NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फ़ैक्ट-चेक : UPSC परीक्षा में ‘इस्लामिक स्टडीज़’ विषय चुनकर IAS बन रहे हैं लोग?
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने ऐसा पोस्ट किया है. सभी का कहना है कि सनातन धर्म को कोई गंभीरता से नहीं लेता. ‘सनातन परिवार‘ नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने भी ये पोस्ट शेयर किया है.
प्रियंका झा
10 Aug 2021
फ़ैक्ट-चेक : UPSC परीक्षा में ‘इस्लामिक स्टडीज़’ विषय चुनकर IAS बन रहे हैं लोग?

काजल सिंघी नाम की एक यूज़र ने फ़ेसबुक ग्रुप ‘देश का DNA‘ में एक तस्वीर पोस्ट की. और सवाल किया, “अगर “इस्लामिक स्टडी से IAS” बना जा सकता है। तो स्टडी ऑफ वेद ,रामायण, गीता, उपनिषद को भी UPSC की परीक्षा में शामिल किया जाए। केवल सनातन धर्म से ही इतनी नफरत क्यो..??” इस पोस्ट को 16 हज़ार लाइक्स मिले हैं. इस पोस्ट के ज़रिये ये कहने की कोशिश की जा रही है कि इस्लामिक स्टडीज़ पढ़कर लोग IAS बन रहे हैं.

image

फ़ेसबुक पर कई लोगों ने ऐसा पोस्ट किया है. सभी का कहना है कि सनातन धर्म को कोई गंभीरता से नहीं लेता. ‘सनातन परिवार‘ नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने भी ये पोस्ट शेयर किया है.

image

image

हमने देखा कि इस तरह का दावा 2019 से किया जा रहा है. आलोक भट्ट ने 2019 में दावा किया था कि अरब संस्कृति और इस्लामिक स्टडी IAS की एंट्रेंस परीक्षा का एक सब्जेक्ट है. आलोक भट्ट को PM मोदी सहित BJP के कई बड़े नेता ट्विटर पर फ़ॉलो करते हैं. उन्होंने लिखा था कि भारतीय नागरिक होने के नाते वो इस बात से असहज हैं कि कोई उर्दू लिटरेचर या इस्लामिक स्टडी की जानकारी होने की वजह से भारतीय प्रशासनिक सेवा में नौकरी पा लेता है.

image

फ़ैक्ट-चेक

आलोक भट्ट ने जो लिंक शेयर किया था वो उसपर क्लिक करने से अलग-अलग वेबसाइटों का लिंक मिलता जाता है. किसी भी तरह की ठोस जानकारी नहीं मिलती है.

इसके बाद हमने UPSC की आधिकारिक वेबसाइट खंगाली. यहां से हमें पता चला कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा पूरी तरह से ग़लत है. हमने UPSC परीक्षा का नोटिफ़िकेशन चेक किया जिसे मार्च 2021 में जारी किया गया था. हमें कहीं भी इस्लामिक स्टडीज़ का नाम नहीं मिला.

UPSC की सिविल सर्विसेज़ परीक्षा 3 चरणों में होती है. प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू. प्रीलिम्स और मेन्स में सफलता हासिल करने वाले कैंडिडेट्स इंटरव्यू तक पहुंचते हैं.

प्रीलिम्स के सिलेबस में जनरल अवेयरनेस, हिस्ट्री, इकनॉमिक एंड सोशल डेवलपमेंट, क्लाइमेट चेंज, लॉजिकल रीजनिंग, इंडियन पॉलिटी एंड गवर्नेंस कॉन्स्टिट्यूशन, जनरल साइंस, रीडिंग कॉम्प्रिहेन्शन, जियोग्राफ़ी विषय होते हैं. 2 घंटे की परीक्षा के 2 पेपर होते हैं. और दोनों ही 200-200 मार्क्स के होते हैं.

image

सोर्स: UPSC

मेन्स के सिलेबस में 7 विषय होते हैं. सभी कैंडिडेट्स के लिए पांच विषय अनिवार्य होते हैं. लेकिन छठा और 7वां विषय कैंडिडेट्स अपनी इच्छानुसार चुन सकते हैं. इस ऑप्शनल सब्जेक्ट्स में भी कहीं इस्लामिक स्टडी का ज़िक्र नहीं है. नीचे तस्वीर में इसे देखा जा सकता है.

image

सोर्स: UPSC

इंटरव्यू यानी आखिरी चरण में कैंडिडेट्स की पर्सनेलिटी का टेस्ट होता है. इसमें विषय का चुनाव नहीं होता. यानी, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा कि इस्लामिक स्टडीज़ पढ़कर लोग IAS बन रहे हैं, पूरी तरह से ग़लत है.

IAS सोमेश उपाध्याय ने 2020 में एक ट्वीट करते हुए ऐसे दावों का मज़ाक उड़ाया था. उन्होंने लिखा था कि व्हाट्सऐप की दुनिया में ही ऐसे दावे किए जाते हैं कि UPSC की परीक्षा में इस्लामिक स्टडी जैसा कोई सब्जेक्ट है.

There is a parallel universe where UPSC offers Islamic Studies as optional subject. It's called WhatsApp Universe.

— Somesh Upadhyay (@Somesh_IAS) August 28, 2020

साभार : ऑल्ट न्यूज़ 

fact check
Social media hate
Religion Politics
Alt news
UPSC
UPSC Jihad
Sanatana dharma
hindu-muslim
IAS

Related Stories

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़

बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'

जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान

जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!

जहांगीपुरी में गले मिले हिंदू और मुसलमान, रविवार को निकालेंगे तिरंगा यात्रा

मुस्लिमों के ख़िलाफ़ बढ़ती नफ़रत के ख़िलाफ़ विरोध में लोग लामबंद क्यों नहीं होते?

‘हेट स्पीच’ के मामले 6 गुना बढ़े, कब कसेगा क़ानून का शिकंजा?

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License