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वेनेजुएला की जनता का ऐलान : अमेरिकी बाहर जाओ!
वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप ख़ुद को घोषित करने वाले नेशनल एसेंबली के नेता जुआन गाएदो को यूएस ने फौरन समर्थन कर दिया।
पीपल्स डिस्पैच
25 Jan 2019
Venezuela
काराकास में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए वेनेजुएला के निर्वाचित राष्ट्रपति निकोलस मादुरो। Photo: Telesur

लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के शपथ ग्रहण के लगभग दो सप्ताह बाद ही वेनेजुएला की नेशनल एसेंबली के नेता जुआन गाएदो ने ख़ुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया और साथ ही ये भी कहा कि वे "काउंसिल ऑफ ट्रांजिशन" को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे।

गाएदो की इस घोषणा को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके प्रशासन द्वारा फौरन समर्थन किया गया। ये 10 जनवरी को मादुरो के पद हासिल करने के बाद से उनको पद छोड़ने की मांग कर रहे थे।

यूएस के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ ने ट्विटर पर लिखा "यूएसए वेनेजुएला के संविधान के अनुच्छेद 233 के तहत अंतरिम राष्ट्रपति की भूमिका हासिल करने के लिए जुआन गुआदो के साहसी फैसले को स्वीकार करता है। हम @AsambleaVE और ट्रांजिशनल गवर्नमेंट की स्थापना की उनकी कोशिशों और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव के लिए #Venezuela को तैयारी करने के लिए समर्थन करते हैं।"

निकोलस मादुरो ने बुधवार को दोपहर के वक़्त काराकस के मिराफ्लोरस पैलेस के पास मौजूद अपने हज़ारों समर्थकों के समक्ष अपनी बात रखते हुए वेनेजुएला की संप्रभुता के ख़िलाफ़ किए गए कार्यों और लोगों की इच्छा का उल्लंघन करने की कोशिशों की निंदा की। उन्होंने घोषणा की कि वेनेजुएला संयुक्त राज्य अमेरिका से सभी राजनयिक संबंधों को ख़त्म कर देगा और उनके अधिकारियों के पास देश छोड़ने के लिए सिर्फ 72 घंटे का समय है।

मादुरो ने कहा "हम तख्तापलट के प्रयासों, हस्तक्षेप, साम्राज्यवाद को नकारते हैं...। मैंने संयुक्त राज्य अमेरिका की साम्राज्यवादी सरकार के साथ राजनयिक और राजनीतिक संबंधों को ख़त्म करने का फैसला किया है। यहां से बाहर निकलो! वेनेजुएला को छोड़ दो!"

अमेरिकी राज्यों के संगठन के महासचिव लुइस अल्माग्रो ने भी गाएदो को अपना समर्थन दिया है और लीमा समूह के देश इसका समर्थन कर रहे हैं। कोलम्बिया,ब्राज़ील, पैराग्वे, इक्वाडोर और अन्य देशों ने भी सार्वजनिक रूप से स्वनियुक्त "अंतरिम राष्ट्रपति" को अपना समर्थन दिया है।

यह बताना महत्वपूर्ण है कि इस घटनाक्रम से पहले भी नेशनल एसेंबली वर्ष 2016 से अदालत की अवमानना करती रही है और इस तरह उनके सभी कार्य अमान्य हैं।

ये घटना वेनेजुएला में बढ़े तनाव के बीच हुई है। सोमवार को रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि बोलिवेरियन नेशनल गार्ड के डीफेक्टिंग सोल्जर्स के एक समूह ने वेनेजुएला के बोलिवेरियन सशस्त्र बल पर काराकास में उनके साज सामान पर हमला किया।

मई 2018 में वेनेजुएला में राष्ट्रपति चुनाव हुए जिसे राष्ट्रीय संविधान सभा द्वारा कराया गया। चुनावों से पहले अति दक्षिणपंथी विपक्ष के कुछ वर्ग ने चुनावों को बहिष्कार का आह्वान किया और उन्हें अमेरिका और उनके लीमा समूह के रूढ़िवादी लैटिन अमेरिकी सहयोगियों द्वारा समर्थन दिया गया जिन्होंने घोषणा की कि ये चुनाव ग़ैरक़ानूनी होंगे और वे परिणाम को स्वीकार नहीं करेंगे।

21 मई 2018 को लगभग 6 मिलियन (68%) से अधिक वोट निकोलस मादुरो के पक्ष में डाले गए और वे फिर से वेनेजुएला के बोलीविया गणराज्य के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए। मुख्य विपक्षी उम्मीदवार हेनरी फाल्कन 21% मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और पादरी जेवियर बर्टुची 10% मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

इस चुनाव में वेनेजुएला के सभी वर्गों की उच्च स्तर पर भागीदारी और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए अमेरिका और उसके सहयोगी इस चुनाव की अस्वीकृति को लेकर अड़े रहे और ये बात सामने आई कि वे 10 जनवरी से शुरू होने वाले मादुरो के कार्यकाल को मान्यता नहीं देंगे।

4 अगस्त को काराकस में बोलिवर एवेन्यू पर बोलिवेरियन नेशनल गार्ड के 81 वीं वर्षगांठ समारोह के दौरान विस्फोटकों से भरी ड्रोन का इस्तेमाल करके निकोलस मादुरो की हत्या करने की कोशिश की गई लेकिन इसे नाकाम कर दिया गया। दिसंबर में मादुरो ने सार्वजनिक रूप से इनकार किया था कि कोलंबिया और अमेरिका के समर्थन से उनके ख़िलाफ़ तख्तापलट की कोशिश की जा रही थी और तथाकथित ऑपरेशन के लिए वेनेजुएला-कोलंबिया सीमा पर सैकड़ों अर्धसैनिक बलों को प्रशिक्षित किया जा रहा था।

गुप्त तख्तापलट के ख़तरे के बावजूद लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति निकोलस मादुरो और बोलिवेरियन क्रांति को अपना समर्थन दिखाने के लिए हजारों लोग काराकास की सड़कों पर जमा हो गए। लैटिन अमेरिका के कई शहरों जैसे कि लीमा, पेरू, ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना, सैन जोस, कोस्टा रिका समेत अन्य जगहों पर लामबंदी की योजना बनाई गई।

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Nicolás Maduro
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