NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र : 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग'
देश के स्वाधीनता संग्राम में इस 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' का अतुलनीय योगदान तो था ही, देश को बंटवाने में भी इसी की सोच जिम्मेदार थी। देश के बंटवारे के लिए जिम्मेवार माने जाने वाले जिन्ना की सोच तो बहुत बाद में आई।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
02 Feb 2020
Communalism
प्रतीकात्मक तस्वीर

देश में कई टुकड़े टुकड़े गैंग हैं। कहते हैं, वे देश के टुकड़े टुकड़े करना चाहते हैं। एक गैंग तो जेएनयू और अन्य कई नामी विश्वविद्यालयों के छात्रों का है और शेष अरबन नक्सल गैंग, खान मार्केट गैंग और कुछ अन्य हैं। पर ये जो भी टुकड़े टुकड़े गैंग हैं, नये हैं, और छोटे छोटे हैं। इन बेचारों की तो औकात भी नहीं है देश के टुकड़े टुकड़े करने की। वे सिवाय इसके कि तथाकथित तौर पर कुछ नारे लगा दें, छोटा मोटा धरना प्रदर्शन कर दें या फिर एक आध दिन का बंद घोषित कर दें, कुछ कर भी नहीं सकते हैं।

इसलिए ये सब तो नकली टुकड़े टुकड़े गैंग हैं। ये बेचारे, नकली और छोटे छोटे गैंग, अगर चाहें तो भी इतने बड़े देश का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं। बल्कि सच में कहा जाये तो ये प्रसिद्ध भले ही टुकड़े टुकड़े गैंग के नाम से हों पर ये तो बेचारे टुकड़े टुकड़े गैंग हैं ही नहीं।

logo tirchhi nazar_16.PNG

पर ऐसा नहीं है कि देश में टुकड़े टुकड़े गैंग है ही नहीं और हम निश्चिंत हो बैठ जायें कि हमारा देश सुरक्षित है। देश में एक टुकड़े टुकड़े गैंग है, बड़े जोर शोर से है और वही असली टुकड़े टुकड़े गैंग है। ऐसा मत समझिये कि यह गैंग कोई छोटा मोटा, किसी तड़ीपार का कोई नया नवेला गैंग है। यह टुकड़े टुकड़े गैंग बहुत ही बडा़ और अच्छा खासा पुराना है। ऐसे में किसी और को टुकड़े टुकड़े गैंग कहना इस टुकड़े टुकड़े गैंग की अवमानना है। यह तो उस टुकड़े टुकड़े गैंग के नेताओं का बड़प्पन है कि वे अपने गैंग को टुकड़े टुकड़े गैंग न बता कर दूसरे छोटे छोटे समूहों को टुकड़े टुकड़े गैंग बताते रहते हैं। 

असलियत में यह टुकड़े टुकड़े गैंग है 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग'। इस गैंग को शतायु होने में कुछ ही समय बाकी है। इसके पहले भले ही कितने भी सदस्य रहे हों पर आजकल यह गैंग बहुत ही पापुलर हो रहा है और इसके आठ करोड़ के करीब सदस्य बताये जाते हैं। इस गैंग के सदस्य बनाने की तरकीब बहुत ही सिम्पल है। बस मिस्डकॉल दो और सदस्य बन जाओ। सदस्यता शुल्क की बात तो छोड़ो, फोन कॉल के पैसे भी नहीं लगेंगे। आपको पता भी नहीं चलेगा और आप हंसी मज़ाक में ही इस 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गेंग' के सदस्य बन जायेंगें। बहुत से लोग तो ऐसे हैं कि वे सदस्य बन भी गये हैं पर उन्हें पता तक नहीं है कि वे इस 'ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' के सदस्य हैं।

ऐसा भी नहीं है कि ये टुकड़े टुकड़े गैंग देशभक्त नहीं है। जब भारत का इतिहास नये ढंग से लिखा जायेगा और स्वतंत्रता संग्राम का जिक्र आयेगा तो इस 'टुकड़े टुकड़े गैंग' का वर्णन स्वर्ण अक्षरों में किया जायेगा। नये ढंग से लिखे गए इतिहास में बताया जायेगा कि इस टुकड़े टुकड़े गैंग ने अंग्रेजों के खिलाफ देश की आजादी के लिए कितनी अधिक देशभक्ति दिखाई थी। तब साबित किया जायेगा कि अंग्रेजों से माफी मांगना, अंग्रेजों की चापलूसी करना, खुशामद करना, अंग्रेजों का आदेश मानना और देशभक्तों के खिलाफ गवाही देना कितना देशभक्ति का काम था। यह नया इतिहास, जिसका लेखन मोदी और शाह के नेतृत्व में, व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में शुरू हो चुका है, सिद्ध कर देगा कि इस 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' के सदस्य की वीरता के कारण ही अंग्रेजों ने भारत छोड़ा था।

