NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
उत्तराखंड : डेंगू पीड़ितों का आंकड़ा हज़ार के पार
स्वास्थ्य विभाग भले ही डेंगू से निपटने के तमाम कारगर प्रयास करने का दावा कर रहा हो, लेकिन डेंगू पीड़ितों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा कुछ और ही कहानी बयां करता है।
सोनिया यादव
07 Sep 2019
dengu
Image courtesy:Google News

उत्तराखंड में एक बार फिर लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और राज्य प्रशासन की नाकामी सामने आई है। आलम ये है कि प्रदेश में हज़ार से ज़्यादा लोग डेंगू की चपेट में हैं जबकि छह लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन प्रशासन अब जाकर नींद से जागा है। डेंगू को लेकर जारी स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के अनुसार, प्रदेश में अब तक 1024 मरीज़ों में रोग की पुष्टि हो चुकी है। डेंगू से पीड़ित होने वाले सर्वाधिक मरीज़ देहरादून के हैं, जहां इनकी संख्या 712 तक पहुंच चुकी है। नैनीताल में भी 286 मरीज़ डेंगू से पीडित हैं।

स्वास्थ्य विभाग भले ही डेंगू से निपटने के तमाम कारगर प्रयास करने का दावा कर रहा हो, लेकिन डेंगू पीड़ितों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा कुछ और ही कहानी बयां करता है। पीड़ितों के परिजनों ने न्यूज़क्लिक को बताया कि अस्पतालों में मरीज़ों की तादाद पहले ही इतनी ज़्यादा हो गई है कि डॉक्टर नए मरीज़ों को देख ही नहीं रहे। कई लोगों का कहना कि अस्पतालों में मशीनें ख़राब पड़ी हुई हैं, दवाई की भारी कमी है। लोगों ने प्रशासन से सवाल किया कि जब सरकार को पता है कि भारी संख्या में लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं तो प्रशासन मरीज़ों की संख्या के हिसाब से अस्पताल में डॉक्टरों और दवाओं की व्यवस्था क्यों नहीं कर रहा?

श्रीनगर के आकाश कहते हैं कि कुछ अस्पतालों में अलग से बैड की व्यवस्था तो कर दी गई है। लेकिन डॉक्टर पर्याप्त नहीं हैं। जहां डॉक्टर हैं, वहां दवाओं की कमी है। कोई व्यवस्था नहीं है, लोगों को ठीक से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।

देहरादून से निशा ने न्यूज़क्लिक को बताया, "यहां हालात बेक़ाबू होने के बाद प्रशासन ने डेंगू के रोकथाम की सुध ली। अगर शुरुआत से ही प्रशासन इस ओर ध्यान देता तो शायद ये नौबत ही नहीं आती।"

दून अस्पताल के एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया, "अस्पताल के टेक्नीशियन कर्मचारी बीते 6 महीने से वेतन न मिलने से नाराज़ हैं, जिसके चलते अस्पताल का कामकाज सामान्य नहीं है। जबकि डेंगू से प्रभावित सबसे ज़्यादा मरीज़ दून अस्पताल में ही भर्ती हैं। ऐसे में अस्पताल पर बहुत दबाव है।"

त्रिवंद्र रावत सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर इससे पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत की तर्ज पर अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी। ख़बरों के अनुसार इस स्कीम की तारीफ़ से ज़्यादा बदनामी हुई है। ऐसे में हाल ही में स्कीम के स्टेट सीईओ को बदला गया है। आईएएस युगल किशोर पंत के बाद अब सीईओ की ज़िम्मेदारी आईएएस अरुणेंद्र चौहान को सौंपी गई है।

आयुष्मान कार्ड धारक राकेश जो फिलहाल डेंगू से पीड़ित हैं उनके परिजनों का कहना है, "राकेश को अस्पतालों में उपचार नहीं मिल पा रहा है। अस्पतालों का कहना है कि उनके पास जगह नहीं है। कई अस्पतालों ने कहा कि कार्ड वालों का इलाज हमारे यहां नहीं होता।"

एक अन्य अ़टल आयुष्मान कार्ड धारक ने न्यूज़क्लिक को बताया कि राज्य में पहले से ही इस योजना में कई घोटाले देखने को मिले हैं। कभी अस्पताल मरीज़ों का इलाज नहीं करते तो कभी कई टेस्ट और फ़ालतू की दवाइयां लिखकर पैसे बना लेते हैं। मरीज़ एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर हैं।"

उधर, ज़िला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी ने मीडिया को बताया कि विभागीय टीमों ने क्षेत्रों का दौरा किया। घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा का सर्वे किया गया। लार्वा को मौक़े पर भी नष्ट किया गया। बताया गया कि निरीक्षण के दौरान जिन नौ घरों में मच्छर का लार्वा अधिक मात्रा में मिला है, नगर निगम के अधिकारियों द्वारा उनका चालान भी काटा गया है।"

इस मामले पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त क़दम नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के ज़्यादातर इलाक़ों में डेंगू का डंक फैल चुका है लेकिन सरकार ने पर्याप्त क़दम नहीं उठाएं हैं। सिंह ने दावा किया कि इस योजना के कार्ड धारक ग़रीबों को भी उपचार नहीं मिल पा रहा है।

ग़ौरतलब है कि इससे पहले भी देश के कई राज्यों में आयुष्मान भारत कार्ड धारकों ने शिकायत की है कि अस्पताल उनका इलाज नहीं कर रहे, तो वहीं कई जगह इलाज में लापरवाई की भी ख़बरें सामने आई हैं। ज़ाहिर है ये एक गंभीर मामला होने के साथ-साथ भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी कई सवाल उठाता है।

Uttrakhand
dengue
health department
uttrakhand government
health system

Related Stories

यूपी चुनाव: बीमार पड़ा है जालौन ज़िले का स्वास्थ्य विभाग

बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाः मुंगेर सदर अस्पताल से 50 लाख की दवाईयां सड़ी-गली हालत में मिली

उत्तराखंड चुनाव: मज़बूत विपक्ष के उद्देश्य से चुनावी रण में डटे हैं वामदल

बजट 2022: क्या मिला चुनावी राज्यों को, क्यों खुश नहीं हैं आम जन

उत्तराखंड: मानसिक सेहत गंभीर मामला लेकिन इलाज के लिए जाएं कहां?

दिल्ली में डेंगू के मामले बढ़े, अब तक 6 की मौत, स्वास्थ्य मंत्री ने की स्थिति की समीक्षा

बिहारः पटना में डेंगू का क़हर, एक रिटायर्ड अधिकारी की मौत

बिहार: वायरल फीवर की चपेट में बच्चे, कोविड और चमकी बुखार की तरह लाचार हेल्थ सिस्टम

डेंगू, बारिश से हुई मौतों से बेहाल यूपी, सरकार पर तंज कसने तक सीमित विपक्ष?

EXCLUSIVE :  यूपी में जानलेवा बुखार का वैरिएंट ही नहीं समझ पा रहे डॉक्टर, तीन दिन में हो रहे मल्टी आर्गन फेल्योर!


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License