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राजनीति
यूपी चुनाव 2022: कई जगह जमकर लड़ीं महिला उम्मीदवार, कई सीटों पर विजयी
बीते विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या में 4 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है और वो फिलहाल मैदान में 30 से अधिक सीटों पर आगे चल रही हैं।
सोनिया यादव
10 Mar 2022
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उत्तर प्रदेश की कुल 403 विधानसभा सीटों पर कई दमदार महिला उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो रहा है। इस बार यूपी चुनाव में 13 फीसदी महिला प्रत्याशी भाग्य आजमा रही हैं। इसमें कई महिलाएं यूपी की सियासत में पिछले कई वर्षों से प्रासंगिक बने रहे नेताओं की बेटियां हैं। बीते विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या में 4 प्रतिशत का इजाफा हुआ। 2017 के विधानसभा चुनाव में कुल उम्मीदवारों में से 9 प्रतिशत टिकट महिलाओं के हिस्से आए थे।
इस बार कांग्रेस ने 155 और बीजेपी ने 45 टिकट महिलाओं को दिए हैं। सपा ने 42 और बसपा ने 37 उम्मीदवार उतारे हैं। 98 निर्दल उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इसके अलावा आप से 30, आजाद समाज पार्टी से 6, एआईएमआईएम से 5, सुभासपा से एक, अपना दल से तीन, आरएलडी से दो और अन्य दलों से 136 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

आइए जानते हैं उन महिला उम्मीदवारों के बारे में जो रूझानों में आगे हैं...

बेबी रानी मौर्य (आगरा ग्रामीण)

आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से बीजेपी की बेबी रानी मौर्य जीत गई हैं। बेबी रानी मौर्य को 95746 मिले हैं। बसपा के किरण प्रभा केसरी को 52328वोट मिले हैं। रालोद के महेश कुमार जाटव को 32682 मिले हैं। कांग्रेस के उपेंद्र सिंह को सिर्फ 2879वोट मिले हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हेमलता दिवाकर यहां से विधायक बनी थीं। 2012 के विधानसभा चुनाव में आगरा ग्रामीण सीट से बसपा के कालीचरण सुमन चुनाव जीतकर विधायक चुने गए थे।

बेबी रानी इससे पहले उत्तराखंड की राज्यपाल थीं। उन्हें इस्तीफ़ा दिलाकर आगरा ग्रामीण से प्रत्याशी बनाया गया। जानकारों का कहना है कि अब बेबी रानी मौर्य को बीजेपी अपने दलित चेहरे के तौर पर आगे करेगी।

रजनी तिवारी (शाहाबाद सीट)

हरदोई जिले की शाहाबाद विधानसभा सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में सीधी टक्कर सपा-बीजेपी में देखने को मिल रही थी। आखिरकार, इस सीट पर बीजेपी ने बाजी मार ली है। बीजेपी की रजनी तिवारी, जो शुरू से ही आगे चल रही थी, वह शाहाबाद से जीत चुकी हैं। शाहाबाद से ये रजनी की लगातार दूसरी जीत है। हरदोई के शाहाबाद विधानसभा सीट पर 2017 में करीब 64 फीसदी मतदान हुआ थी और उस वक्त भी बीजेपी की रजनी तिवारी ने जीत दर्ज की थी। रजनी तिवारी ने बसपा के आसिफ खान को हराया था। शाहाबाद विधानसभा सीट में चौथे चरण यानी 23 फरवरी को मतदान हुआ था।

अदिति सिंह (रायबरेली सदर)

अदिति सिंह रायबरेली सदर सीट से पिता अखिलेश सिंह की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। इस बार वह बीजेपी की टिकट पर रायबरेली सदर सीट से चुनाव लड़ रही हैं और फिलहाल आगे हैं। इससे पहले वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बनी थीं।

मृगांका सिंह (कैराना)

मृगांका सिंह पश्चिमी यूपी के बड़े बीजेपी नेता और सांसद रहे हुकुम सिंह की बेटी हैं। मृगांका सिंह कैराना से बीजेपी के टिकट चुनाव लड़ रही हैं हालांकि उन्हें सपा प्रत्याशी नाहिद हसन ने पीछे छोड़ दिया है। नाहिद इस समय धोखाधड़ी के एक मामले में जेल में बंद हैं। उनकी छोटी बहन इकरा हसन यहां पर चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए थीं।

