NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
आंदोलन
घटना-दुर्घटना
समाज
भारत
राजनीति
उत्तर प्रदेश :बार काउंसिल की अध्यक्ष दर्वेश की हत्या के खिलाफ वकीलों का प्रदर्शन
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दर्वेश यादव की हत्या बुधवार कोउनके ही चैंबर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राज्य भर के वकीलों ने शुक्रवार को बार काउंसिल प्रमुख के सम्मान में काम नहीं करने का फैसला किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Jun 2019
Darvesh

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दर्वेश यादव के परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की जिनकी आगरा के जिला एवं सत्र अदालत परिसर में हत्या कर दी गई थी। मृतक दरवेश बार काउंसिल की पहली महिला प्रमुख थी, जिनकी बुधवार को एक वकील के चैंबर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

इसके खिलाफ आज प्रदेशभर के वकील प्रदर्शन कर रहे है ,राज्य भर के वकीलों ने शुक्रवार को बार काउंसिल प्रमुख के सम्मान में काम नहीं करने का फैसला किया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या की निंदा की है। साथ ही काउंसिल ने अपने सदस्यों के लिए सुरक्षा और यूपी सरकार से उनके परिवार को न्यूनतम 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की।

 मुजफ्फरनगर के जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष सैयद नसीर हैदर ने कहा कि वकीलों ने एक शोकसभा में घटना की निंदा की। बहिष्कार का आह्वान राज्य बार काउंसिल ने किया था। बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर और शामली में न्यायिक कामकाज प्रभावित रहा। 

यादव की बुधवार को अदालत परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘माननीय मुख्य न्यायाधीश ने उक्त घटना को गंभीरता से लिया है और अधिवक्ता बिरादरी को आश्वस्त किया है कि माननीय (उच्च) न्यायालय, अदालत परिसरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय, इसकी लखनऊ खंडपीठ और प्रदेश की जिला अदालतों में “सुरक्षा में शून्य त्रुटि” के संबंध में उचित कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

एकबार फिर इस घटना ने योगी सरकार के  देश में सबसे बेहतर कानून व्यवथा होने के दवाओं की पोल खोल दी है। वहीं, इस घटना को लेकर कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि राज्य की कानून-व्यवस्था और जगंल राज में ज्यादा अंतर नहीं रह गया है।पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''उत्तर प्रदेश में अजय सिंह बिष्ट (योगी) की सरकार की नाक के नीचे, दिन दहाड़े बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्षा की गोली मार कर हत्या। जंगलराज और भाजपा शासित उप्र की क़ानून व्यवस्था में अब ज़्यादा फ़र्क़ नहीं बचा! "

पूरा मामला क्या है 

आपको बता दे की यूपी बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष दर्वेश यादव की कथित तौर पर बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। एक स्वागत समारोह में उनके साथी वकील मनीष बाबू शर्मा ने दिनदहाड़े अध्यक्ष को गोली मारी थी। इसके बाद उसने खुद को सिर में गोली मार ली और उसे गंभीर हालत में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

इस बीच, दरवेश यादव और मनीष शर्मा के बीच तल्ख रिश्ते को हत्या के पीछे का मकसद माना जा रहा है। दोनों ने 2004 में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की थी और कोर्ट में दोनों का एक ही चैंबर था।

इस हत्या मामले में दरवेश यादव के भतीजे सनी यादव ने मनीष शर्मा, उसकी पत्नी वंदना और एक अन्य वकील विनीत गुलेचा को आरोपी के रूप में नामित किया है।  सनी ने दर्ज कराई गई शिकायत में कहा, "कुछ महीने पहले, जब दरवेश यादव ने शर्मा से अपने पैसे मांगे, तो उसकी पत्नी वंदना ने दरवेश यादव को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। मनीष शर्मा ने दरवेश के चैंबर पर कब्जा कर लिया था और उन्हें अन्य वकीलों के चैंबर से काम करना शुरू करना पड़ा था।"

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

darvesh
nationwide lawyers' agitation
lawyer protest
UttarPradesh
agra
bar council
Bar Council of India
murder
Yogi Adityanath
yogi sarkar

Related Stories

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

कौन हैं ओवैसी पर गोली चलाने वाले दोनों युवक?, भाजपा के कई नेताओं संग तस्वीर वायरल

यूपी: बुलंदशहर मामले में फिर पुलिस पर उठे सवाल, मामला दबाने का लगा आरोप!

भारत में हर दिन क्यों बढ़ रही हैं ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं, इसके पीछे क्या है कारण?

पीएम को काले झंडे दिखाने वाली महिला पर फ़ायरिंग- किसने भेजे थे बदमाश?


बाकी खबरें

  • भाषा
    श्रीलंका में हिंसा में अब तक आठ लोगों की मौत, महिंदा राजपक्षे की गिरफ़्तारी की मांग तेज़
    10 May 2022
    विपक्ष ने महिंदा राजपक्षे पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला करने के लिए सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उकसाने का आरोप लगाया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिवंगत फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को दूसरी बार मिला ''द पुलित्ज़र प्राइज़''
    10 May 2022
    अपनी बेहतरीन फोटो पत्रकारिता के लिए पहचान रखने वाले दिवंगत पत्रकार दानिश सिद्दीकी और उनके सहयोगियों को ''द पुल्तिज़र प्राइज़'' से सम्मानित किया गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी
    10 May 2022
    केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के आचरण पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि यदि वे इस घटना से पहले भड़काऊ भाषण न देते तो यह घटना नहीं होती और यह जघन्य हत्याकांड टल सकता था।
  • विजय विनीत
    पानी को तरसता बुंदेलखंडः कपसा गांव में प्यास की गवाही दे रहे ढाई हजार चेहरे, सूख रहे इकलौते कुएं से कैसे बुझेगी प्यास?
    10 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्टः ''पानी की सही कीमत जानना हो तो हमीरपुर के कपसा गांव के लोगों से कोई भी मिल सकता है। हर सरकार ने यहां पानी की तरह पैसा बहाया, फिर भी लोगों की प्यास नहीं बुझ पाई।''
  • लाल बहादुर सिंह
    साझी विरासत-साझी लड़ाई: 1857 को आज सही सन्दर्भ में याद रखना बेहद ज़रूरी
    10 May 2022
    आज़ादी की यह पहली लड़ाई जिन मूल्यों और आदर्शों की बुनियाद पर लड़ी गयी थी, वे अभूतपूर्व संकट की मौजूदा घड़ी में हमारे लिए प्रकाश-स्तम्भ की तरह हैं। आज जो कारपोरेट-साम्प्रदायिक फासीवादी निज़ाम हमारे देश में…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License