NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
यूपी: रोज़गार के सरकारी दावों से इतर प्राथमिक शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
योगी सरकार ने खुद सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामें में 51 हजार शिक्षकों के पद खाली होने की बात कही थी। वहीं, शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से आए आरटीआई के जवाब का हवाला देते हुए अभ्यर्थी प्राथमिक स्कूलों में 1.7 लाख शिक्षकों के खाली पद होने का दावा कर रहे हैं।
सोनिया यादव
14 Jul 2021
Image Courtesy:  Social Media
Image Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का चार साल में चार लाख नौकरियों का विज्ञापन तो अक्सर कहीं न कहीं दिख ही जाता है लेकिन जो नहीं दिखता वो है प्रदेश के बेरोज़गार युवाओं का दर्द, नौकरी और वैकेंसी को लेकर लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन।

बीते कई दिनों से लखनऊ के SCERT यानी स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग में पूरे उत्तर प्रदेश से इकट्ठा हुए अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे हैं। धरना प्रदर्शन और बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी से मिलने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन शासन-प्रशासन इन अभ्यार्थियों की एक भी सुनने को तैयार नहीं है।

पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी की!

अभ्यार्थियों का आरोप है कि मंगलवार, 13 जुलाई को जब उन्होंने मंत्री के घर का घेराव कर उनसे मिलने की कोशिश की तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें हटाना शुरू कर दिया और उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया। इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसे लेकर अभ्यर्थियों का दावा है कि पुलिसकर्मियों उनके साथ गाली-गलौज की, साथ ही मुकदमे लादने की धमकी भी दी।

आपको बता दें कि वीडियो में एक पुलिसकर्मी अभ्यर्थियों को गाली देते हुए मुकदमे लादने की धमकी देते नजर आ रहा है। भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थी अब इस पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं।

अभ्यर्थियों को मिल रही मुकदमे की धमकी

प्रदर्शन में शामिल अनंत सिंह ने मीडिया को बताया, “हम लोग 22 जून से SCERT पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। मंगलवार को हम लोगों ने जब शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया था। उसी दौरान पुलिस आई और हमारे कुछ साथियों को उठा ले गई। हमें आश्वासन दिया गया कि शिक्षा मंत्री से आपकी मुलाकात करवाएंगे। लेकिन शिक्षा मंत्री से मिलवाने की बात तो दूर, हमारे साथ गाली-गलौज की गई। हमारे साथियों को मंत्री आवास से पुलिस पकड़कर ले गई। जिन्हें बाद में SCERT ले जाकर छोड़ा गया। साथ ही धमकी भी दी गई कि अगर लखनऊ में और रुके तो सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा।“

एक अन्य प्रदर्शनकारी कहते हैं, “हम लोगों ने बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव इसलिए किया था क्योंकि हम चाहते थे कि भर्ती को लेकर सरकार का जो भी रूख है वो मंत्री जी आकर स्पष्ट करें। हम चाहते हैं खाली पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की जाए> पुलिस हमें हटा रही थी लेकिन हम हटे नहीं तो फिर हमारे साथ गाली-गलौज की गई और धमकाया गया। हिरासत में लेकर SCERT छोड़ा गया”।

क्या है पूरा मामला?

प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का मामला पहले भी कई बार सुर्खियों में रहा है। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में BTC और बीएड वाले शामिल होते हैं। प्राथमिक शिक्षक यानी 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने वाले अध्यापक। बीएड वाले पहले प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्य नहीं थे लेकिन अब बीटीसी के साथ बीएड वाले भी आगे की भर्ती के लिए पात्र हैं। बीटीसी और बीएड करने वाले उम्मीदवारों को UPTET यानी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा देनी होती है।