आराधना मिश्रा (रामपुर खास विधानसभा सीट)

आराधना मिश्रा (मोना) रामपुर खास विधानसभा सीट से जीत गई हैं। बीते 41 साल से यहां कांग्रेस का दबदबा कायम है। रामपुर खास से भारतीय जनता पार्टी ने नागेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया, वहीं कांग्रेस की तरफ से आराधना मिश्रा मैदान में पूरे दमखम से उतरीं। बहुजन समाज पार्टी ने बांके लाल पटेल को मैदान में उतारा।

प्रतिभा शुक्ला (अकबरपुर-रनिया सीट)

इस सीट पर बीजेपी की मौजूदा विधायक प्रतिभा शुक्ला शुरुआती रुझानों में आगे हैं। जबकि सपा ने डॉक्टर राम प्रकाश कुशवाहा दूसरे नंबर पर हैं। इस सीट परपर विनोद कुमार पाल बसपा से, अंबरीश सिंह गौर कांग्रेस से और विवेक कुमार आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं।

पल्लवी पटेल (सिराथू विधानसभा)

प्रदेश की हॉट सीट मानी जाने वाली कौशाम्बी की सिराथू सीट पर बीजेपी प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल से पीछे चल रहे हैं। पल्लवी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन और उनकी मां कृष्णा पटेल की अगुवाई वाले अपना दल कमेरावादी की उपाध्यक्ष हैं। उनकी ससुराल कौशांबी में है।

पूजा पाल (चायल विधानसभा सीट)

चायल विधानसभा सीट पर सपा ने पूजा पाल को प्रत्याशी बनाया है। पूजा पाल प्रयागराज के शहर पश्चिम सीट से बसपा के टिकट पर विधायक रह चुकी हैं। पूजा दिवंगत पूर्व विधायक राजू पाल की पत्नी हैं। और फिलहाल आगे चल रही हैं। विधानसभा चुनाव में चायल विधानसभा सीट पर सपा के पूजा पाल और अपना दल के प्रत्याशी नागेंद्र सिंह पटेल के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।

इंद्राणी वर्मा (भिनगा)

श्रावस्ती जिले की भिनगा सीट इंद्राणी वर्मा 2017 में इसी विधानसभा क्षेत्र से हार गई थीं। इस बार वे इस सीट से आगे चल रही हैं। भिनगा विधानसभा सीट से बीजेपी ने पद्मसेन चौधरी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने गजाला चौधरी को मैदान में उतारा है।

अलका अर्कवंशी (सण्डीला)

बीजेपी ने सण्डीला विधानसभा सीट से अलका अर्कवंशी को अपना प्रत्याशी बनाया है वो इस सीट से आगे चल रही हैं। इस सीट पर 2017 में भाजपा प्रत्याशी राजकुमार अग्रवाल ने जीत दर्ज की थी। संडीला विधानसभा सीट पर 2012 में सपा जीत दर्ज कर चुकी है। इस बार समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव समाज पार्टी के गठबंधन के चलते यह सीट ओमप्रकाश राजभर के खाते में है। वहीं इस सीट पर बसपा उम्मीदवार और तीन बार के विधायक रहे अब्दुल मन्नान फिर चुनाव मैदान में हैं।

अर्चना पांडेय ( कन्नौज छिबरामऊ)

कन्नौज जिले की छिबरामऊ विधानसभा सीट पर वर्तमान विधायक बीजेपी से अर्चना पांडेय और सपा से अरविंद सिंह यादव के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट पर बसपा ने वहीदा बानो उर्फ जूही सुल्तान और कांग्रेस ने विजय कुमार को मैदान में उतारा है। भाजपा उम्मीदवार अर्चना पांडेय इस समय आगे चल रही है, जबकि उन्हे सपा उम्मीदवार अरविंद सिंह यादव से कड़ी टक्कर मिलते दिख रही है।

असमोली विधानसभा सीट

संभल की असमोली विधानसभा सीट पर सपा प्रत्याशी पिंकी सिंह ने बढ़त हासिल कर ली है। बीजेपी ने इस बार यहां से हरेंद्र सिंह रिंकू को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की तरफ से हाजी मरगूब आलम, बसपा से रफातुल्ला उर्फ नेता छिद्दा और आप से अंजू मैदान में हैं। असमोली विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद बनी थी. 2012 में इस विधानसभा सीट पर पहली बार मतदान हुआ। तब समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव में उतरी पिंकी यादव ने जीत हासिल की थी।

