NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तमिलनाडुः स्टरलाइट-विरोधी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई
अगस्त महीने में मद्रास उच्च न्यायालय ने 22 मई को हुई हिंसा और पुलिस गोलीबारी की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिया था।
पृथ्वीराज रूपावत
15 Sep 2018
स्टरलाइट-विरोधी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई

अगस्त महीने से तमिलनाडु पुलिस वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टिंग प्लांट के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया के मैसेज की जांच के लिए हर दिन 10-15 लोगों को थूथुकुडी के साउथ पुलिस स्टेशन बुला रही है। यह बताया गया है कि पुलिस संदिग्ध प्रदर्शनकारियों को सूचित कर रही है, जिन्होंने विवादित प्लांट को स्थायी रूप से बंद करने की मांग करते हुए स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। वेदांता द्वारा प्लांट फिर से खोलने के प्रयासों के बीच इसके ख़िलाफ़ भविष्य में होने वाले किसी भी प्रदर्शन को शायद दबाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

वर्तमान में राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने विवादास्पद प्लांट को फिर से खोलने पर जांच करने और निर्णय लेने के लिए एक समिति नियुक्त की है। अगस्त में मद्रास उच्च न्यायालय ने 22 मई को हुई हिंसा और पुलिस गोलीबारी की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आदेश दिया था। अदालत के आदेश के बाद राज्य पुलिस ने लोगों को समन भेजना शुरू किया जिसे कार्यकर्ता और वकील "ग़ैर क़ानूनी" बता रहे हैं।

थूथुकुड़ी के एसपी मुरली रम्भा ने कहा "कम से कम 10 से 15 लोगों को संदिग्ध मैसेज साझा करने के शक में हर दिन पूछताछ की जा रही है। हम अपने निवारक उपायों के एक हिस्से के रूप में इस मैसेज के फैलाने वालों तलाशने की कोशिश करते हैं।" स्क्रॉल डॉट इन के मुताबिक़ पुलिस अधिकारियों ने धारा 107 के तहत स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले 300 लोगों के ख़िलाफ़ समन तैयार किया था। इस धारा के अनुसार कार्यकारी मजिस्ट्रेट को विश्वास हो जाता है कि शांति और सुरक्षा के लिए ख़तरा हो सकता है तो वह लोगों को एक साल के लिए हिरासत में ले सकते है।

एक नोटिस में कहा गया था, "व्हाट्सएप मैसेज की जांच करते समय यह पाया गया है कि तुमने अवैध सामग्री साझा और प्राप्त की है। इसलिए, तुमको व्यक्तिगत रूप से पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन आना होगा।" पुलिस फोन कॉल और लिखित समन के ज़रिए नोटिस भेज रही है और "हिंसा के भड़काने" वाले संदिग्ध से पूछताछ कर रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, समन किए गए लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की जा रही है, और उनसे लिखित में यह जमा करने के लिए कहा जा रहा है कि वे स्टरलाइट-विरोधी संदेशों को साझा नहीं करेंगे। वकीलों और कार्यकर्ता कह रहे हैं कि पुलिस की यह कार्रवाई ग़ैरक़ानूनी है।

पीपुल्स वॉच के हेनरी टिफागने ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) या तमिलनाडु पुलिस के स्थायी आदेशों में कोई प्रावधान नहीं है जिसे व्हाट्सएप संदेशों की जांच के लिए किसी व्यक्ति को समन किए जाने के लिए लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "जब वाकई संदेह हो जाता है कि उसने संज्ञेय अपराध किया है तो उसे 160 सीआरपीसी के तहत पूछताछ के लिए बुला सकते हैं, धारा 91 के तहत या धारा 41 ए के तहत दस्तावेजों दिखाने के लिए उस व्यक्ति को बुला सकते हैं, लेकिन तब उस व्यक्ति की गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं रह जाती है।"

इस कॉपर प्लांट के आस-पास के गांवों के लोगों ने इस वर्ष फरवरी से वेदांता समूह के प्लांट का विस्तार करने के प्रयासों के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया । 22 मई को उनके आंदोलन के 100 वें दिन इन प्रदर्शनकारियों ने हजारों की संख्या में  प्लांट को पूर्ण रूप से बंद करने की मांग करते हुए ज़िला कलेक्टरेट तक पैदल मार्च किया। इस मार्च के दौरान पुलिस ने उन पर फायरिंग की जिसमें 13 लोग मारे गए और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद, हालांकि राज्य सरकार ने इस प्लांट को बंद करने का आदेश दे दिया, वहीं पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ कई मामले दर्ज किए हैं।