देश के स्वाधीनता संग्राम में इस 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' का अतुलनीय योगदान तो था ही, देश को बंटवाने में भी इसी की सोच जिम्मेदार थी। देश के बंटवारे के लिए जिम्मेवार माने जाने वाले जिन्ना की सोच तो बहुत बाद में आई। 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' के आज के सदस्यों के 'द ग्रेट ग्रेंडफादर' सावरकर तो जिन्ना से दस साल पहले ही समझा चुके थे कि हिन्दू और मुसलमान अलग राष्ट्र हैं, वे एक साथ साथ नहीं रह सकते। पर इन बेकार के इतिहासकारों को तो देखो, देश के विभाजन का सारा श्रेय सावरकर की सोच की बजाय जिन्ना को दे दिया। जब इतिहास को नई सोच और नये तरीक़े से लिखा जायेगा तो देश की विभाजनकारी टुकड़े टुकड़े थ्योरी का सारा श्रेय 'वीर' सावरकर जी को ही दिया जायेगा।

'वीर' सावरकर जी ने टुकड़े टुकड़े करने की थ्योरी तो दे दी पर अपने मनमाफिक काम नहीं करवा पाये। अगर गांधी और नेहरू नहीं होते तो सावरकर उस समय ही हिन्दू राष्ट्र बनवा लेते और अब 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' को यह मशक्कत नहीं करनी पड़ती।

'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' आज भी मौजूद है और अपने एजेंडा पर कायम है। यह बहुत ही दुख के साथ सूचित किया जाता है कि यह 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' नब्बे साल बीतने के बाद भी सावरकर की बात पर अडिग है कि हिन्दू और मुसलमान एक राष्ट्र नहीं हो सकते। अब यह 'द ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' बहुत पावरफुल हो गया है। यह गैंग देश के टुकड़े टुकड़े करेगा, हिन्दू राष्ट्र बनायेगा और टुकड़े करने का श्रेय किसी और को नहीं लेने देगा।

इस 'ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' ने अपना काम चालू कर दिया है। सीएए आ गया है, और क्रोनोलॉजी समझा दी गई है। बाद में एनआरसी भी आयेगा ही। तो यह 'ग्रेट इंडियन टुकड़े टुकड़े गैंग' न नारे लगा रहा है, न हड़ताल करवा रहा है। न कोई धरना प्रदर्शन, न कोई बंद। बस चुपचाप अपना काम कर रहा है, देश को बांटने का। बस देखते रहिये, मिशन चालू आहे।

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Tukde Tukde Gang
Communalism
Whatsapp University
hindu-muslim
Savarkar

Related Stories

सारे सुख़न हमारे : भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी की शायरी

बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

बना रहे रस: वे बनारस से उसकी आत्मा छीनना चाहते हैं

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

सफ़दर: आज है 'हल्ला बोल' को पूरा करने का दिन


बाकी खबरें

  • समीना खान
    ज़ैन अब्बास की मौत के साथ थम गया सवालों का एक सिलसिला भी
    16 May 2022
    14 मई 2022 डाक्टर ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशन की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर ज़ैन अब्बास ने ख़ुदकुशी कर ली। अपनी मौत से पहले ज़ैन कमरे की दीवार पर बस इतना लिख जाते हैं- ''आज की रात राक़िम की आख़िरी रात है। " (राक़िम-…
  • लाल बहादुर सिंह
    शिक्षा को बचाने की लड़ाई हमारी युवापीढ़ी और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का ज़रूरी मोर्चा
    16 May 2022
    इस दिशा में 27 मई को सभी वाम-लोकतांत्रिक छात्र-युवा-शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच AIFRTE की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कन्वेंशन स्वागत योग्य पहल है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!
    16 May 2022
    फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान का बेटा भी एक फिल्म बना सके।
  • वर्षा सिंह
    उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!
    16 May 2022
    “किसी स्थान की वहनीय क्षमता (carrying capacity) को समझना अनिवार्य है। चाहे चार धाम हो या मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल। हमें इन जगहों की वहनीय क्षमता के लिहाज से ही पर्यटन करना चाहिए”।
  • बादल सरोज
    कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी
    16 May 2022
    2 और 3 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के गाँव सिमरिया में जो हुआ वह भयानक था। बाहर से गाड़ियों में लदकर पहुंचे बजरंग दल और राम सेना के गुंडा गिरोह ने पहले घर में सोते हुए आदिवासी धनसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License