NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी: दाग़ी उम्मीदवारों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी, लेकिन सच्चाई क्या है?
सत्ताधारी बीजेपी खुद को जहां सबसे ज्यादा स्वच्छ और ईमानदार छवि वाली पार्टी तो वहीं विरोधियों को गुंडाराज वाली पार्टी बता रही है। हालांकि अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो इनके दावों से उलट 'हम्माम में सब नंगे' ही नज़र आते हैं।
सोनिया यादव
19 Jan 2022
up elections

वही क़ातिल, वही शाहिद, वही मुंसिफ़ ठहरे

अक़रबा मेरे करें क़त्ल का दावा किस पर

उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे चुनावी रण और भीषण होता जा रहा है। चुनावी मैदान में अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही पार्टियां एक दूसरे पर दागी उम्मीदवारों को टिकट देने का आरोप लगा रही हैं। सत्ताधारी बीजेपी खुद को जहां सबसे ज्यादा स्वच्छ और ईमानदार छवि वाली पार्टी तो वहीं विरोधियों को गुंडाराज वाली पार्टी बता रही है। हालांकि अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो इनके दावों से उलट 'हम्माम में सब नंगे नज़र आते हैं।

'फर्क साफ है, बेहतर कानून व्यवस्था, न्यूनतम अपराध, मंदिर-मस्जिद, और हिंदुओं के पलायन’ सहित तमाम मुद्दों के बाद अब इस घमासान में दंगाई और दागी नेताओं पर सियासत तेज़ हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ और दिल्ली दंगे में खुद भड़काऊ भाषण देने का आरोप झेल रहे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने समाजवादी पार्टी पर दंगा आरोपियों को टिकट देने का आरोप लगाया तो वहीं इसके जवाब में पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आईपीएस असीम अरुण के बीजेपी में शामिल होने पर सवाल उठा दिया। हालांकि यूपी चुनाव के मैदान में अब तक उतरने वाले उम्मीदवारों की कुंडली देखें तो लगभग सभी पार्टियों ने ही दागी उम्मीदवारों पर दांव चला है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने सभी दलों के लिए प्रत्याशी घोषित करने के 48 घंटे के भीतर उनका पूरा आपराधिक इतिहास (अगर है तो) सार्वजनिक करना जरूरी कर दिया है। दलों को यह भी बताना होगा कि आपराधिक छवि का उम्मीदवार क्यों चुना? अब तमाम राजनीतिक दल कोर्ट के आदेश के तहत अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने के संबंध में सफाई दे रहे हैं।

सभी पार्टियों में हैं दाग़ी उम्मीदवार

बहरहाल, चुनाव आयोग के निर्देश के बाद बीजेपी, सपा-रालोद गठबंधन और कांग्रेस ने मंगलवार, 18 जनवरी को अपने-अपने प्रत्याशियों (अब तक घोषित) का आपराधिक ब्योरा जारी कर दिया है। आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी ने अब तक 29, सपा ने 21, रालोद ने छह और कांग्रेस ने 10 प्रत्याशियों का आपराधिक इतिहास सार्वजनिक किया है।

बीजेपी की बात करें, तो आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों में सबसे बड़ा नाम डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का है। इसके अलावा मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी संगीत सोम और सुरेश राणा का नाम भी शामिल है। पार्टी ने आपराधिक इतिहास होने के बावजूद प्रत्याशियों को टिकट देने के पीछे जिला इकाई की संस्तुति के साथ उनके लोकप्रिय होने को बड़ी वजह बताई है। वहीं, सपा ने कहा है कि दागी नेताओं को टिकट इसलिए दिया गया, क्योंकि ये समाजसेवी हैं, गरीबों की मदद करते हैं और दूसरों के मुकाबले ज्यादा बेहतर हैं।

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे देखें तो 403 सीटों वाली विधानसभा में से बीजेपी को 312, सपा को 47, बसपा को 19, कांग्रेस को 7 और अपना दल को 9 सीटें मिली थीं। तीन निर्दलीय भी चुनाव में जीते थे। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यानी एडीआर के मुताबिक इनमें से 143 ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए थे। इन सभी दागी नेताओं ने अपने चुनावी हलफनामे में मुकदमों की जो जानकारी दी थी, उससे राजनीति में बढ़ती अपराध की गर्मी को मापा जा सकता है।

