NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तमिलनाडु में ई-सेवा और आधार कर्मचारी उचित वेतन की मांग को लेकर आंदोलन में उतरे
प्रबंधन "अपर्याप्त हाजिरी" का हवाला देते हुए उनके वेतन के एक बड़े हिस्से में कटौती कर रहा है।
निलीना एस.बी
11 Dec 2018
सांकेतिक तस्वीर

चेन्नई: तमिलनाडु के ई-सेवा कर्मचारियों और आधार नामांकन कर्मचारियों ने 9 दिसंबर को थूथुकुडी और तिरुची में उचित मजदूरी और नौकरी स्थल पर बेहतर स्थिति उप्लब्ध कराने की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।

11 जिलों के 300 से अधिक डेटा एंट्री ऑपरेटरों ने आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) और आईटीईएस (सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं) कर्मचारियों (यूनिट) ने विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया।

आखिरी हफ्तों में वेतन में आयी समस्या के कारण ऑपरेटर दूसरी बार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

डाटा एंट्री ऑपरेटर को वेतन के रूप में प्रति माह 7,000 से 8,000 रुपये का भुगतान किया जाता है, जो पहले से ही घोषित न्यूनतम मजदूरी से काफी कम है। हालांकि, सितंबर के बाद से उन्हें प्रति माह 3,000 से 4,000 रुपये का वेतन मिल रहा है। प्रबंधन ने "अपर्याप्त हाज़िरी" का हवाला देते हुए उनके वेतन का एक बड़ा हिस्सा काट लिया है। ऐसा लगता है कि इस सिस्टम में बड़ी कमी है जो कि ऑपरेटरों की बॉयोमीट्रिक उपस्थिति रिकॉर्ड करता है। अब तक, प्रबंधन इस विसंगति को ठीक करने में न ही कामयाब हुआ है और न ही इस विसंगति को समझा पाया है।

इसके अलावा, मज़दूर अनुबंध अधिनियम स्पष्ट रूप से बताता है कि 480 दिनों से अधिक समय तक काम करने वाले किसी भी कर्मचारी को स्थायी पद दिया जाना चाहिए। लेकिन, ऑपरेटर, जो तीन साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं, अभी भी अनुबंध के तहत काम कर रहे हैं। यह यूनिट द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों में से एक है। श्रमिकों ने यह भी मांग की है कि ई-सेवा केंद्रों में उचित आधारभूत सुविधाओं के साथ-साथ उनका न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए। वर्तमान में श्रमिकों के लिए शौचालय की सुविधा नहीं है, और उन्हें कार्यालय की आपूर्ति के लिए उन्हे अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ता है।

प्रदर्शनकारियों ने प्रबंधन और सरकार के खिलाफ उनकी निष्क्रियता और उदासीनता के खिलाफ नारे लगाए। विरोध कर रहे एक कर्मचारी ने, जिसने विरोध स्थल पर बात की, सरकार के भ्रष्टाचार को निशाना बनाया, और कहा कि मजदूर इस मामले में अपनी तरफ से हस्तक्षेप के तहत सरकार को आयोग के रूप में अपने वेतन का 30 प्रतिशत भुगतान करने को तैयार हैं। (राज्य सरकार ने आरोप के आधार को मना कर दिया गया है कि वे हर परियोजना के लिए 30 प्रतिशत कमीशन लेते हैं)।

यूनाइट के महासचिव अलागुनंबी वेल्किन ने कहा, "यह उचित मजदूरी और बेहतर नौकरी के माहौल की मांग के लिए हमारे विरोध का दूसरा चरण है।" "इसके बाद, हम ई-सेवा श्रमिकों और आधार नामांकन श्रमिकों के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए एक राज्यव्यापी प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। हम केवल तभी विरोध प्रदर्शन बंद करेंगे जब हमें श्रम विभाग या प्रबंधन से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है।"

21 नवंबर को, श्रमिकों ने यूनाइट (UNITE) के तहत चेन्नई में वल्लुवार कोट्टम में अन्य मांगों के साथ इस मुद्दे को उठाकर एक प्रदर्शन किया। यह पहली बार था जब राज्य में डेटा एंट्री ऑपरेटरों को संगठित किया गया था।

