NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र: सरकार जी का बर्थ-डे और एक और नया ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’
वैसे सरकार जी रिकॉर्ड बनाते ही रहते हैं। इतने बनाते हैं कि उसकी, रिकॉर्ड बनाने की गिनती भी मुश्किल है। सरकार जी द्वारा रिकॉर्ड बनाने का भी कोई रिकॉर्ड बन ही गया होगा।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
19 Sep 2021
Pd
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हुए विशेष टीकाकरण का दृश्य। फोटो साभार: पीटीआई

अभी पिछले हफ्ते ही, अरे दो दिन पहले ही तो, सरकार जी का जन्मदिन था। जन्मदिन था तो धूमधाम से मनाया जाना भी चाहिए था और मना भी। पिछले साल तो लोगों ने सरकार जी के जन्मदिन पर बेरोजगारी दिवस मना कर पूरे विश्व में भारत की भद्द पीट दी थी। ऐसा भी कहीं होता है कि इतने बड़े महापुरुष का जन्मदिन ऐसे तरीके से मनाया जाए। इस बार भी ऐसा ही किया गया, पर इस बार सरकार जी ने पहले से ही निश्चय कर लिया था कि जन्मदिन को ज्यादा धूमधाम से मनाना है ।

तो सरकार जी ने सोच लिया इस बार अपने जन्मदिन के दिन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना है। अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेशन देना है। उसके लिए पूरी तैयारी की गई। वैक्सीनेशन सेंटरों को अच्छी तरह से सजाया गया। रिकॉर्ड बनाने के लिए वैक्सीनेशन देने के काम को दो दिन पहले से कुछ आराम दे कर स्टॉक जमा किया गया। तभी तो विश्व रिकॉर्ड बनता है। तो इस तरह सत्रह सितंबर को वैक्सीनेशन का विश्व रिकॉर्ड बना।

यह जन्मदिन पर कुछ देने की यह प्रथा कोई नई नहीं है। पुराने जमाने से चली आ रही है। पहले भी, सुनते हैं, राजा लोग अपने जन्मदिन पर प्रजा को हीरे जवाहरात बांटा करते थे। साल भर प्रजा का खून चूस हीरे जवाहरात इकट्ठे करते थे और अपने जन्मदिन पर थोड़े बहुत हीरे जवाहरात प्रजा में बांट कर वाह वाही लूटा करते थे। आज भी सेठ लोग अपने जन्मदिन पर या फिर बच्चों के जन्मदिन पर गरीब लोगों के लिए भंडारा करते है । 

वैसे सरकार जी रिकॉर्ड बनाते ही रहते हैं। इतने बनाते हैं कि उसकी, रिकॉर्ड बनाने की गिनती भी मुश्किल है। सरकार जी द्वारा रिकॉर्ड बनाने का भी कोई रिकॉर्ड बन ही गया होगा। लेकिन अब भी उनमें बार-बार रिकॉर्ड बनने से जो सहजता आती है, वह नहीं आई है। अब देखो सत्रह तारीख को रिकॉर्ड बना और अट्ठारह तारीख को ही उन्होंने विपक्ष पर इल्ज़ाम लगा दिया। विपक्ष को बात बात पर कोसने का रिकॉर्ड भी सरकार जी के नाम ही होगा।

सरकार जी जब भी कुछ करते हैं तो एक रिकॉर्ड तो बनता ही है, जो भी कुछ होता है वह ऐतिहासिक भी होता है। रुपये की बात करते हैं तो हमेशा हजारों, लाखों करोड़ में होती है। पंद्रह अगस्त को लाल किले पर भाषण देते हैं तो वह भी सबसे लंबा भाषण होता है। अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हैं। गरीबों को अनाज देते हैं तो वह भी करोड़ों में ही होता है। और उसके साथ अपनी फोटो लगा हुआ थैला जो बांटते हैं, वह भी करोड़ों की संख्या में होता है। सरकार जी को धन्यवाद देते हुए जो पोस्टर और होर्डिंग लगते हैं, अखबारों में जो विज्ञापन छपते हैं, उनकी संख्या भी करोड़ों में ही होती है। ये सब भी रिकॉर्ड हैं। खोजा जाए तो पता चलेगा कि विश्व रिकॉर्ड ही हैं।

