NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
विवाद के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई ने दिया असिस्टेंट प्रोफेसर पद से इस्तीफ़ा  
विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर गत शुक्रवार को पदभार ग्रहण करने वाले अरुण कुमार द्विवेदी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
26 May 2021
up

सिद्धार्थनगर (उत्तर प्रदेश): आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के कोटे से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद उठने के बाद उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई अरुण कुमार द्विवेदी ने बुधवार को त्यागपत्र दे दिया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने यहां बताया कि मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर गत शुक्रवार को पदभार ग्रहण करने वाले अरुण कुमार द्विवेदी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

त्यागपत्र में अरुण द्विवेदी ने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार राकेश कुमार ने एक पत्र के जरिए अरुण को बताया है कि कुलपति सुरेंद्र दुबे ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

त्यागपत्र देने के बाद अरुण ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी नियुक्ति निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत हुई थी, मगर दुर्भाग्य से उनके कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद इस नियुक्ति को लेकर उनके बड़े भाई और प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश द्विवेदी को इस नियुक्ति से जोड़कर मीडिया और सोशल मीडिया में उन पर निरर्थक निराधार और अपमानजनक आरोप लगाए गए। ऐसा करके उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा "मैं नहीं चाहता हूं कि मेरे कारण मेरे ईमानदार एवं कर्मठ बड़े भाई के ऊपर कोई बेबुनियाद आरोप लगे। यह सब मेरे लिए असहनीय है। मैं मानसिक संत्रास की स्थिति से गुजर रहा हूं। मेरे लिए मेरे परिवार और बड़े भाई के सामाजिक राजनीतिक सम्मान से ज्यादा अहमियत और किसी भी चीज की नहीं है। इस महत्वपूर्ण पद की भी नहीं, इसलिए मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने विवेक से अपने पद से त्यागपत्र दे चुका हूं।" अरुण ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन करने से लेकर साक्षात्कार और कार्यभार ग्रहण तक की सारी प्रक्रिया उन्होंने स्वयं अपने विवेक से पूरी की थी। इसमें उनके बड़े भाई मंत्री सतीश द्विवेदी की कोई भूमिका नहीं थी।

उन्होंने बताया कि नवंबर 2019 में आवेदन के समय उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का प्रमाण पत्र बनवा कर आवेदन किया था। बाद में उच्च शिक्षा में सेवारत लड़की से विवाह का प्रस्ताव आने पर अपने जीवन की बेहतरी के लिए प्रयास किया, जिसका अधिकार भारत का संविधान भी देता है लेकिन इस पर भी आहत करने वाले आरोप लगाए गए।

गौरतलब है कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री अरुण कुमार द्विवेदी को आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग कोटे से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति मिली थी और उन्होंने पिछले शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण किया था। उसके बाद से उनकी नियुक्ति को लेकर सवाल उठ रहे थे।

आपको बता दें कि भ्रष्टाचार पर जीरों टॉलरेंस का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की भर्तियां अक्सर सवालों के घेरे में ही रहती हैं, फिर वो 69,000 शिक्षक भर्ती का घोटाला हो या 2018 की यूपीएसएसएससी द्वारा ग्राम विकास अधिकारी भर्ती का तीन साल बाद धांधली के चलते निरस्तीकरण हो। राज्य के युवा, सरकार के चार साल में चार लाख नैकरी के दावों पर भी समय-समय पर प्रदर्शन कर लगातार सवाल उठाते ही रहते हैं।

 मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रशासन ने मनोविज्ञान संकाय में एसोसिएट प्रोफेसर के दो पदों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा था। एक पद पिछड़ा वर्ग और  दूसरा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित था। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई ने भी आवेदन किया। जबकि यह बतौर प्रोफेसर कार्यरत हैं। इन्होंने अपने फेसबुक प्रोफाइल में इस जानकारी को दर्शाया भी है। पारिवारिक सदस्यों के अनुसार इनकी पत्नी भी बिहार के एक डिग्री कालेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं।

ऐसे में विपक्षी दलों ने बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई की ईडब्ल्यूएस कोटे में नियुक्ति को लेकर योगी सरकार पर सीधा निशाना साधा और इसे नौकरी के लिए लाठी खा रहे युवाओं का अपमान बताया।

 कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाया था कि आखिर मंत्री के भाई गरीब कैसे हो सकते हैं। दोनों पार्टियों ने अरुण कुमार की नियुक्ति को रद्द करने और मामले की जांच की मांग की थी।

इसे पढ़ें:  क्या ‘आपदा में अवसर’ है यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई की ग़रीब कोटे के तहत नियुक्ति?

 

besic shiksha parishad
UP Government
Congress
BJP
AAP
reservation on economic basic
satish diwedi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License