NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उच्च न्यायालय ने आप विधायक अयोग्यता मामले में ईसी से मांगा जवाब
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आप के आठ विधायकों द्वारा लाभ का पद धारण करने के मामले में अयोग्य करार दिए जाने को चुनौती देती याचिका पर निर्वाचन आयोग से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
आईएएनएस
30 Jan 2018
दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आप के आठ विधायकों द्वारा लाभ का पद धारण करने के मामले में अयोग्य करार दिए जाने को चुनौती देती याचिका पर निर्वाचन आयोग से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंद्र शेखर की खंडपीठ ने निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी के लिए निर्धारित कर दी।

अदालत ने रिक्त हुई सीटों पर उपचुनाव की घोषणा करने से ईसी पर रोक लगाने के अपने अंतरिम आदेश को भी आगे बढ़ा दिया।

अयोग्य करार दिए गए विधायकों ने बीते सप्ताह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

विधायकों के वकील ने तर्क दिया कि यह अधिसूचना "स्वाभाविक रूप से न्याय का घोर उल्लंघन है क्योंकि निर्वाचन आयोग ने मामले में अत्यधिक जल्दबाजी में और याचिकाकर्ताओं को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर दिए बिना ही इस मामले में फैसला ले लिया।"

निर्वाचन आयोग द्वारा आप विधायकों को अयोग्य ठहराने की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की गई अनुशंसा के बाद कानून व न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर दी थी कि राष्ट्रपति ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य करार देने को मंजूरी दे दी है।

अयोग्य करार दिए गए विधायकों में अलका लांबा, आदर्श शास्त्री, संजीव झा, राजेश गुप्ता, कैलाश गहलोत, विजेंद्र गर्ग, प्रवीन कुमार, शरद कुमार, मदन लाल खुफिया, शिव चरण गोयल, सरिता सिंह, नरेश यादव, राजेश ऋषि, अनिल कुमार, सोम दत्त, अवतार सिंह, सुखवीर सिंह डाला, मनोज कुमार, नीतिन त्यागी और जरनैल सिंह शामिल हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट
आप
इलेक्शन कमीशन

Related Stories

अपने ही पैसे के लिए तरस रहे हैं दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी, 15 को हल्ला बोल

श्रमिक अधिकार और इनके प्रति सरकारों का बर्ताव

रिलायंस और टाटा ने लूटे 8,000 करोड़

आंगनवाड़ी कर्मचारियों के आगे झुकी केजरीवाल सरकार

भगवान की गलती?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान
    24 May 2022
    वामदलों ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बेरज़गारी के विरोध में 25 मई यानी कल से 31 मई तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।
  • सबरंग इंडिया
    UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध
    24 May 2022
    संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने दावा किया है कि देश में 10 करोड़ से ज्यादा आदिवासी और दूसरे समुदायों के मिलाकर कुल क़रीब 30 करोड़ लोग किसी ना किसी तरह से भोजन, जीविका और आय के लिए जंगलों पर आश्रित…
  • प्रबीर पुरकायस्थ
    कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक
    24 May 2022
    भारत की साख के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देशों में अकेला ऐसा देश है, जिसने इस विश्व संगठन की रिपोर्ट को ठुकराया है।
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी मस्जिद की परछाई देश की राजनीति पर लगातार रहेगी?
    23 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ज्ञानवापी मस्जिद और उससे जुड़े मुगल साम्राज्य के छठे सम्राट औरंगज़ेब के इतिहास पर चर्चा कर रहे हैं|
  • सोनिया यादव
    तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?
    23 May 2022
    पुलिस पर एनकाउंटर के बहाने अक्सर मानवाधिकार-आरटीआई कार्यकर्ताओं को मारने के आरोप लगते रहे हैं। एनकाउंटर के विरोध करने वालों का तर्क है कि जो भी सत्ता या प्रशासन की विचारधारा से मेल नहीं खाता, उन्हें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License