रेखा वर्मा (बिधूना विधानसभा सीट)

औरैया जनपद के बिधूना विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार रेखा वर्मा आगे चल रही हैं। दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी रिया शाक्य हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 32 सालों के बाद जीत का खाता खोला। बीजेपी प्रत्याशी विनय शाक्य ने यहां से जीत दर्ज की थी।

गुलाब देवी (चंदौसी)

यूपी के संभल जिले की चंदौसी सुरक्षित सीट पर चार बार की विधायक और योगी सरकार में राज्यमंत्री गुलाब देवी आगे चल रही हैं। इस बार उन्हें पार्टी के अंदर से ही विरोध का सामना करना पड़ा था। सपा की तरफ कुमारी विमलेश मैदान में हैं। कांग्रेस ने मिथलेश बसपा ने रणविजय सिंह और आप ने सचिन कुमार पर दांव खेला है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की गुलाब देवी ने कांग्रेस के उम्मीदवार को बड़े अंतर से मात दी थी। उन्होंने कांग्रेस की विमलेश कुमारी को 45469 वोटों के अंतर से हराया था।

सपना कश्यप (चरथावल विधानसभा सीट)

मुजफ्फरनगर जिले की चरथावल विधानसभा सीट पर बीजेपी की सपना कश्यपर सपा के उम्मीदवार पंकज मलिक के बीच आमने-सामने का मुकाबला है। फिलहाल सपना आगे चल रही हैं। इस सीट पर कांग्रेस ने यास्मीन राणा तो बसपा ने सलमान सईद को चुनावी मैदान में उतारा है। 2017 में हुए चुनावों में यहां बीजेपी के विजय कश्यप ने विधायक की कुर्सी हासिल की थी।

संगीता बलवंत (गाजीपुर सदर)

गाजीपुर सदर विधानसभा सीट पर 26 साल बाद जीत दर्ज कराने वाली डॉ. संगीता बलवंत पर बीजेपी ने इस बार भी चुनाव में भी दांव लगाया है। योगी सरकार में मंत्री संगीता बलवंत के सामने सपा ने जयकिशन साहू को खड़ा किया है। वहीं बसपा ने पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार सिंह गौतम को मैदान में उतारा है। कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी लौटन हैं। यहां कड़े मुकाबले में संगीता फिलहाल आगे चल रही हैं।

उषा मौर्य (हुसैनगंज विधानसभा सीट)

फतेहपुर जिले की हुसैनगंज विधानसभा सीट पर रुझानों में समाजवादी पार्टी की ऊषा मौर्य ने बढ़त बनाई हुई है। बीजेपी ने इस सीट पर मौजूदा विधायक रणवेंद्र प्रताप सिंह को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। उषा इन चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुई हैं। बीते कई चुनाव में हारती आ रहीं ऊषा मौर्या के साथ लोगों की संवेदना है।

नीलिमा कटियार (कल्याणपुर)

कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की उम्मीदवार और वर्तमान विधायक नीलिमा कटियार आगे चल रही है। सपा के सतीश कुमार निगम दूसरे नंबर पर है, हालांकि दोनों प्रत्याशी एक दूसरे को कांटे की टक्कर दे रहे है। इस सीट पर बसपा ने अरुण मिश्रा को, कांग्रेस ने नेहा तिवारी को मुकाबले के लिए मैदान में उतारा है।

मीनाक्षी सिंह (खुर्जा विधानसभा सीट)

बुलंदशहर जिले की खुर्जा विधानसभा सीट पर बसपा और बीजेपी में कांटे की टक्‍कर का अनुमान था हालांकि शुरुआती रुझानों में बीजेपी उम्मीदवार मीनाक्षी सिंह आगे चल रही हैं। जबकि कड़ी टक्कर देने वाले उम्मीदवारों में गिने जा रहे बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार विनोद कुमार जाटव काफी पीछे रह गए हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर तुक्की मल खटीक को खड़ा किया है तो वहीं सपा ने बंशी सिंह को मैदान में उतारा है।

पूजा शुक्ला (लखनऊ नार्थ)

