NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
अंतरराष्ट्रीय
"उसके लिए बेहतर ज़िंदगी चाहते थे" सीमा पर मरी बच्ची की मां ने कहा
छह साल की गुरप्रीत कौर का शव अमेरिकी सीमा सुरक्षा अधिकारियों को एरिजोना में ल्यूकविल से करीब 27 किलोमीटर पश्चिम में मिला। गुरप्रीत की मां उसे अन्य भारतीय आव्रजकों के साथ छोड़कर पानी की तलाश में गई थी।
भाषा
25 Jun 2019
अमेरिका-मेक्सिको सीमा

अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर लू लगने से मरी छह साल की बच्ची गुरप्रीत के माता-पिता का कहना है कि उन्होंने अमेरिका में शरण इसलिए मांगी थी क्योंकि वे ‘‘उसके लिए बेहतर जिन्दगी चाहते थे।’

मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, छह साल की गुरप्रीत कौर का शव अमेरिकी सीमा सुरक्षा अधिकारियों को एरिजोना में ल्यूकविल से करीब 27 किलोमीटर पश्चिम में मिला। गुरप्रीत की मां उसे अन्य भारतीय आव्रजकों के साथ छोड़कर पानी की तलाश में गई थी।

सीएनएन की खबर के अनुसार गुरप्रीत माता-पिता का कहना है, ‘‘हम अपनी बच्ची के लिए सुरक्षित और बेहतर जिन्दगी चाहते थे। इसलिए हमने अमेरिका में शरण मांगने का मुश्किल फैसला किया।’’

यह बयान अमेरिका सिख कोलिशन के माध्यम से जारी किया गया है।

बयान के अनुसार, ‘हमारा मानना है कि धर्म, नस्ल, रंग से इतर सभी माता-पिता समझेंगे कि कोई मां-बाप जबतक हद से ज्यादा मजबूर ना हों, अपने बच्चे को कभी नुकसान के रास्ते पर लेकर नहीं जाएंगे।’’

सिख कोलिशन के कार्यक्रम निदेशक मार्क रीडिंग-स्मिथ ने कहा कि बच्ची के पिता ए. सिंह 2013 से ही अमेरिका में रह रहे हैं और उनका शरणार्थी आवेदन न्यूयॉर्क आव्रजन अदालत में लंबित है।

बच्ची की मां एस. कौर ने इसी महीने गुरप्रीत के साथ सीमा पार किया था। यह पता नहीं है कि गुरप्रीत और उसकी मां पंजाब से कब निकले थे या फिर वे अमेरिका-मैक्सिको सीमा तक कैसे पहुंचे।

गुरप्रीत के माता-पिता उसके जन्म के छह महीने बाद, 2013 से ही एक-दूसरे से नहीं मिले थे। और अब जब दोनों साथ हैं, वह अपनी बच्ची के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं।

America
indians in america
america-mexico border
border deaths
weather
gurpreet
punjab

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

त्रासदी और पाखंड के बीच फंसी पटियाला टकराव और बाद की घटनाएं

मोहाली में पुलिस मुख्यालय पर ग्रेनेड हमला

पटियाला में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं, तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला

दिल्ली और पंजाब के बाद, क्या हिमाचल विधानसभा चुनाव को त्रिकोणीय बनाएगी AAP?

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा

पंजाब के पूर्व विधायकों की पेंशन में कटौती, जानें हर राज्य के विधायकों की पेंशन

विश्लेषण: आम आदमी पार्टी की पंजाब जीत के मायने और आगे की चुनौतियां

भगत सिंह झुग्गियाँ- वह स्वतंत्रता सेनानी जो सदा लड़ते रहे


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    मदर्स डे: प्यार का इज़हार भी ज़रूरी है
    08 May 2022
    कभी-कभी प्यार और सद्भावना को जताना भी चाहिए। अच्छा लगता है। जैसे मां-बाप हमें जीने की दुआ हर दिन हर पल देते हैं, लेकिन हमारे जन्मदिन पर अतिरिक्त प्यार और दुआएं मिलती हैं। तो यह प्रदर्शन भी बुरा नहीं।
  • Aap
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक
    08 May 2022
    हर हफ़्ते की ज़रूरी ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: हम सहनशील तो हैं, पर इतने भी नहीं
    08 May 2022
    हम ग़रीबी, बेरोज़गारी को लेकर भी सहनशील हैं। महंगाई को लेकर सहनशील हो गए हैं...लेकिन दलित-बहुजन को लेकर....अज़ान को लेकर...न भई न...
  • बोअवेंटुरा डे सौसा सैंटोस
    यूक्रेन-रूस युद्ध के ख़ात्मे के लिए, क्यों आह्वान नहीं करता यूरोप?
    08 May 2022
    रूस जो कि यूरोप का हिस्सा है, यूरोप के लिए तब तक खतरा नहीं बन सकता है जब तक कि यूरोप खुद को विशाल अमेरिकी सैन्य अड्डे के तौर पर तब्दील न कर ले। इसलिए, नाटो का विस्तार असल में यूरोप के सामने एक…
  • जितेन्द्र कुमार
    सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी
    08 May 2022
    सामाजिक न्याय चाहने वाली ताक़तों की समस्या यह भी है कि वे अपना सारा काम उन्हीं यथास्थितिवादियों के सहारे करना चाहती हैं जो उन्हें नेस्तनाबूद कर देना चाहते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License