NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी: महिला शिक्षक संघ ने तीन दिन की 'पीरियड लीव' की मांग की
महिला संगठन की सदस्यों ने कहा कि मिशन शक्ति जैसी कथित पहल के बावजूद पुरुष संगठनों ने मांग को नजरअंदाज किया।
सबरंग इंडिया
03 Aug 2021
यूपी: महिला शिक्षक संघ ने तीन दिन की 'पीरियड लीव' की मांग की

महिलाओं के अधिकारों पर जोर देने की दिशा में एक प्रशंसनीय कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने हाल ही में सभी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की शिक्षिकाओं के लिए तीन दिन की पीरियड लीव की छुट्टी की मांग की है।

सबरंगइंडिया से बात करते हुए, संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने कहा कि संघ की सदस्यों ने 25 जुलाई, 2021 को ट्विटर के माध्यम से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिलने के बाद इस लक्ष्य की ओर अपने अभियान को मजबूत करने का संकल्प लिया।

मौर्य ने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में, महिलाओं को स्कूलों में पढ़ाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। पीरियड्स के दौरान शरीर में दर्द होता है, ट्रैवल स्ट्रेस से शरीर में दर्द होता है। हमारे द्वारा बार-बार इस छुट्टी के लिए पूछना पड़ता है, ऐसे में हम एक अवधि के अवकाश के प्रावधान के लिए अनुरोध करते हैं। मुख्यमंत्री और उनकी सरकार मिशन शक्ति की बात करती है। इसलिए, यह मांग उचित है।”

सरकार और अन्य अधिकारियों को लिखे अपने पत्र में, सदस्यों ने बताया कि बिहार सरकार पिछले 30 वर्षों से महिलाओं को "विशेष अवकाश" के रूप में दो दिन की छुट्टी प्रदान करती है। इसी तरह, उत्तर प्रदेश में, महिला कर्मियों को बीमारी की छुट्टी के रूप में रेस्ट लेना पड़ता है।
 

राज्य महासचिव अनुष्का ने कहा- निजी क्षेत्र में, गुड़गांव स्थित विप्रो, मीडिया क्षेत्र की "कल्चर मशीन" और सूरत की डिजिटल मार्केटिंग कंपनियां जैसे ज़ोमैटो भी महिला कर्मचारियों को ऐसे अवकाश प्रदान करती हैं। संघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "अगर विश्व स्तर पर देखा जाए, तो इटली, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, रूस, ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसे प्रावधान हैं।"  

इसके अलावा, मौर्य ने कहा कि किसी अन्य संगठन ने इस विषय को ध्यान देने योग्य नहीं समझा है। उन्होंने पूछा, 'महिलाएं पुरुषों के सामने इस तरह के मुद्दों को उठाने से कतराती हैं। राज्य स्तर की तो बात ही छोड़िये, जिला या ग्राम स्तर पर शायद ही कोई महिला प्रतिनिधि हो। हम अपनी शिकायतों को आवाज देने के लिए कहां हैं? पुरुषों को यह महत्वपूर्ण नहीं लगता, लेकिन क्या वे इस दर्द को महसूस कर सकते हैं?"

संघ अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे इस याचिका को उस राज्य में सुनें जहां महिलाएं पूरी लगन के साथ अपने काम को कर रही हैं। उन्होंने राजनीति के नाम पर इस तरह के अहम मुद्दों को किनारे करने के तरीके की निंदा की।


हाल ही में गठित संगठन के सदस्यों ने ऐसे लैंगिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास में संघ बनाने का संकल्प लिया, जिन्हें वर्षों से एक साथ ठीक से एड्रेस नहीं किया गया है।

शिक्षकों के लिए पीरियड लीव की आवश्यकता के अलावा, बाराबंकी के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात मौर्य उन युवा लड़कियों के बारे में चिंतित हैं जिनका मासिक धर्म के कारण स्कूल छूट गया। वे भविष्य के अभियानों में ऐसी किशोरियों के बारे में बात करना चाहती हैं।

अभी के लिए, संगठन के सदस्य 3 अगस्त को नियोजित 'ई-पाठशाला' कार्यशाला की तैयारी कर रहे हैं, जहाँ मौर्य राज्य में महिला शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करेंगी। कार्यक्रम के बाद महिला शिक्षक संघ की बैठक होगी।

संगठन को उम्मीद है कि सरकारी अधिकारी ऐसे समय में पीरियड लीव की आवश्यकता को स्वीकार करेंगे, जब कई महिलाओं को गंभीर दर्द का सामना करना पड़ता है। मौर्य ने बताया कि कई डॉक्टर महिलाओं को आराम करने की सलाह देते हैं, जबकि वास्तव में कामकाजी महिलाएं अपने दैनिक काम में लगी रहती हैं।

उन्होंने अपना पहला पत्र 6 जुलाई को उपमुख्यमंत्री, फिर शिक्षा मंत्री और अंत में श्रम एवं रोजगार विभाग के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को भेजा। उनके आवास पर पांच महिला शिक्षकों ने मासिक धर्म के दौरान अवकास के लिए पत्र सौंपा।

मंत्री ने महिला प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।

इससे पहले, मौर्य ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस बीच अगर सरकारी आंकड़ों की बात की जाए, तो तस्वीर अलग ही दिखाई देती है। 2019-20 के UDISE के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 95.5 फीसदी स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग से फंक्शनिंग टॉयलेट है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत- 93.6 फीसदी से भी ज्यादा है।

मौर्य ने आगे बताया कि कई बार टीचरों के पास दो ही विकल्प होते हैं। या तो वे गंदे वॉशरूम इस्तेमाल करें या फिर खेतों में जाएं। यह कठिन होता है, खासकर तब जब टीचर अपने पीरियड्स में होती हैं, क्योंकि उन्हें पहले ही दूर-दराज के गांवों में मौजूद स्कूल तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है।

इस तरह के मुद्दों के परिणामस्वरूप महिलाओं के लिए विभिन्न यूरिनरी संक्रमण हो सकते हैं, शिक्षक संगठन ने इसी तरह की कठिनाइयों से निजात पाने के लिए तीन दिन की छुट्टी की मांग की है।

साभार : सबरंग 

UttarPradesh
Women Teachers Union
Period Leave
Menstrual leave

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला

ज्ञानवापी विवाद में नया मोड़, वादी राखी सिंह वापस लेने जा रही हैं केस, जानिए क्यों?  

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कमिश्नर बदलने की याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित, अगली सुनवाई 9 को


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License