NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
तालिबान के हमले में 14 अफ़ग़ान सुरक्षा बल सैनिक मारे गए
अशरफ़ ग़नी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा स्थाई युद्धविराम के लिए बार-बार आह्वान करने के बावजूद तालिबान द्वारा हमले जारी हैं।
पीपल्स डिस्पैच
21 Aug 2020
तालिबान

अफ़ग़ानिस्तान में अस्थिर उत्तर-पश्चिमी तखार प्रांत में 20 अगस्त को एक हमले में कम से कम 14 सुरक्षा बल मारे गए। अशरफ़ ग़नी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा इंट्रा-अफगान वार्ता की आवश्यकता पर ज़ोर देने और विद्रोही तालिबान क़ैदियों के आख़िरी समूह को रिहा करने के बावजूद सुरक्षा बलों को भारी नुकसान हुआ है।

तालिबान विद्रोहियों ने तखार के ख्वाजा बहाउद्दीन ज़िले में पब्लिक अपराइजिंग फोर्स पर हमला कर दिया। इसके बाद दोनों में देर रात दो घंटे तक संघर्ष चला जिसमें चार सुरक्षाकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। टोलोन्यूज़ और खामा ने इस घटना की जानकारी दी है।

मंगलवार को अफगान बलों ने नंगरहार प्रांत के नाज़ियान ज़िले में तालिबानियों द्वारा रखे गए आठ बारुदी बम को निष्क्रिय और एक तालिबानी कमांडर को मार गिराते हुए विद्रोही अभियान को रोकने पर मजबूर कर दिया था।

तालिबान ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, धर्मगुरुओं और सरकारी कर्मचारियों के ख़िलाफ़ निशाना साधते हुए इस महीने में कई हमले किए हैं। सरकार की वार्ता टीम की सदस्य 45 वर्षीय फ़ौज़िया कूफ़ी पर हत्या का प्रयास किया गया था। यह हमला 15 अगस्त को काबुल के परवन प्रांत में हुआ था जिसमें अफगान महिला अधिकार से जुड़ी प्रचारक बच गईं लेकिन इस हमले में उनके दाहिने हाथ गंभीर रूप से जख़्मी हो गए थे।

अफ़ग़ानिस्तान इंडिपेंडेंट ह्यूमन राइट्स कमिशन के अनुसार, साल 2020 की पहले छह महीने में देश में हुए कम से कम 880 हिंसक घटनाओं में कुल 1,213 नागरिकों ने अपनी जान गंवाई जबकि 1,744 लोग घायल हुए।

फरवरी महीने में कतर की राजधानी दोहा में यूएस-तालिबान शांति समझौते के बाद से युद्ध विराम की कई घोषणाओं के बावजूद तालिबान और अफ़ग़ान सरकार के बीच कोई सीधी बातचीत नहीं हुई है। हाल ही में अमेरिका के रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने एक इंटरव्यू में कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद अमेरिकी सैनिकों की संख्या नवंबर 2020 के अंत तक घटकर 5,000 हो जाएगी।

TALIBAN
afghan security forces
Ashraf Ghani
Afghanistan

Related Stories

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

काबुल में आगे बढ़ने को लेकर चीन की कूटनीति

तालिबान के आने के बाद अफ़ग़ान सिनेमा का भविष्य क्या है?

अफ़ग़ानिस्तान हो या यूक्रेन, युद्ध से क्या हासिल है अमेरिका को

बाइडेन का पहला साल : क्या कुछ बुनियादी अंतर आया?

सीमांत गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष: सभी रूढ़िवादिता को तोड़ती उनकी दिलेरी की याद में 

पाकिस्तान-तालिबान संबंधों में खटास

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License