इस परीक्षा को पास करने वाले उम्मीदवारों को टेट सर्टिफिकेट मिलता है। इस सर्टिफिकेट को हासिल करने वाले अभ्यर्थी ही सरकार द्वारा निकाली गई शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्य होते हैं। सरकार जो भर्ती निकालती है उसकी भी परीक्षा होती है, उस परीक्षा को यूपी में सुपरटेट कहा जाता है। सुपर टेट को पास करने वाले उम्मीदवारों की काउंसलिंग कर उन्हें प्राइमरी शिक्षक के पद पर नियुक्त किया जाता है। अब इसी भर्ती और वैकेंसी के लेकर पूरा बवाल मचा हुआ है।

ऑल बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार एक आरटीआई का हवाला देते हुए बताते हैं कि सरकार हमेशा से ये आश्वासन देती रही कि जैसे ही 69 हजार पदों पर भर्ती पूरी होगी नई भर्ती के बारे में सोचा जाएगा। लेकिन इतना कैंपेन चलाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, सीट खाली हैं, योग्य अभ्यर्थी भी हैं। लेकिन सरकार वैकेंसी नहीं निकाल रही है।

देश के सरकारी विद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली

गौरतलब है कि देश के समस्त सरकारी विद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं। इसे लेकर सितंबर 2020 में लोकसभा सांसद धर्मवीर सिंह ने केंद्र सरकार से देश भर में शिक्षकों के खाली पदों को लेकर जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में उस समय के केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया था कि पूरे देश भर में शिक्षकों के 10 लाख 60 हजार पद खाली हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार के बाद सबसे ज्यादा यूपी में से 2 लाख 17 हजार पद खाली पड़े हैं।

इसके अलावा योगी सरकार ने खुद 51 हजार शिक्षकों के पद खाली होने की बात कही थी। पिछले साल मई में सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दिया था, इसमें कहा गया था कि शिक्षकों के करीब 51 हजार पद खाली हैं, जिसका विज्ञापन अभी जारी नहीं हुआ है। वहीं, शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से आए RTI के जवाब का हवाला देते हुए अभ्यर्थी प्राथमिक स्कूलों में 1.7 लाख शिक्षकों के खाली पद होने का दावा कर रहे हैं। ये आंकड़ा 2019-20 का है। जाहिर है प्रदेश में रोज़गार की हक़ीक़त सरकारी दावों की तस्वीर से उलट नज़र आती है।

UttarPradesh
Yogi Adityanath
unemployment
Primary education
satish diwedi
Primary Schools In Uttar Pradesh
Protest

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा


बाकी खबरें

  • समीना खान
    ज़ैन अब्बास की मौत के साथ थम गया सवालों का एक सिलसिला भी
    16 May 2022
    14 मई 2022 डाक्टर ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशन की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर ज़ैन अब्बास ने ख़ुदकुशी कर ली। अपनी मौत से पहले ज़ैन कमरे की दीवार पर बस इतना लिख जाते हैं- ''आज की रात राक़िम की आख़िरी रात है। " (राक़िम-…
  • लाल बहादुर सिंह
    शिक्षा को बचाने की लड़ाई हमारी युवापीढ़ी और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का ज़रूरी मोर्चा
    16 May 2022
    इस दिशा में 27 मई को सभी वाम-लोकतांत्रिक छात्र-युवा-शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच AIFRTE की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कन्वेंशन स्वागत योग्य पहल है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!
    16 May 2022
    फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान का बेटा भी एक फिल्म बना सके।
  • वर्षा सिंह
    उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!
    16 May 2022
    “किसी स्थान की वहनीय क्षमता (carrying capacity) को समझना अनिवार्य है। चाहे चार धाम हो या मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल। हमें इन जगहों की वहनीय क्षमता के लिहाज से ही पर्यटन करना चाहिए”।
  • बादल सरोज
    कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी
    16 May 2022
    2 और 3 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के गाँव सिमरिया में जो हुआ वह भयानक था। बाहर से गाड़ियों में लदकर पहुंचे बजरंग दल और राम सेना के गुंडा गिरोह ने पहले घर में सोते हुए आदिवासी धनसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License