NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
वाराणसी का चुनाव हुआ रोचक, बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर को सपा का टिकट
बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव अब वाराणसी से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी होंगे। इससे पहले वे प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Apr 2019
तेज बहादुर यादव
फोटो : फेसबुक से साभार

समाजवादी पार्टी (सपा) ने वाराणसी में एक बड़ा दांव खेल दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपना पूर्व घोषित प्रत्याशी बदलते हुए सपा ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। तेज बहादुर अब वाराणसी से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी होंगे। इससे पहले वे प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे।

आपको बता दें कि सेना में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के कारण तेज बहादुर बर्खास्त कर दिए गए थे।

सपा की तरफ से जारी बयान के मुताबिक पार्टी ने वाराणसी सीट से शालिनी यादव के स्थान पर तेज बहादुर को प्रत्याशी बनाया है।

तेज बहादुर ने सोमवार को नामांकन के आखिरी दिन सपा प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया। इससे पहले वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर चुके थे। इससे पहले उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी। जिसकी तस्वीर फेसबुक पर टीम तेज बहादुर पेज पर साझा भी की गई थी।

58949964_131191748049268_6011363066455785472_o.jpg

फोटो : फेसबुक से साभार

तेज बहादुर ने पर्चा दाखिल करने के बाद संवाददाताओं से कहा ''हमने दोबारा सपा के चुनाव चिन्ह के साथ पर्चा दाखिल किया है।’’

सपा द्वारा पूर्व में घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव का टिकट काट दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में पार्टी से ही पूछें तो बेहतर है।

सपा का टिकट मिलने के साथ ही तेज बहादुर गठबंधन के साझा उम्मीदवार हो गए हैं। गठबंधन में वाराणसी की सीट सपा के हिस्से में आई है। इसी के साथ वाराणसी का चुनाव रोचक हो गया है। जानकारों का कहना है कि मुकाबले को और कड़ा बनाने के लिए कांग्रेस को भी तेज बहादुर का समर्थन कर देना चाहिए। क्योंकि उसके उम्मीदवार अजय राय पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें करीब 75 हज़ार वोट मिले थे। कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस ऐसा कोई फैसला ले भी सकती है। अगर ऐसा हुआ तो निश्चित तौर पर वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी की राह आसान नहीं होगी।  

आपको बता दें कि पहले कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी को वाराणसी से मोदी के खिलाफ उम्मीदवार बनाने की भी चर्चा चली थी। प्रियंका ने भी कहा था कि अगर उनके पार्टी अध्यक्ष (राहुल गांधी) चाहेंगे तो उन्हें वाराणसी से लड़ने में खुशी होगी। लेकिन ये कवायद अंजाम तक नहीं पहुंची। सूत्रों ने बताया कि प्रियंका चाहती थीं कि सपा-बसपा गठबंधन भी उन्हें समर्थन दे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ। बताया गया कि अखिलेश एक बार को तैयार थे लेकिन मायावती इसके लिए तैयार नहीं हुईं, क्योंकि वे नहीं चाहती थीं कि इस बहाने कांग्रेस पूर्वांचल में अपनी हवा बनाए। ख़ैर ये एक रणनीतिक चर्चा थी या इसमें कोई गंभीरता थी, कहना मुश्किल है, लेकिन अब अगर कांग्रेस तेज बहादुर यादव को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन देती है तो निश्चित ही वाराणसी का चुनाव एकतरफ़ा नहीं रह जाएगा।

कौन हैं तेज बहादुर यादव?

आपको याद होगा 2017 का साल। साल की शुरुआत में ही 9 जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था।

तेज बहादुर ने जम्मू-कश्मीर में तैनात जवानों को खराब खाना दिये जाने की शिकायत वाले कुछ वीडियो पोस्ट किए थे, जिनके सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वे चर्चा में आ गए।

इन वीडियो में सिर्फ हल्दी और नमक वाली दाल और साथ में जली हुई रोटियां दिखाते हुए खाने की गुणवत्ता पर उन्होंने सवाल उठाए थे। वीडियो में उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है।

वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले पर विस्तृत रपट मांगी थी। इस बीच तेजबहादुर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। बल्कि उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते। इसके विरोध में तेज बहादुर राजौरी स्थित मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे।

बाद में उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया। उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच की गई थी।

बर्खास्त किए जाने के बाद तेजबहादुर ने फौजी एकता न्याय कल्याण मंच नामक एक एनजीओ बनाया, और अब वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं।

आपको यह भी बता दें कि इस बीच जनवरी, 2019 में तेज बहादुर के 22 वर्षीय बेटे रोहित ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। कुल मिलाकर तेज बहादुर काफी मुश्किल हालात से गुज़र रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।
वाराणसी में अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है।

(समाचार एजेंसी भाषा और आईएएनएस के इनपुट के साथ)

2019 आम चुनाव
General elections2019
2019 Lok Sabha elections
varanasi
Narendra modi
TEJ BAHADUR YADAV
BSF
SAMAJWADI PARTY
Gathbandhan

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License