टीएसीटीवी (तमिलनाडु अरासु केबल टीवी कॉर्पोरेशन लिमिटेड), एक सरकारी संचालित कंपनी राज्य के ई-सेवा केंद्रों का प्रभारी है। वे केंद्रों को ठेकेदारों को आउटसोर्स करते हैं, जो बाद में काम के लिए डेटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती करते हैं। इसने ऑपरेटरों के लिए एक अस्थिर कार्य का वातावरण बना दिया है, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं।

e-sevai workers
Aadhaar enrolment workers
UNITE
minimum wage
tamil nadu
TACTV

Related Stories

पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल

तमिलनाडु : विकलांग मज़दूरों ने मनरेगा कार्ड वितरण में 'भेदभाव' के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया

तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है

सीपीआईएम पार्टी कांग्रेस में स्टालिन ने कहा, 'एंटी फ़ेडरल दृष्टिकोण का विरोध करने के लिए दक्षिणी राज्यों का साथ आना ज़रूरी'

क्यों है 28-29 मार्च को पूरे देश में हड़ताल?

28-29 मार्च को आम हड़ताल क्यों करने जा रहा है पूरा भारत ?

तमिलनाडु राज्य और कृषि का बजट ‘संतोषजनक नहीं’ है

तमिलनाडु के चाय बागान श्रमिकों को अच्छी चाय का एक प्याला भी मयस्सर नहीं

पड़ताल: गणतंत्र दिवस परेड से केरल, प. बंगाल और तमिलनाडु की झाकियां क्यों हुईं बाहर

मेकेदत्तु बांध परियोजना: तमिलनाडु-कर्नाटक राज्य के बीच का वो विवाद जो सुलझने में नहीं आ रहा! 


बाकी खबरें

  • अफ़ज़ल इमाम
    पीके से कांग्रेस की डील क्यों हुई फ़ेल?
    30 Apr 2022
    दिलचस्प बात यह है पीके से कांग्रेस की बातचीत टूटने को लेकर गोदी मीडिया में काफ़ी हायतौबा मची हुई है। यह बताने की कोशिश की जा रही है कि कांग्रेस ने पीके को अपने साथ न लेकर बहुत बड़ी ग़लती कर दी है।
  • भरत डोगरा
    क्यों आर्थिक विकास योजनाओं के बजट में कटौती कर रही है केंद्र सरकार, किस पर पड़ेगा असर? 
    30 Apr 2022
    योजनाबद्ध आर्थिक विकास के बजट में कटौती जारी है क्योंकि अर्थव्यवस्था और समाज के लिए मौजूद दीर्घकालिक लक्ष्यों को अभी के लिए मुल्तवी कर दिया गया है।
  • अनिल जैन
    उमर खालिद पर क्यों आग बबूला हो रही है अदालत?
    30 Apr 2022
    अमरावती के जिस कार्यक्रम में उमर खालिद का भाषण हुआ था, वहां उनका परिचय एक इन्कलाबी और क्रांतिकारी खयालों वाले छात्र नेता के रूप में दिया गया था। उच्च अदालत ने इन दोनों शब्दों (इन्कलाबी और क्रांतिकारी…
  • सीमा शर्मा
    ‘जलवायु परिवर्तन’ के चलते दुनियाभर में बढ़ रही प्रचंड गर्मी, भारत में भी बढ़ेगा तापमान
    30 Apr 2022
    जलवायु वैज्ञानिकों की ओर से किये जा रहे एक ताज़े विश्लेषण में गर्मी की लहरों को जलवायु परिवर्तन से सीधे तौर पर जोड़कर देखा जा रहा है, जबकि इससे यह संकेत मिल रहा है कि जलवायु परिवर्तन ने भारत में…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में लगातार तीसरे दिन कोरोना के 3 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 
    30 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,688 नए मामले सामने आए हैं | इसमें 43 फ़ीसदी से ज़्यादा यानी 1,607 मामले अकेले दिल्ली से सामने आए हैं | 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License