NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
त्रिपुरा में स्थिति गंभीर, त्रिपुरा पूर्व का चुनाव 23 तक टला
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और विशेष पुलिस पर्यवेक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, पोल पैनल ने कहा, "कानून और व्यवस्था की मौजूदा स्थिति स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए अनुकूल नहीं है।
17 Apr 2019
tripura

चुनाव आयोग ने त्रिपुरा पूर्व सीट पर 18 अप्रैल को होने वाले चुनाव को स्थगित कर दिया है। अब ये चुनाव 23 अप्रैल को होगा। आयोग ने इस आशय की घोषणा मंगलवार रात की। इसी के साथ सहायक पुलिस महानिदेशक (क़ानून व्यवस्था) को हटा दिया है। 

चुनाव आयोग ने भी माना है कि अभी स्थितियां निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अनुकूल नहीं है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और विशेष पुलिस पर्यवेक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, पोल पैनल ने कहा, "कानून और व्यवस्था की मौजूदा स्थिति स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए अनुकूल नहीं है।"

पीठासीन अधिकारी ने आशंका जताई थी कि "शरारती तत्व" निर्वाचन  क्षेत्र में मतदान प्रक्रिया को विफल कर सकते हैं। जमीन और खुफिया रिपोर्टों के आधार पर, उन्होंने अतिरिक्त केंद्रीय पुलिस बल के लिए अनुरोध किया था।

त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) श्रीराम तारणिकांत ने कहा, "सभी ने देखा कि 11 अप्रैल को मतदान के दौरान क्या हुआ था। मैंने विभिन्न जिलों की यात्रा की है और उन वीडियो को देखा है, जिनमें जो गतिविधियों हैं, वह भारत के चुनाव आयोग के नियमों के विरुद्ध हैं, ।

उन्होंने कहा, "हमने उन विवरणों को चुनाव आयोग को भेज दिया है। हमें उम्मीद है कि 23 अप्रैल को चुनाव कराने के लिए कानून और व्यवस्था की स्थिति अनुकूल होगी।"

पहले चरण के लिए चुनाव 11 अप्रैल को हुए थे, कांग्रेस और माकपा (सीपीएम) ने 460 मतदान केंद्रों पर धांधली के आधार पर फिर से मतदान कराने की मांग की।

जिन बातों को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी चिंता ज़ाहिर की है, उन्ही सवालों को लेकर दिल्ली और त्रिपुरा में माकपा ने विरोध प्रदर्शन किया था। इससे पहले माकपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर त्रिपुरा में पहले दौर के मतदान के दौरान हुए धांधली के बारे में बताया। चुनाव आयोग से अपील की गई कि त्रिपुरा में चुनाव निष्पक्ष और शान्ति से हो इसके लिए जरूरी उपाय किये जाएं, क्योंकि वहां स्थिति बहुत ही गंभीर है। सत्ताधारी दल के गुंडे आम लोगों को उनके मतदान के अधिकार से रोक रहे हैं।  इसका उदाहरण हमने कई जगहों पर देखा है जहाँ लोगो के घर के बाहर पोस्टर लगाए गए और कहा गया है की माकपा को वोट न दें, अगर दिया तो उनकी गर्दन काट दी जाएगी। इस तरह का भय का वातवरण है। इसलिए माकपा ने मांग की थी कि लोग अपने विवेक से वोट कर पाएं, उनमें विश्वास की बहली हो सके,  इसके लिए उचित सुरक्षा के इंतज़ाम किये जाएं।

माकपा ने आयोग को दिए सबूतों के आधार पर चुनाव आयोग ने 464 बूथ पर पुनर्मतदान का आदेश अभी तक नहीं दिया है, वह विचार ही कर रहा है।

त्रिपुरा में विपक्ष का कहना है की भाजपा के गुंडे, भारतीय संविधान और डॉ. अम्बेडकर का दिया लोकतंत्र हड़प रहे हैं। त्रिपुरा की दोनों सीट पर निष्पक्ष और निर्भीक मतदान सिर्फ त्रिपुरा के लिए जरूरी नहीं, बल्कि यह पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था की परीक्षा का सवाल है। क्योंकि लोकतंत्र का आधार ही निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान है।

इसलिये माकपा बार-बार त्रिपुरा पूर्व पर निष्पक्ष चुनाव हों, इसके साथ ही त्रिपुरा पश्चिम के 464 बूथ पर पुन: मतदान की मांग दोहरा रही है।

 

lok sabha election
ECI
Tripura
General elections2019
2019 आम चुनाव
CPM
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License