NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उत्तर प्रदेश सरकार कि विफलताओं का सबूत है शिक्षक घोटाला
प्रदेश सरकार एक बार फिर से शिक्षकों की भर्ति सुचारू रूप से कराने में हुई विफल I
शारिब अहमद खान
21 Jun 2018
uttar pradesh scam

उत्तर प्रदेश में बुनियादी शिक्षा के साथ-साथ वहां का शिक्षा तंत्र भी हर स्तर पर विफल होता नज़र आ रहा है। यहां एक बार फिर नियमों को ताक पर रख कर मथुरा में अधिकारियों की मिलीभगत से घूस लेकर 150 शिक्षकों को बहाल कर दिया गया। जिन शिक्षकों को बहाल किया गया था उनहोंने न तो शिक्षक पात्रता परिक्षा (टीईटी) पास की थी और यहां तक की उन फर्जी शिक्षकों ने आवेदन तक भी नहीं दिया था। अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार बीते मंगलवार को यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बेसिक शिक्षा विभाग में घोटाले को उजागर किया है। इस घोटाले में एसटीएफ ने अब तक बीएसए ऑफिस के बड़े बाबू और 9 फर्जी शिक्षकों समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया है।

एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार के मुताबिक 2016-17 में उत्तर प्रदेश में 27,000 शिक्षकों के पदों पर बहाली प्रदेश सरकार ने निकाली थी। इसके लिए जूनियर हाई स्कूल और प्राइमरी स्कूलों में रिक्त पदों पर बहाली की ज़िम्मेदारी जिला स्तर पर बीएसए को दी गई थी। प्रदेश के मथुरा जिले में 272 पदों पर भर्ती होनी थी जिसमें से 257 पदों पर प्रक्रिया पूरी कर ली गई। उसके बाद पूर्व में जारी की गई मेरिट लिस्ट में संशोधन कर छह महीने पहले एक नई सूची तैयार की गई, इसमें 150 लोगों से 10-10 लाख रू लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बिना आवेदन के नौकरी दे दी गई। गोपनीय शिकायत के बाद एसटीएफ ने तहकीकात की जिसके बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ।

उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में गोरखधंधा वहां की वर्तमान सरकार की विफलताओं का सबूत है। राज्य की शिक्षा व्यवस्था दिन-ब-दिन पिछड़ती ही जा रही है। चाहे वर्तमान में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की सरकार हो या पिछली सरकारें शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए किसी भी सरकार ने कोई महत्वपूर्ण प्रयास नहीं किया बल्कि वोट की राजनीति के चक्कर में पूरे तंत्र को भ्रष्टाचारी और कामचोर बना कर रख दिया है। क्योंकि वोट के लिए ही जुलाई 2013 में समाजवादी पार्टी की सरकार ने भी नियमों में बदलाव कर 1,72,000 शिक्षा मित्रों के समायोजन का निर्णय लिया था और सरकार ने 1,72,000 में से 1,38,000 शिक्षा मित्रों का समायोजन भी कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने चुनौती मिलने के बाद इस समायोजन को निरस्त कर दिया। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इस समायोजन में नियमों को ताक पर पाया और सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ ने इस बहाली को गलत पाया। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रिशन डेटा से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों (स्वीकृत क्षमता 7,59,898 पद) के लिए 1,74,666 रिक्तियों में से 1,72,000 शिक्षा मित्रों से भरी गई थी। 

दरअसल शिक्षा का अधिकार कानून सिर्फ शिक्षा की बात नहीं करता है बल्कि यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करता है। सरकार किसी भी तरह अपने फायदे को भुनाने के लिए नियमों को अनदेखा कर भर्तियां तो कर देती है लेकिन वह भर्तियां कोर्ट में आकर खारिज हो जाती है और इन सब के बीच अगर कोई वर्ग बरबाद होता है तो वह है छात्रों का वर्ग और उनका भविष्य। अब अगर देखा जाए तो जिन फर्जी शिक्षकों को भ्रष्ट अफसरों ने नियूक्त कर दिया था वह छह महीने से मथूरा जिले में पढ़ा रहे थे जब उनके पास पात्रता ही नहीं थी तो उनकी शिक्षा की क्या गुणवत्ता रही होगी इसका अनुमान आप खुद भी लगा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जिसने भारत देश को नौ प्रधानमंत्री दिये। इसके बाद राज्य की ऐसी स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 17,602 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां एक ही शिक्षक मौजूद हैं। वैसे तो पूरा भारत ही इस समस्या से जुझ रहा है। देश में वर्तमान समय में 12 से 14 लाख शिक्षकों की कमी है साथ ही देश में एक लाख पांच हज़ार से ज़्यादा स्कूल एक ही शिक्षक के सहारे चल रहे हैं।

जब तक सरकार, राज्य में सरकारी विभाग सही और सुचारू ढ़ंग से नहीं चला पाती है तब तक इस तरह की घटनांए होती रहेंगी। क्या प्रदेश में सत्ता की कुर्सी पर आसीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने वाले समय में बुनियादी शिक्षा व्यवस्था में कुछ परिवर्तन ला पाएगी और भ्रष्ट तंत्र को सही कर पाएगी या यह सरकार भी बाकी सरकार की तरह हवा में बात ही करती रह जाएगी?

Uttar pradesh
teachers scam
Yogi Adityanath
education scam

Related Stories

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

उपचुनाव:  6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश


बाकी खबरें

  • प्रियंका शंकर
    रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच, नॉर्वे में नाटो का सैन्य अभ्यास कितना महत्वपूर्ण?
    19 Mar 2022
    हालांकि यूक्रेन में युद्ध जारी है, और नाटो ने नॉर्वे में बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है, जो अभ्यास ठंडे इलाके में नाटो सैनिकों के युद्ध कौशल और नॉर्वे के सैन्य सुदृढीकरण के प्रबंधन की जांच करने के…
  • हर्षवर्धन
    क्रांतिदूत अज़ीमुल्ला जिन्होंने 'मादरे वतन भारत की जय' का नारा बुलंद किया था
    19 Mar 2022
    अज़ीमुल्ला ख़ान की 1857 के विद्रोह में भूमिका मात्र सैन्य और राजनीतिक मामलों तक ही सिमित नहीं थी, वो उस विद्रोह के एक महत्वपूर्ण विचारक भी थे।
  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्ट: महंगाई-बेरोजगारी पर भारी पड़ी ‘नमक पॉलिटिक्स’
    19 Mar 2022
    तारा को महंगाई परेशान कर रही है तो बेरोजगारी का दर्द भी सता रहा है। वह कहती हैं, "सिर्फ मुफ्त में मिलने वाले सरकारी नमक का हक अदा करने के लिए हमने भाजपा को वोट दिया है। सरकार हमें मुफ्त में चावल-दाल…
  • इंदिरा जयसिंह
    नारीवादी वकालत: स्वतंत्रता आंदोलन का दूसरा पहलू
    19 Mar 2022
    हो सकता है कि भारत में वकालत का पेशा एक ऐसी पितृसत्तात्मक संस्कृति में डूबा हुआ हो, जिसमें महिलाओं को बाहर रखा जाता है, लेकिन संवैधानिक अदालतें एक ऐसी जगह होने की गुंज़ाइश बनाती हैं, जहां क़ानून को…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मध्यप्रदेश विधानसभा निर्धारित समय से नौ दिन पहले स्थगित, उठे सवाल!
    19 Mar 2022
    मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र निर्धारित समय से नौ दिन पहले स्थगित कर दिया गया। माकपा ने इसके लिए शिवराज सरकार के साथ ही नेता प्रतिपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License