NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
ट्रैक्टर परेड: किसान नेताओं ने कहा- शांति हमारी ताक़त, पुलिस ने हिंसा के आरोप में दर्ज कीं 22 एफआईआर
पुलिस अधिकारी के मुताबिक मंगलवार की घटना में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हालांकि इस दौरान कितने किसान घायल हुए, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
27 Jan 2021
ट्रैक्टर परेड

नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई कथित हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए दावा किया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। हालांकि इस दौरान कितने किसान घायल हुए, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। एक किसान की मौत भी हुई। जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ट्रैक्टर पलटने से उसकी जान गई।

अतिरिक्त पीआरओ (दिल्ली पुलिस) अनिल मित्तल ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, खासकर लाल किले और किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।

किसान संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प हुई। इस दौरान लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज भी लगाया गया जिसको लेकर काफी आपत्ति की गई।

प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के एकीकृत संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा के लिए बुधवार को एक बैठक भी बुलाई है। इससे पहले सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी एक बैठक करेंगे।

एसकेएम की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली का प्रस्ताव पेश किया गया था। ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठक हुयी थी।

तय रूट पर कल सभी परेड आमतौर पर शांतिपूर्ण रहीं लेकिन आईटीओ और लाल किला पहुंचे कुछ प्रदर्शनाकारियों से पुलिस की झड़प हुई।

इस पूरे प्रकरण पर संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि हम किसी भी हिंसक घटना की निंदा करते हैं। बयान में कहा गया कि "हमने हमेशा माना है कि हमारी शांति सबसे बड़ी ताक़त है और किसी भी हिंसक गतिविधि से आंदोलन को नुक़सान पहुँचेगा।"

बयान में कहा गया है ऐसा शायद इस वजह से भी हुआ है कि यह आंदोलन 6 महीने से ज़्यादा से चल रहा है, जिसमें से 60 दिन से ज़्यादा समय से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हुए हैं।

लाल क़िले पर हुई घटना के बारे में मोर्चा ने बयान में कहा है कि आंदोलन में कुछ असामाजिक तत्व घुस आए थे, जिन्होंने आंदोलन में हिंसा भड़काने का काम किया। किसान मोर्चा ने कहा है कि वह इन तत्वों से ख़ुद को अलग करते हैं, और वह इस पूरे मामले पर सारी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके बाद वह पूरी जानकारी प्रेस को देंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा का पूरा बयान पढ़ने के लिए, यहाँ क्लिक करें।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

farmers protest
26 january tractor parade
farmers on red fort
Farm Laws
Sanyukt Kisan Morcha

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

बंगाल: बीरभूम के किसानों की ज़मीन हड़पने के ख़िलाफ़ साथ आया SKM, कहा- आजीविका छोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

ख़बर भी-नज़र भी: किसानों ने कहा- गो बैक मोदी!

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

कृषि क़ानूनों के निरस्त हो जाने के बाद किसानों को क्या रास्ता अख़्तियार करना चाहिए

इतवार की कविता : 'ईश्वर को किसान होना चाहिये...


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    केरल: RSS और PFI की दुश्मनी के चलते पिछले 6 महीने में 5 लोगों ने गंवाई जान
    23 Apr 2022
    केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हत्याओं और राज्य में सामाजिक सौहार्द्र को खराब करने की कोशिशों की निंदा की है। उन्होंने जनता से उन ताकतों को "अलग-थलग करने की अपील की है, जिन्होंने सांप्रदायिक…
  • राजेंद्र शर्मा
    फ़ैज़, कबीर, मीरा, मुक्तिबोध, फ़िराक़ को कोर्स-निकाला!
    23 Apr 2022
    कटाक्ष: इन विरोधियों को तो मोदी राज बुलडोज़र चलाए, तो आपत्ति है। कोर्स से कवियों को हटाए तब भी आपत्ति। तेल का दाम बढ़ाए, तब भी आपत्ति। पुराने भारत के उद्योगों को बेच-बेचकर खाए तो भी आपत्ति है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लापरवाही की खुराकः बिहार में अलग-अलग जगह पर सैकड़ों बच्चे हुए बीमार
    23 Apr 2022
    बच्चों को दवा की खुराक देने में लापरवाही के चलते बीमार होने की खबरें बिहार के भागलपुर समेत अन्य जगहों से आई हैं जिसमें मुंगेर, बेगूसराय और सीवन शामिल हैं।
  • डेविड वोरहोल्ट
    विंबलडन: रूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध ग़लत व्यक्तियों को युद्ध की सज़ा देने जैसा है! 
    23 Apr 2022
    विंबलडन ने घोषणा की है कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को इस साल खेल से बाहर रखा जाएगा। 
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    प्रशांत किशोर को लेकर मच रहा शोर और उसकी हक़ीक़त
    23 Apr 2022
    एक ऐसे वक्त जबकि देश संवैधानिक मूल्यों, बहुलवाद और अपने सेकुलर चरित्र की रक्षा के लिए जूझ रहा है तब कांग्रेस पार्टी को अपनी विरासत का स्मरण करते हुए देश की मूल तासीर को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License