आधी कैबिनेट में दाग़ी छवि वाले मंत्री मौजूद

प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने वाली बीजेपी के 37 फीसदी विधायकों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। 2017 की विधानसभा में पहुंचे बीजेपी के 312 विधायकों में से 114 पर आपराधिक मामले दर्ज पाए गए थे। इनमें से 83 विधायकों ने अपने ऊपर संगीन आपराधिक मामले दर्ज होने का खुलासा अपने हलफनामे में किया था। 20 ऐसे विधायकों को मंत्री बनाया गया, जिनपर क्रिमिनल केस थे। ये संख्या 45 प्रतिशत थी। यानी करीब आधी कैबिनेट में दागी छवि वाले मंत्री मौजूद थे।

इसी तरह इस चुनाव में पार्टियों ने खूब दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया था। साल 2017 में कुल 4853 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें से 4823 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों के विश्लेषण से पता चला कि 859 के ऊपर क्रिमिनल केस दर्ज थे। ये कुल उम्मीदवारों के करीब 18 प्रतिशत था। 15 प्रतिशत के ऊपर तो ऐसे थे जिनपर सीरियस क्रिमिनल केस दर्ज थे।

इतना ही नहीं एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में संवेदनशील निर्वाचित क्षेत्रों में 3 या 3 से अधिक ऐसे उम्मीदवार थे, जिनके ऊपर क्रिमिनल केस दर्ज थे। रिपोर्ट में ऐसी 152 (38%) सीटें सामने आई। यानी चुनाव में लगभग आधी या कहें हर दूसरी सीट पर तीन या उससे ज्यादा क्रिमिनल केस वाले उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे।

उस चुनाव में सबसे ज्यादा बीएसपी ने दागी उम्मीदवार उतारे थे। उनके 400 में से 150 पर क्रिमिनल केस दर्ज था। दूसरे नंबर पर बीजेपी थी। उन्होंने 383 उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 137 पर केस दर्ज था। सपा के 307 में से 113 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस था। रालोद के 276 में से 56, कांग्रेस के 114 में से 36 और 1453 निर्दलीय में से 150 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस थे।

गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े सूबे में सियासत एक बार फिर गरम होने लगी है। दागी नेताओें को लेकर आरोप- प्रत्यारोप के बीच राज्य में कोई भी राजनीतिक दल दूध का धुला नहीं है। ऐसी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है जो यह दावा कर सके कि आपराधिक छवि वाले लोग उनकी पार्टी में विधायक, सांसद या पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं। ज़ाहिर है, दाग़ी हैं तो क्या हुआ, सबके लिए अपनों-अपनों के ‘दाग़ अच्छे हैं’।

UttarPradesh
Assembly elections 2018
BJP
SAMAJWADI PARTY
BAHUJAN SAMAJ PARTY
RLD
candidates with criminal records
Yogi Adityanath
AKHILESH YADAV

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर एक हज़ार से ज़्यादा नए मामले, 71 मरीज़ों की मौत
    06 Apr 2022
    देश में कोरोना के आज 1,086 नए मामले सामने आए हैं। वही देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 0.03 फ़ीसदी यानी 11 हज़ार 871 रह गयी है।
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुसलमानों के ख़िलाफ़ नहीं, देश के ख़िलाफ़ है ये षडयंत्र
    05 Apr 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने दिल्ली की (अ)धर्म संसद से लेकर कर्नाटक-मध्य प्रदेश तक में नफ़रत के कारोबारियों-उनकी राजनीति को देश के ख़िलाफ़ किये जा रहे षडयंत्र की संज्ञा दी। साथ ही उनसे…
  • मुकुंद झा
    बुराड़ी हिन्दू महापंचायत: चार FIR दर्ज लेकिन कोई ग़िरफ़्तारी नहीं, पुलिस पर उठे सवाल
    05 Apr 2022
    सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि बिना अनुमति के इतना भव्य मंच लगाकर कई घंटो तक यह कार्यक्रम कैसे चला? दूसरा हेट स्पीच के कई पुराने आरोपी यहाँ आए और एकबार फिर यहां धार्मिक उन्माद की बात करके कैसे आसानी से…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एमपी : डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे 490 सरकारी अस्पताल
    05 Apr 2022
    फ़िलहाल भारत में प्रति 1404 लोगों पर 1 डॉक्टर है। जबकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मानक के मुताबिक प्रति 1100 लोगों पर 1 डॉक्टर होना चाहिए।
  • एम. के. भद्रकुमार
    कीव में झूठी खबरों का अंबार
    05 Apr 2022
    प्रथमदृष्टया, रूस के द्वारा अपने सैनिकों के द्वारा कथित अत्याचारों पर यूएनएससी की बैठक की मांग करने की खबर फर्जी है, लेकिन जब तक इसका दुष्प्रचार के तौर पर खुलासा होता है, तब तक यह भ्रामक धारणाओं अपना…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License