NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उत्तर प्रदेश – धर्मांधता की जहरीली फसल
योगी आदित्यनाथ के शासन के तहत, सभ्यता का पालना तेजी से अराजकता और अशिष्टता में बदलता नज़र आ रहा है, जबकि लोग उच्च बेरोजगारी, गिरती आय और सामाजिक अन्याय से जूझ रहे हैं।
सुबोध वर्मा
22 Dec 2018
Translated by महेश कुमार
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
Image Courtesy: Financil Express

पिछले साल, जब उत्तर प्रदेश में नव निर्वाचित बीजेपी सरकार की अगुआई करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ को आश्चर्यजनक रूप से चुना, तो मोदी के कई समर्थकों ने सोचा था कि गोरखपुर में एक धार्मिक मठ के युवा, ऊर्जावान प्रमुख (और जो लोकसभा के सदस्य भी थे) राज्य की उबाऊ राजनीति में बदलाव लाएंगे।

वे सही साबित हुए हैं। योगी ने अपने लगभग दो वर्षों के शासन में जो किया है, कि उन्होंने भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य को एक तरह के प्रोटो-हिंदू राष्ट्र में तेजी से बदलने के काम को आगे बढ़ाया है, जहां सरकार  ने हर तरह के कट्टरपंथ/धर्मांधता और हिंसा को संस्थागत बना दिया है, अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है, भारत के सबसे अमीर उद्योगपति राज्य के राजनीतिक नेतृत्व के साथ नजदीकियां बढ़ा रहे हैं और बेरोजगारी हमेशा के मुकाबले काफी उंचे स्तर पर है।

योगी ने स्वयं संघ परिवार के समर्थन के आधार को इतना बढ़ा दिया है कि वह अब भारतीय जनता पार्टी के लिए मुख्य प्रचारक बन गए हैं, चुनावों में एक राज्य के बाद दूसरे राज्य का दौरा कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में, यूपी स्वयं एक कानूनहीन हालत में चला गया है जहां अपराध काफी बढ़ गए हैं, पुलिस द्वारा कथित अपराधियों की लक्षित हत्याओं की दर भी काफी ऊंची हैं, और कट्टर भीड़ छोटी सी बात पर खून बहाने के लिए तैयार रहती है।

बुलंदशहर, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक व्यस्त कृषि शहर है और दिल्ली से कुछ ही घंटों की दूरी पर है, इस बात का यह सबसे हालिया उदाहरण है, कि आखिर योगी राज्य को कहां ले जा रहे हैं। स्थानीय बजरंग दल के प्रमुख के नेतृत्व में एक भीड़ हिंसा करती है और पुलिस स्टेशन को तबाह कर देती है और पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह को यह कहकर मार डालती है कि उन्हें एक खेत में गाय का शव मिला है। योगी ने इसे पहले दुर्घटना कहा, फिर बाद में दावा किया कि यह अवैध शराब माफिया द्वारा रचा राजनीतिक षड्यंत्र था। लेकिन उन्होंने अपने असली इरादे और अपनी बड़ी सोच को भी प्रकट किया - यह कहकर कि इस मामले में गायों की हत्या अधिक महत्वपूर्ण पहलू है।

उनके इस बयान से स्पष्ट संकेत पाकर, स्थानीय पुलिस ने चार मुस्लिम युवाओं को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें साक्ष्य की कमी की वजह से बाद में छोड़ दिया गया। बाद में, उन्होंने तीन अन्य मुस्लिम व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और उन्हें 25 गायों की हत्या का दोषी ठहरा दिया। इस बीच, भीड़ के नामित नेता, बजरंग दल के नेता योगेश राज अभी भी फरार हैं, भले ही वह मीडिया में वे अपने  निर्दोष होने का दावा करने वाले वीडियो बदस्तूर भेज रहे हों।

यह घटना उस मामले को रफा दफा करने के लिए हुई जिसमें 29 सितंबर को लखनऊ में एक ऐप्पल कर्मचारी इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह पुलिसकर्मियों से तेज वाहन चला रहा था।

मुस्लिम विरोधी हथियार के रूप में मुठभेड़ का इस्तेमाल

लेकिन यह तो केवल शुरुवात है। आरटीआई प्रश्नों और जांच के आधार पर मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि जब से योगी सत्ता में आए हैं, तब से इस साल 4 अगस्त तक 24 जिलों में 63 लोगों की मौतें 2,351'मुठभेड़ों' के   शूटआउट के कारण हुई हैं। इन अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के बढ़ने से परेशान होना तो दूर, योगी की सरकार ने दावा किया है कि उन्होंने "राज्य को अपराध और अपराधियों से निजात दिलाने का संकल्प लिया है"। नवंबर में, इन हालत से चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने मुठभेड़ों पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है।

फ्रेंकस्टीन के राक्षस यानी पुलिस को खुली छूट देने को अब उससे भी बड़े राक्षस द्वारा चुनौती दी जा रही है - हिंदू कट्टरपंथी झुकाव वाले लोग जो 2014 में मोदी के बाद से 'गाय-सुरक्षा' के नाम पर उत्तरी भारत को तबाह कर रहे थे। और, सच में अपने पसंदीदा भगवा रंग की वजह से, योगी इस खूनी भीड़ के साथ खड़े हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग में भी सक्रिय भूमिका में हैं, न सिर्फ यूपी में बल्कि पूरे देश में आग लगने वाले भाषण दे रहे हैं। वह अयोध्या में सरयू नदी के तट पर बड़े पैमाने पर आरती के आयोजन की व्यवस्था में सक्रिय थे, वहां हिंदू संतों के दो कार्यक्रमों की व्यवस्था की गई थी और वादा किया था कि मंदिर के अलावा श्री राम की एक विशाल मूर्ति बनाई जाएगी।

