NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
कोलंबिया में तीन किसान नेताओं को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया
कोलंबिया के भीतर संगठनों ने देश में सामाजिक संगठनों के व्यवस्थित उत्पीड़न के हिस्से के रूप में इन गिरफ़्तारियों की निंदा की है।
पीपल्स डिस्पैच
17 Dec 2020
कोलंबिया

कोलंबिया में पिछले 24 घंटे में राष्ट्रीय पुलिस और अटॉर्नी जनरल कार्यालय के अधिकारियों द्वारा प्रख्यात तीन किसान और सामाजिक नेताओं को गिरफ्तार किया गया। 16 दिसंबर को सुबह लगभग 3 बजे किसान नेता रॉबर्ट डाज़ा को साउथ-वेस्ट डिपार्टमेंट नोनियो में पास्तो नगरपालिका में गिरफ्तार किया गया था। इनके गिरफ्तारी से पहले 12 घंटे से भी कम समय 15 दिसंबर को शाम 5 बजे बोलिवर डिपार्टमेंट के म्युनिसिपिलिटी बैरेंको डे लोबा में टेओफिलो एक्यूना को गिरफ्तार किया गया था और एडेलसो गैलो को मेटा डिपार्टमेंट में विलेविसेंसियो शहर में हिरासत में लिया गया था।

डाज़ा, एक्यूना और गैलो सभी स्वदेशी, किसान और एफ्रो-वंशज संगठनों के एक मंच एग्रेरियन, पीजैंट, इथनिक एंड पीपल्स समिट के प्रवक्ता हैं साथ ही नेशनल एग्रेरियन कोऑर्डिनेटर (कोऑर्डिनेटर नेसिओनल एग्रेरियो- सीएनए, एक राष्ट्रीय किसान संगठन) और पीपल्स कांग्रेस (कांग्रेसो डे लॉस प्यूब्लोस – सीडीपी) के सदस्य हैं।

कोलम्बिया में कई अन्य सामाजिक संगठनों के अलावा उन संगठनों ने इस गिरफ्तारी को अस्वीकार कर दिया है और उसकी निंदा की है क्योंकि ये आरोप झूठे हैं जो कि राष्ट्रपति इवान डुके की दक्षिणपंथी सरकार द्वारा सामाजिक संगठनों और नेताओं के कलंक, अपराधीकरण और उत्पीड़न की ये एक और झलक है।

सीएनए और सीडीपी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “ये गिरफ्तारियां उन शिकायतों के संदर्भ में हुई हैं जिसे सामाजिक संगठनों के सदस्यों के खिलाफ मनमाने ढंग से मुकदमा चलाने और न्यायिक संरचनाओं के बारे में दायर की गई हैं। इस तथ्य के एक तात्कालिक उदाहरण के रूप में, न्यायिक व्यवस्थाओं से काफी पत्राचार के बाद कई साथियों की बेगुनाही सामने आई और उन्हें दोषमुक्त किया गया।“

इस साल उक्त संगठनों ने अन्य गतिविधियों के साथ मार्च फॉर डिग्निटी, द सोशल मिंगा, और केनन डेल मिके में ह्यूमेनिटेरियन कारावन जैसे कई सामाजिक लामबंदी का आयोजन किया, जिसने देश की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति की निंदा की और सरकार चलाने में राष्ट्रपति की अक्षमता को लेकर इकट्ठा हुए।

15 दिसंबर 2020 को इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एंड पीस स्टडीज (आईएनडीईपीएजेड) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2016 से 1,090 सामाजिक नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है और इनमें से 695 हत्याएं अर्थात 63% अगस्त 2018 में ईवान डुके द्वारा राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से हुई है। इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि सिर्फ 2020 में देश में 85 नरसंहार किए गए जिनमें से अधिकांश एंटिओक्विया, कौका और नारिनो डिपार्टमेंट में हुई हैं।

Assassination of Colombian social leaders
CNA
Colombian social leaders
Congreso de los Pueblos
Free Julián Gil
Ivan Duque
Julián Gil
Occidental Petroleum
State persecution

Related Stories

कोलंबिया में हुआ 2022 का चौथा नरसंहार

कोलंबिया में साल 2021 का 91वां नरसंहार दर्ज

दुनिया: राज्य द्वारा किया जाने वाला दमन महामारी की आड़ में हुआ तेज़

कोलम्बियावासी जीवन और शांति के लिए इकट्ठा हुए


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई
    17 May 2022
    मुण्डका की फैक्ट्री में आगजनी में असमय मौत का शिकार बने अनेकों श्रमिकों के जिम्मेदार दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर उनके इस्तीफ़े की माँग के साथ आज सुबह दिल्ली के ट्रैड यूनियन संगठनों…
  • रवि शंकर दुबे
    बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'
    17 May 2022
    आज की तारीख़ में जब पूरा देश सांप्रादायिक हिंसा की आग में जल रहा है तो हर साल मनाया जाने वाला बड़ा मंगल लखनऊ की एक अलग ही छवि पेश करता है, जिसका अंदाज़ा आप इस पर्व के इतिहास को जानकर लगा सकते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!
    17 May 2022
    यूपी में मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन-चार महीने से मज़दूरी नहीं मिली है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • सोन्या एंजेलिका डेन
    माहवारी अवकाश : वरदान या अभिशाप?
    17 May 2022
    स्पेन पहला यूरोपीय देश बन सकता है जो गंभीर माहवारी से निपटने के लिए विशेष अवकाश की घोषणा कर सकता है। जिन जगहों पर पहले ही इस तरह की छुट्टियां दी जा रही हैं, वहां महिलाओं का कहना है कि इनसे मदद मिलती…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध
    17 May 2022
    कॉपी जांच कर रहे शिक्षकों व उनके संगठनों ने, जैक के इस नए फ़रमान को तुगलकी फ़ैसला करार देकर इसके खिलाफ़ पूरे राज्य में विरोध का मोर्चा खोल रखा है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License