लखनऊ नॉर्थ विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने युवा नेत्री पूजा शुक्ला मौजूदा विधायक और बीजेपी के नेता डॉ. नीरज बोरा से आगे चल रही हैं। इस सीट पर बसपा ने मोहम्मद सरवर मलिक को टिकट द‍िया है जबकि कांग्रेस ने अजय श्रीवास्तव उर्फ अज्जू को उम्मीदवार बनाया है। बीते 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी के डॉ. नीरज वोरा ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और अखिलेश यादव के करीबी डॉ. अभिषेक मिश्रा को शिकस्त दी थी।

डॉ. रागिनी सोनकर (मछलीशहर विधानसभा सीट)

मछलीशहर विधानसभा सीट से सपा की डा. रागिनी सोनकर आगे चल रही हैं। बीजेपी के मेहीलाल दूसरे नंबर पर है। इस सीट पर सपा के विजय कुमार तीसरे नंबर पर हैं। मछलीशहर विधानसभा सीट पर हमेशा से ही समाजवादी पार्टी मजबूत रही है। यहां सपा के टिकट पर पिछले दो बार से जगदीश सोनकर चुनाव जीते हैं। बावजूद इसके इस बार पार्टी ने बड़ा फैसला करते हुए सीटिंग विधायक का टिकट काट कर डा. रागिनी सोनकर को अपना प्रत्याशी बनाया। रागिनी पेशे से सरकारी डॉक्टर थीं और एम्स में प्रैक्टिस करती थीं। लेकिन अब इस्तीफा देकर वो चुनाव मैदान में उतरी हैं।

आशा मौर्या (महमूदाबाद सीट)

सीतापुर जिले की महमूदाबाद सीट पर बीजेपी की आशा मौर्या सबसे आगे चल रही हैं। सपा की ओर से इस बार भी वर्तमान विधायक नरेंद्र वर्मा मैदान में हैं। तो वहीं कांग्रेस से उषा वर्मा और बसपा से अम्मार रिजवी पर दांव चला है।

जय देवी (मलिहाबाद विधानसभा सीट)

राजधानी लखनऊ के तहत आने वाली मलिहाबाद विधानसभा सीट सुरक्षित सीट है और यहां कांटे की टक्कर में बीजेपी की जय देवी फिलहाल आगे चल रही हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में जय देवी ने समाजवादी पार्टी के राजबाला को 22 हजार से अधिक वोट से हराया था। इस बार भी भाजपा ने जय देवी पर भरोसा जताते हुए उन्हें मौका दिया। समाजवादी पार्टी से सुरेंद्र कुमार, बहुजन समाज पार्टी से जगदीश रावत और कांग्रेस से इंदल रावत किस्मत आजमा रहे हैं।

सुषमा पटेल (मड़ियाहूं विधानसभा सीट)

समाजवादी पार्टी की सुषमा पटेल अभी जौनपुर की मड़ियाहूं विधानसभा क्षेत्र से आगे चल रही हैं। सपा ने पिछले साल बसपा छोड़कर पार्टी में आईं सुषमा पटेल पर इस बार भरोसा किया है। जबकि बीजेपी-अपना दल (सोनेलाल) गठबंधन से डॉ. आर के पटेल मैदान में हैं। मालूम हो कि इस सीट पर पटेल वोटरों का वर्चस्व माना जाता है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इसे गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के लिए छोड़ा था, जिसकी टिकट पर डॉ. लीना तिवारी यह सीट सपा से छीनने में कामयाब रहीं थी। लेकिन 2022 के चुनाव में लीना तिवारी का टिकट कट गया। इस बार बसपा की तरफ से आनंद दुबे और कांग्रेस से मीरा पांडे अपनी किस्मत आजमा रही हैं।

मारिया (मटेरा विधानसभा सीट)

बहराइच जिले की मटेरा सीट से सपा की मारिया फिलहाल आगे चल रही हैं। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अरुण वीर सिंह तो वहीं कांग्रेस अली अकबर को टिकट दिया है। बसपा ने आकिब उल्‍ला खान को उम्मीदवार बनाया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां 61.8 फीसदी मतदान हुआ था। मटेरा में कुल मतदाता 266769 है। मटेरा विधानसभा सीट पर पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या काफी है। इसके बाद मुस्लिम मतदाता आते हैं। इस जातीय समीकरण का फायदा समाजवादी पार्टी को मिलता है।

रश्मि आर्या (मऊरानीपुर विधानसभा सीट)