बढ़ते अपराध

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता संजय शर्मा द्वारा दायर आरटीआई के तहत पूछताछ के मुताबिक, राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़े हैं। राज्य सरकार ने अपूर्ण प्रतिक्रिया में कहा कि मार्च और जून 2018 के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 76,416 मामले दर्ज़ हुए हैं। इसके मुकाबले 2016 के पूरे वर्ष में 49,262 मामले घटित हुए हैं, पिछले पूरे वर्ष के लिए भी डेटा उपलब्ध है। अन्य सभी अपराधों में भी समान वृद्धि हुई है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों का मामला विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि योगी ने लगातार महिलाओं की सुरक्षा (‘बहनों और बेटियों की रक्षा’) करने की बात की है।

इसका मतलब यह है कि अपराध के खिलाफ तथाकथित ड्राइव वास्तव में मुसलमानों के खिलाफ एक अभियान है। मुठभेड़ में अधिकांश मौतें मुसलमानों की हुई हैं, पुलिस मुसलमानों के खिलाफ हुए भीड़ के हमलों को नज़रअंदाज़ कर देती है और पूरा का पूरा 'गाय संरक्षण' अभियान मुसलमानों के खिलाफ लक्षित किया गया है, इस तथ्य के बावजूद कि किसी भी तरह से गाय वध पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और शायद ही कोई  मुस्लिम इसमें शामिल हैं। योगी वास्तव में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ युद्ध लड़ रहे है।

दलित, जिनमें से एक हिस्सा पारंपरिक चमड़े के कारीगरों का है और जो समुदाय मृत मवेशियों की खाल से चमड़ा तैयार करता है, उसे भी इसी तरह गाय संरक्षण के नाम पर लक्षित किया गया है। यह थोड़े आश्चर्य की बात है कि यूपी में दलितों ने बीजेपी के खिलाफ इन बातों को लेकर विद्रोह किया है, जैसा कि पिछले दो सालों में कई चुनावों और स्थानीय निकायों के चुनावों से स्पष्ट हुआ है।

यूपी की अर्थव्यवस्था तबाही की ओर

यह विशाल राज्य तेजी से अभूतपूर्व अनुपात में आर्थिक संकट में घिर गया है जबकि योगी अपने धर्मांधता के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अगस्त में बेरोजगारी लगभग 10 प्रतिशत बढ़ी है, 20-24 साल के बच्चों में बेरोजगारी का भयंकर स्तर  26 प्रतिशत तक पहुंच गया है और स्नातक के बीच 12 प्रतिशत बेरोज़गारी है। राज्य में महिला बेरोजगारी 32 प्रतिशत के खतरनाक स्तर तक बढ़ी  है।

राज्य में कृषि मजदूरी में ठहराव है, औद्योगिक मजदूरी को 15 वर्षों से बढ़ाया नहीं गया है, श्रम कानूनों को धता बनाना जारी है - असल में, उसे बेअसर किया जा रहा है - और फिर भी, योगी और उनके मंत्रियों, प्रधानमंत्री मोदी के सौहार्दपूर्ण आशीर्वाद के तहत, भारत के शीर्ष उद्योगपतियों की मेजबानी करने वाले ग्लैमरस समारोह और बैठक कर रहे हैं और लखनऊ से अगली उड़ान लेने से पहले वे करोड़ों रुपये के निवेश का वादा कर उड़ जाते हैं।

जो हो रहा है यह उसका लघु चित्र है और यह तब होता है जब योगी आदित्यनाथ जैसे धर्मांध व्यक्ति को सत्ता सौंपी जाती है, किसी और के द्वारा नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री के द्वारा। दोनों ने आर्थिक प्रणालियों को बर्बाद कर दिया है, दोनों ने कट्टरपंथी हिंदुत्व को सड़कों पर घमासान मचाने की इजाज़त दे रखी है, दोनों इस बात से अनजान हैं कि जमीन उनके पैरों के नीचे से कितनी जल्दी खिसक रही है।

Uttar pradesh
Yogi Adityanath
yogi government
LAWLESSNES
bigot
CRIMES IN UP
Anti Muslim
Narendra modi

Related Stories

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"


बाकी खबरें

  • food
    रश्मि सहगल
    अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?
    18 May 2022
    कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का कहना है कि आज पहले की तरह ही कमोडिटी ट्रेडिंग, बड़े पैमाने पर सट्टेबाज़ी और व्यापार की अनुचित शर्तें ही खाद्य पदार्थों की बढ़ती क़ीमतों के पीछे की वजह हैं।
  • hardik patel
    भाषा
    हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दिया
    18 May 2022
    उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्यागपत्र को ट्विटर पर साझा कर यह जानकारी दी कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
  • perarivalan
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया
    18 May 2022
    उम्रकैद की सज़ा काट रहे पेरारिवलन, पिछले 31 सालों से जेल में बंद हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद उनको कभी भी रिहा किया जा सकता है। 
  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना मामलों में 17 फ़ीसदी की वृद्धि
    18 May 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 17 फ़ीसदी मामलों की बढ़ोतरी हुई है | स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटो में कोरोना के 1,829 नए मामले सामने आए हैं|
  • RATION CARD
    अब्दुल अलीम जाफ़री
    योगी सरकार द्वारा ‘अपात्र लोगों’ को राशन कार्ड वापस करने के आदेश के बाद यूपी के ग्रामीण हिस्से में बढ़ी नाराज़गी
    18 May 2022
    लखनऊ: ऐसा माना जाता है कि हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के पीछे मुफ्त राशन वित
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License