22 मई की हिंसा में पुलिस की कार्रवाई पर कई स्वतंत्र निकायों ने गंभीरता से सवाल उठाया है। थूथुकुडी फायरिंग में पीपुल्स इंक्वेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक़, "पुलिस ने कई अलग-अलग स्थानों पर और अलग-अलग बार इस मार्च के ख़िलाफ़ बिना कारण अतिरिक्त बल का प्रयोग किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने साफ तौर पर कहा कि पुलिस की कार्रवाई में ऐसा नहीं दिख रहा था कि वह भीड़ को तीतर बीतर करने के इरादे से बल प्रयोग कर रही  थी  बल्कि उन्हें डराने, घायल करने के लिए इस्तेमाल कर रही थी ।

आरोपी को क़ानूनी सहायता प्रदान करने वाले वकीलों की टीम में से एक चेन्नई के पीपुल्स राइट प्रोटेक्शन सेंटर के सचिव एस जिमराज मिल्टन के अनुसार, पुलिस ने लगभग 200 लोगों पर मुक़दमा दर्ज किया है, और इनमें से 20 से अधिक लोगों का नाम 22 मई के विरोध के संबंध में कई मामलों में दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, एक अस्पताल कर्मचारी एम राजकुमार का नाम 133 मामलों में दर्ज किया गया था जो ज्यादातर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित था और 20 से अधिक वर्षों से अधिक समय से स्टरलाइट प्लांट के कारण होने वाली पर्यावरणीय समस्याओं को उठाने वाले 65 वर्षीय फातिमा बाबू पर भी कम से कम छह मामले दर्ज किए गए।

 

anti-Sterlite protests
Sterlite Protests
Tuticorin Struggle

Related Stories

वेदांता के तूतीकोरिन प्लांट को फिर से खोलने की मंजूरी नहीं

तुतीकोरिन संयंत्र मामला: नेताओं ने वेदांत और तमिलनाडु सरकार के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया

तूतीकोरीन : आंदोलनकारियों की आवाज़ दबाना चाहती है सरकार ?


बाकी खबरें

  • unity
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    विशेष: एक हमारी और एक उनकी मुल्क में हैं आवाज़ें दो
    26 Jan 2022
    गणतंत्र दिवस के मौके पर आइए सुनते हैं जावेद अख़्तर की नज़्म...जो हमें बता रही है कि किस तरह मुल्क में दो आवाज़ें हैं—एक जो प्यार सिखाती है, आगे बढ़ना सिखाती है और दूसरी जो नफ़रत बढ़ाती, एक-दूसरे को…
  • republic day
    शलिनी दीक्षित
    इस गणतंत्र दिवस पर, भारत यादों पर कपट की जीत को भी मनाएगा 
    26 Jan 2022
    एक भ्रमित और बेचैन राष्ट्र को झूठे आख्यानों के माध्यम से निर्मित किया जा रहा है, जबकि मध्यम वर्ग अतीत के गौरव को पुनर्जीवित करने की कहानियों में खोया हुआ है। 
  • Republic Day Parade
    एम.जी. देवसहायम
    गणतंत्र दिवस के सैन्यकरण से मज़बूत लोकतंत्र नहीं बनता
    26 Jan 2022
    अक्सर यह सवाल उठता है कि गणतंत्र दिवस का जश्न परेड द्वारा मनाया जाना चाहिए या झांकियों के जुलूस द्वारा। यहां हम दोनों की परिभाषाओं पर नज़र डाल रहे हैं।
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    महंगाई-बेरोज़गारी को ख़त्म करने में क्या फ़ेल हुई मोदी सरकार?
    25 Jan 2022
    एक मीडिया हाउस ने #MoodOfTheNation सर्वे के नतीजों में बताया है कि देश की जनता बढ़ती महंगाई से परेशान है और 67% से ज़्यादा लोगों को घर चलाने में मुश्किल हो रही है। न्यूज़क्लिक के इस विडियो में जानिए…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बरः देश के गणतंत्र को है किससे ख़तरा
    25 Jan 2022
    खोज ख़बर में देश के गणतंत्र पर मंडरा रहे ख़तरों के बारे में बात की वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने। संविधान के रखवालों और उसे ख़त्म करने वालों के बीच संघर्ष है ज़ारी। मुसलमानों के नरंसाहर की आशंका, उत्तर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License