमवार को राधिका वेमुला भी पहुंची और एक दिन की भूख हड़ताल में भी शामिल हुईं।

राधिका वेमुला ने आंदोलन को संबोधित करते हुए कहा कि ये सामाजिक न्याय कि लड़ाई है जो देश के सभी कैंपसों में छात्र लड़ रहे हैं। वो छात्रों की इस लड़ाई में उनके साथ हैं इसलिए वो आज टिस हैदराबाद पहुंची हैं। उन्होंने राज्य और देश के तमाम राजनीतिक दलों से इन छात्रों के समर्थन में आने कि अपील की।

WhatsApp Image 2018-12-17 at 12.27.37 PM.jpeg

 

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बीए सोशल साइंसेज कोर्स के तीसरे वर्ष के छात्र बिबिन थॉमस ने कहा "कॉलेज पूरी तरह बंद है। छात्र विश्वविद्यालय की इमारत के बाहर विरोध कर रहे हैं और फैकल्टी  को भी बाहर रोक दिया जाता है। जब तक हमारी मांगों को प्रशासन पूरा नही  करता है तब तक हम कक्षाओं को फिर से शुरू नहीं होने देंगे।"

एमए पाठ्यक्रमों के छात्रों ने भी अपना समर्थन बढ़ाया है। छात्रों ने कहा है कि वे कक्षाओं का बहिष्कार करना जारी रखेंगे, और तब तक विरोध करेंगे जब तक उनकी मांगें सुनी नहीं जाती।

उन्होंने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन, जो अब आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है, प्रशासन की तरफ से शुरुआत में किसी ने भी छात्रों के साथ बातचीत शुरू करने का कोई प्रयास नहीं किया, लेकिन बाद में आंदोलन को तेज़ होते देख टिस छात्रों की परिषद 2018-19 के प्रतिनिधियों से उपरोक्त मुद्दों पर चर्चा के लिए मुंबई कैंपस में निदेशक शालिनी भारत से मुलाकात की। उन्होंने स्पष्ट रूप से संवाद किया है कि इनमें से कोई भी निर्णय (गैर आवासीय टैग और बीए एस एस का विघटन) वापस नहीं किया जाएगा।

अंततः चौथे दिन, उप निदेशक, डॉ. शिवराजु परिसर में पहुंचे और जनरल बॉडी  के आग्रह के बावजूद विरोध करने वाले छात्रों को संबोधित करने से इंकार कर दिया। बार-बार अपील के बाद प्रशासन और छात्र प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान छात्रों को रोका गया  और उन्हें  बोलने नहीं  दिया गया, मुद्दों को उठाने की उनकी वैधता पर सवाल उठाए गए और छात्र निकाय की सामूहिक मांगों को हल करने के बजाये उन्हें खारिज़  कर दिया गया।

 इससे नाराज छात्र निकाय ने मांग की कि निदेशक डॉ. शालिनी भरत, रजिस्ट्रार डॉ. सीपी मोहन कुमार और उप निबंधक एम पी बलमुरुगन तुरंत छात्र निकाय से मिले  और उन्हें संबोधित करें। छात्रों के जनरल बॉडी  ने लॉकडाउन जारी रखने और परिसर में रहने का फैसला किया जब तक कि अधिकारी जनरल बॉडी की मांगों को नहीं मानते हैं।

tiss protest.jpg

हाल के घटनाक्रमों में जबकि मांगों की कोई पूर्ति नहीं हुई है, 14 दिंसबर को प्रोफेसर शिव राजू और आंतरिक प्रबंधन समिति द्वारा एक सार्वजनिक वक्तव्य जारी किया गया था, जिसमें आंदोलनरत छात्रों को  धमकी देने वाले अंदाज़ में बातें की गईं। इसमें छात्रों के एक समूह पर गलत जानकारी देने और अनुचित प्रचार करने का आरोप लगाया गया।

छात्र समुदाय ने कालेज प्रशासन के असंवेदनशील व्यवहार और छात्र परिषद को टिस प्रशासन द्वारा पूरी तरह से अनदेखा करने पर गुस्से का इज़हार किया है।

“प्रशासन के इस निर्णय से हाशिये और अति पिछड़े समुदाय के छात्र पर असर पड़ेगा”

प्रशासन हॉस्टल को खत्म करने के लिए कारण बता रहा है कि पिछले सत्र के छात्रों ने हॉस्टल की सुविधाओं को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किये थे, इसी कारण हमने हॉस्टल को खत्म करने का निर्णय लिया है, लेकिन छात्रों का कहना है कि ये कितना हास्यपद है कि आप समस्या का हल करने के बजाय समस्या को ही खत्म कर दे और विकट समस्या को खड़ा कर दे।

प्रशासन के  इस कदम से छात्र प्रभावित होंगे इस बारे में बात करते हुए, थॉमस ने कहा "इस परिसर को गैर आवासीय बनाने के कदम से हाशिये और अति पिछड़े समुदाय से आये छात्रों को बहुत प्रभावित करेगा। ये अधिकतर कॉलेज द्वारा दिए जाने वाली छात्रवृत्ति पर ही कॉलेज आते हैं, और इन छात्रवृत्ति का उपयोग तभी किया जा सकता है जब वे कॉलेज हॉस्टल में रह रहे हों। यदि हॉस्टल बंद है, तो उन्हें आवास ढूंढने के लिए मजबूर किया जाएगा, और उन्हें अपनी खुद की जेब से किराये का भुगतान करना होगा।

 

 

TISS
TISS Hyderabad
students protest
Students’ Movement
radhika vemula
TISS छात्र आन्दोलन

Related Stories

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत

स्मृति शेष: रोहित वेमूला की “संस्थागत हत्या” के 6 वर्ष बाद क्या कुछ बदला है

नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ AISA का 'रोल बैक NEP' अभियान

अज़ान पर कोहराम: छात्रों की वीसी से इस्तीफ़े की मांग, मस्जिद के लाउडस्पीकर की आवाज़ हुई आधी

तमिलनाडु : मेडिकल छात्रों का प्रदर्शन 50 दिन के पार; प्रशासन ने विश्वविद्यालय बंद कर छात्रों का खाना-पानी रोका

सुपवा: फीस को लेकर छात्रों का विरोध, कहा- प्रोजेक्ट्स-प्रैक्टिकल्स के बिना नहीं होती सिनेमा की पढ़ाई

TISS मुंबई ने सफ़दर हाशमी पर लिखी किताब का विमोचन रद्द किया

जामिया को लेकर वीडियो वार : जेसीसी ने कहा- हाथ में पत्थर नहीं, पर्स है

घायल छात्रों के बयान दर्ज करने के लिए एनएचआरसी टीम ने जामिया का दौरा किया  


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License