बुंदेलखंड की मऊरानीपुर विधानसभा सीट से फिलहाल अपना दल (सोनेलाल) पार्टी की प्रत्याशी रश्‍मी आर्या आगे चल रही हैं। यह एक सुरक्षित सीट है। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तिलक चंद्र अहिरवार दूसरे पायदान पर बने हुए हैं। बसपा से रोहित रतन और कांग्रेस की ओर से भगवान दास कोरी उम्मीदवार हैं। पिछली बार यह सीट बीजेपी के बिहारी आर्या ने जीती थी।

पूजा (मेहनगर विधानसभा सीट)

आजमगढ़ जिले की मेहनगर (सुरक्षित) विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार पूजा आगे चल रही हैं। दूसरे नंबर पर बीजेपी उम्मीदवार मंजू सरोज हैं। इस सीट को सपा का किला माना जाता है। यह विधानसभा क्षेत्र पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का संसदीय क्षेत्र रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से सपा के कल्पनाथ पासवान चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे।

नीलम करवरिया (मेजा)

प्रयागराज जिले की मेजा विधानसभा सीट पर भाजपा की नीलम करवरिया आगे चल रही हैं। इस बार मेजा से कांग्रेस ने शालिनी द्विवेदी, तो वहीं समाजवादी पार्टी ने संदीप पटेल और बहुजन समाज पार्टी ने सर्वेश चंद्र तिवारी को टिकट दिया है। इस सीट की खास बात यह है यहां के मतदाताओं ने अब तक सभी पार्टियों को मौका दिया है। पिछली बार यहां से भाजपा को जीत मिली थी।

मंजू सिवाच (मोदीनगर सीट)

मोदीनगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार मंजू सिवाच ने फिलहाल रुझानों में बढ़त हासिल कर ली है। इस बार कांग्रेस ने इस सीट पर नीरज कुमार प्रजापति पर दांव खेला है। जबकि रालोद से सुदेश शर्मा और बसपा से पूनम गर्ग अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदीनगर विधानसभा सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी डॉ. मंजू सिवाच ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने बसपा के नेता वहाब चौधरी को 66582 वोटों के अंतर से हराया था।

पूनम संखवार (रसूलाबाद सीट)

कानपुर देहात की रसूलाबाद की सुरक्षित सीट पर बीजेपी ने बसपा से पाला बदलकर आने वाली पूनम संखवार को उतारा है और वो अभी इस सीट पर आगे चल रही हैं। इस सीट पर सपा ने कमलेश चंद्र दिवाकर, कांग्रेस ने मनोरमा और बसपा ने सीमा सिंह को उतारा था। रसूलाबाद सीट 2017 में बीजेपी की निर्मला शंखवार ने जीती थी। लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने उनका टिकट काटकर पूनम शंखवार को अपना प्रत्याशी बनाया है। पूनम शंखवार 2017 के चुनाव में बसपा के टिकट से लड़ी थीं लेकिन तीसरे स्थान पर रही थीं।

मनीषा अनुरागी (राठ विधानसभा सीट)

बुंदेलखंड की राठ विधानसभा सीट से बीजेपी की मनीषा सबसे आगे चल रही हैं। समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चंद्रवती वर्मा दूसरे पायदान पर हैं। बसपा की तरफ से प्रसन्न भूषण और कांग्रेस की तरफ से कमलेश कुमार वर्मा यहां किस्मत आजमा रहे हैं। राठ विधानसभा सीट पर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मैदान में उतरीं मनीषा अनुरागी ने कांग्रेस के गयादीन अनुरागी को 104643 वोटों के अंतर से मात दी थी। हमीरपुर जिले में राठ विधानसभा क्षेत्र में लोधी वोटरों का दबदबा रहता आया है।

पिछली बार 41 महिलाएं बनीं थीं विधायक

गौरतलब है कि पिछली पर चुनाव मैदान में रहीं 445 महिला प्रत्याशियों में से 41 विजयी होकर विधान सभा पहुंची थीं। यह प्रदेश की विधानसभा में महिला भागीदारी का सबसे बड़ा आंकड़ा है, जो तकरीबन 10 फीसदी है। इनमें 35 भाजपा के सिंबल पर जबकि बसपा और कांग्रेस के निशान पर दो-दो महिला विधायकों ने चुनाव मैदान में फतेह पाई थी। अपना दल (एस) और सपा के सिंबल पर एक-एक प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। 2012 में यानी, 16वीं विधानसभा में 35 महिलाएं विधायक चुनकर आए थीं।

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