वैसे तो सरकार जी के शासनकाल में और भी रिकॉर्ड बन रहे हैं जिनकी चर्चा कोई नहीं करता है। पेट्रोल ने भी रिकॉर्ड बना दिया है तो डीजल ने भी। जब ईंधन वाला तेल रिकॉर्ड बना रहा था तो खाने वाला तेल क्यों पीछे रहता, उसने भी रिकॉर्ड बना डाला। उधर गैस का सिलेंडर भी हजार के पास पहुंचने के लिए बेताब है। यह भी एक रिकॉर्ड ही होगा।

जब एक रिकॉर्ड की बात होती है तो दूसरा रिकॉर्ड भी अपने आप ही पता चल जाता है। जब पता चलता है कि रिकॉर्ड अस्सी करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है तो यह भी पता चल जाता है कि देश में रिकॉर्ड अस्सी करोड़ लोग गरीब हैं। किसी एक देश में गरीब लोगों का यह भी एक विश्व रिकॉर्ड है। जब बताया जाता है कि सत्तर करोड़ लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है तो यह भी पता चल जाता है कि इसी देश में अभी पैंसठ करोड लोग ऐसे हैं जो अभी तक भी पहली खुराक नहीं पा पाए हैं। यह भी किसी एक देश के लिए बिना वैक्सीन पाए लोगों का एक विश्व रिकॉर्ड है।

खैर रिकॉर्ड तो बन ही रहे हैं। अब अच्छे बनें या बुरे, नाम तो हर तरह के रिकॉर्ड से होता ही है। सरकार जी का जन्मदिन है, हम तो बस शुभकामनाएं ही दे सकते हैं और प्रार्थना कर सकते हैं कि सरकार जी बस रिकॉर्ड बनाते ही रहें।

(इस व्यंग्य स्तंभ के लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Narendra modi
Covid Vaccination

Related Stories

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक

यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती

बात बोलेगी: मुंह को लगा नफ़रत का ख़ून

ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?

ख़बरों के आगे-पीछे: गुजरात में मोदी के चुनावी प्रचार से लेकर यूपी में मायावती-भाजपा की दोस्ती पर..

ख़बरों के आगे-पीछे: राष्ट्रीय पार्टी के दर्ज़े के पास पहुँची आप पार्टी से लेकर मोदी की ‘भगवा टोपी’ तक

कश्मीर फाइल्स: आपके आंसू सेलेक्टिव हैं संघी महाराज, कभी बहते हैं, और अक्सर नहीं बहते

ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस से लेकर पंजाब के नए राजनीतिक युग तक

उत्तर प्रदेशः हम क्यों नहीं देख पा रहे हैं जनमत के अपहरण को!


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    शहरों की बसावट पर सोचेंगे तो बुल्डोज़र सरकार की लोककल्याण विरोधी मंशा पर चलाने का मन करेगा!
    25 Apr 2022
    दिल्ली में 1797 अवैध कॉलोनियां हैं। इसमें सैनिक फार्म, छतरपुर, वसंत कुंज, सैदुलाजब जैसे 69 ऐसे इलाके भी हैं, जो अवैध हैं, जहां अच्छी खासी रसूखदार और अमीर लोगों की आबादी रहती है। क्या सरकार इन पर…
  • रश्मि सहगल
    RTI क़ानून, हिंदू-राष्ट्र और मनरेगा पर क्या कहती हैं अरुणा रॉय? 
    25 Apr 2022
    “मौजूदा सरकार संसद के ज़रिये ज़बरदस्त संशोधन करते हुए RTI क़ानून पर सीधा हमला करने में सफल रही है। इससे यह क़ानून कमज़ोर हुआ है।”
  • मुकुंद झा
    जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!
    25 Apr 2022
    “आज हम यही विश्वास पुनः दिलाने निकले हैं कि हम फिर से ईद और नवरात्रे, दीवाली, होली और मोहर्रम एक साथ मनाएंगे।"
  • रवि शंकर दुबे
    कांग्रेस और प्रशांत किशोर... क्या सोचते हैं राजनीति के जानकार?
    25 Apr 2022
    कांग्रेस को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए प्रशांत किशोर को पार्टी में कोई पद दिया जा सकता है। इसको लेकर एक्सपर्ट्स क्या सोचते हैं।
  • विजय विनीत
    ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?
    25 Apr 2022
    "चंदौली के किसान डबल इंजन की सरकार के "वोकल फॉर लोकल" के नारे में फंसकर बर्बाद हो गए। अब तो यही लगता है कि हमारे पीएम सिर्फ झूठ बोलते हैं। हम बर्बाद हो चुके हैं और वो दुनिया भर में हमारी खुशहाली का…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License