NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
विदर्भ के किसानों का समर्थन कर रहे थे यशवंत सिन्हा, भाजपाई पुलिस ने लिया हिरासत में
यशवंत ने सवाल उठाया था कि अगर आर्थिक मोर्चे पर सभी कुछ अच्छा है तो पीएम को राजनीतिक कीमत क्यों चुकानी पड़ेगी?
सबरंग इंडिया
05 Dec 2017
यशवंत सिन्हा
सबरंग इंडिया

मुंबई। मोदी सरकार की नीतियों पर लगातार हमलावर हो रहे वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा को महाराष्ट्र के अकोला में पुलिस ने हिरासत में लिया है। वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक वरिष्ठ नेता को अकोला पुलिस ने उस वक्त हिरासत में ले लिया जब वे किसानों के साथ सरकार की उदासीनता को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। वे आत्महत्या के मामले में कुख्यात विदर्भ के किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे। 

समाचार एजेंसी को अकोला के डिस्ट्रिक्ट सुप्रीमटेंडेंट ऑफ पुलिस राकेश कलासागर ने कहा कि सिन्हा को करीब 250 किसानों के साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट के सेक्शन 68 के तहत गिरफ्तार किया गया है। 

इससे पहले सिन्हां पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर सुर्खियों में आए थे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने लेख लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा तथा। उन्होंने एनडीटीवी डॉट कॉम के लिए एक लेख लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि वह अपने क्रांतिकारी फैसलों की कीमत चुकाने को तैयार हैं।  

यशवंत ने सवाल उठाया था कि अगर आर्थिक मोर्च पर सभी कुछ अच्छा है तो पीएम को राजनीतिक कीमत क्यों चुकानी पड़ेगी? क्या यह गुजरात विधानसभा चुनावों में खुद के लिए निजी सहानुभूति पाने की कोशिश तो नहीं है? उन्होंने लिखा कि राजकोषीय घाटे में गिरावट भी चिंता का विषय है। इसके अलावा प्राइवेट इन्वेस्टमेंट का खराब स्थिति में होना भी अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है। 

Courtesy: सबरंग इंडिया
yashwant sinha
BJP
Modi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • starbucks
    सोनाली कोल्हटकर
    युवा श्रमिक स्टारबक्स को कैसे लामबंद कर रहे हैं
    03 May 2022
    स्टारबक्स वर्कर्स यूनाइटेड अमेरिकी की प्रतिष्ठित कॉफी श्रृंखला हैं, जिसकी एक के बाद दूसरी शाखा में यूनियन बन रही है। कैलिफ़ोर्निया स्थित एक युवा कार्यकर्ता-संगठनकर्ता बताते हैं कि यह विजय अभियान सबसे…
  • प्रबीर पुरकायस्थ, टी के अंजलि
    कोयले की किल्लत और बिजली कटौती : संकट की असल वजह क्या है?
    03 May 2022
    मौजूदा संकट, बिजली क्षेत्र में सुधारों की बुनियादी विचारधारा का ही नतीजा है, जहां 400 गीगावाट की स्थापित बिजली क्षमता के होते हुए भी, इससे आधी शीर्ष मांग पूरी करना भी संभव नहीं हो रहा है।
  • आज का कार्टून
    मंज़र ऐसा ही ख़ुश नज़र आए...पसमंज़र की आग बुझ जाए: ईद मुबारक!
    03 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान के साथ हम सब इस ईद पर यही चाहते हैं कि मंज़र ऐसा ही ख़ुश नज़र आए...पसमंज़र की आग बुझ जाए।
  • विजय विनीत
    बनारस में हाहाकारः पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में पीने के पानी के लिए सब बेहाल
    03 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्टः  बनारस में पानी की आफत को देखते हुए एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने मांग की है कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए बनारस शहर में आपातकाल घोषित किया जाए और पानी की विलासिता पर रोक लगाई जाए।…
  • अखिलेश अखिल
    ढहता लोकतंत्र : राजनीति का अपराधीकरण, लोकतंत्र में दाग़ियों को आरक्षण!
    03 May 2022
    आजादी के अमृतकाल की दुदुम्भी और शंखनाद से इतर जब राजनीति के अपराधीकरण पर हम नजर डालते हैं तो शर्म से सिर झुक जाता है। जो सदन कभी जनता के सवालों पर गूंजता था,एक से बढ़कर एक वक्ताओं के ऐतिहासिक भाषणों…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License