NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
टीवी डिबेट में संघ विचारक ने खुले आम दी सांप्रदायिक धमकी
“जिस दिन आपके खिलाफ प्रतिक्रिया हो जाएगी 15 मिनट क्या आप 15 सेकंड नहीं टिक पाएंगे”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Jan 2018
rakesh sinha
image courtesy : The Financial Express

आरएसएस के विचारक राकेश सिन्हा ने एक टीवी डिबेट में AIMIM के प्रवक्ता से बहस करते हुए कहा कि “जिस दिन आपके खिलाफ प्रतिक्रिया हो जाएगी 15 मिनट क्या आप 15 सेकंड नहीं टिक पाएंगे” I इसे मुसलमानों के खिलाफ दिए गए बयान के तौर पर देखा जा रहा है I गौरतलब है कि न्यूज़ 24 पर कासगंज में सामप्रदायिक तनाव पर ये टीवी डिबेट चल रही थी, जिसके दौरान ये बोला गया I

जब AIMIM के प्रवक्ता असीम वक़ार ने कहा कि ये “मुसलमानों को 15 सेकंड में खत्म करने की बात कर रहे हैं”, तो इस पर राकेश सिन्हा का कहना था वह AIMIM के नेता अकबरउद्दीन ओवैसी के सांप्रदायिक बयान का जवाब दे रहे थे I साथ ही वो कहने लगे कि वो मुसलमानों को मारने की बात नहीं कर रहे थे I

दरअसल 2015 में AIMIM के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक भड़काऊ भाषण दिया था जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था I राकेश सिन्हा ने आगे कहा कि “ इन प्रतिक्रियावादी लोगों को समझ जाना चाहिए कि भारत अब बदल गया है , ये नेहरुवादी भारत नहीं है I”

टीवी स्टूडियो में इस तरह के बयान नए नहीं है ख़ासकर तब जब ये डिबेट्स लगातार अपने आप में साम्प्रदायिकता को ही बढ़ावा देती हुई दिखाई पड़तीं हैं I

इसे समझने के लिए ज़्यादा पड़ताल की ज़रुरत नहीं है , कि पिछले कुछ सालों में लगतार जनता के मूल सवालों को उठाने के बजाये लगतार कॉर्पोरेट मीडिया लव जिहाद , राम मंदिर , तीन तलाक और वन्दे मातरम जैसे मुद्दों पर एक तरफा डिबेट क्यों कराती दिख रही है  I

इन बहसों  में एक तरफ़ बीजेपी या संघ से जुड़े हुए नेता होते हैं तो दूसरी तरह मुस्लिम नेता , इससे ये बहसें हिन्दू बनाम मुस्लिम बनकर रह जाती है I इससे न सिर्फ माहौल ख़राब हो सकता है बल्कि इसे तर्कसंगत सोच पर हमले की तरह और असली मुद्दों से भटकाने के प्रयास की तरह भी देखा जा सकता है I समझने वाली बात ये है कि ये वही न्यूज़ चैनल हैं जो हिन्दू बनाम मुसलमान की बहसों में आक्रामक होते दिखते हैं, पर  मूल मुद्दों जैसे बेरोज़गारी , किसानों की आत्महत्या , मजदूरों के न्यूनतम वेतन के सवाल, भुखमरी आदि मुद्दों पर सरकार से सवाल करते नहीं दिखते  I

इसी तरह की एक डिबेट में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने राम मंदिर पर बोलते हुए एक अन्य पैनलिस्ट को कहा “मौलाना जी आपसे मंदिर में आरती करवाएंगे I” बीजेपी और संघ से जुड़े नेता द्वारा लोगों को पाकिस्तान जाने की नसीहत देने का नज़ारा तो टीवी बहसों में आम हो गया है I इन सांप्रदायिक बयानों का इतना आम हो जाना देश के लिए एक खतरे की घंटी है I 

राकेश सिन्हा का ये बयान जिसमें वह साफ़ तौर पर धमकी देते हुए दिखाई पड़ते हैं उस समय आ जब उत्तर प्रदेश के कासगंज में सांप्रदायिक दंगे में एक व्यक्ति घायल हो गया है और एक की मौत हो गयी है I ऐसे समय में इसके भयानक परिणाम देखने को मिल सकते हैं I

राकेश सिन्हा
rakesh sinha
sangh ideologue
BJP-RSS
kasganj violence
Communalism

Related Stories

मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?

क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?

सारे सुख़न हमारे : भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी की शायरी

पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?

'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’


बाकी खबरें

  • सत्यम् तिवारी
    देश भर में निकाली गई हनुमान जयंती की शोभायात्रा, रामनवमी जुलूस में झुलसे घरों की किसी को नहीं याद?
    16 Apr 2022
    एक धार्मिक जुलूस से पैदा हुई दहशत और घायल लोगों की चीख़-पुकार अभी फ़िज़ा में मौजूद है कि राजधानी दिल्ली सहित देश भर में एक और त्योहार के जुलूस निकाले गए। और वह भी बाक़ायदा सरकारी आयोजन की तरह। सवाल…
  • पलानीवेल राजन सी
    अपनी ज़मीन बचाने के लिए संघर्ष करते ईरुला वनवासी, कहा- मरते दम तक लड़ेंगे
    16 Apr 2022
    पिल्लूर में स्थानीय समुदायों की लगभग 24 बस्तियां हैं, जो सामुदायिक वन अधिकारों की मांग कर रही हैं, जैसा कि एफआरए के तहत उन्हें आश्वस्त किया गया था।
  • रूबी सरकार
    बुलडोज़र की राजनीति पर चलता लोकतंत्र, क्या कानून और अदालतों का राज समाप्त हो गया है?
    16 Apr 2022
    जिस तरह एक ख़ास धर्म के ख़िलाफ़ माहौल बनाने के लिए भाजपा की राज्य सरकारें बुलडोज़र को आगे कर रही हैं उससे लोकतंत्र हर रोज़ मरणासन्न स्थिति की ओर जा रहा है। 
  • सत्यम श्रीवास्तव
    कन्क्लूसिव लैंड टाईटलिंग की भारत सरकार की बड़ी छलांग
    16 Apr 2022
    देश में मौजूद ज़मीन के हर एक पीस/प्लॉट का एक आधार नंबर दिया जाना जिसे इस बजट भाषण में यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) कहा गया है। इसके लिए बाज़ाब्ता ज़मीन के हर टुकड़े के अक्षांश और देशांत…
  • विजय विनीत
    पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन
    16 Apr 2022
    पेपर लीक मामले में पत्रकारों की गिरफ़्तारी और उत्पीड़न के खिलाफ आज बलिया में ऐतिहासिक बंदी है। बलिया शहर के अलावा बैरिया, बांसडीह, बेलथरा रोड, रसड़ा और सिकंदरपुर समेत ज़िले के सभी छोटे-बड़े बाज़ार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License