NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
विधानसभा चुनाव परिणामः बीजेपी की करारी हार
तीन राज्यों में चुनाव हार कर बीजेपी ने अपना आधार खो दिया है। ऐसे में मोदी सरकार के अंत की लगभग शुरूआत हो गई है।
सुबोध वर्मा
12 Dec 2018
विधानसभा चुनाव परिणामः बीजेपी की करारी हार

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। जिन तीन राज्यों में बीजेपी सत्ता में थी वहां उसे मुंह की खानी पड़ी है। ये राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ हैं। उधर तेलंगाना में पार्टी का वोट घट गया और इसकी सीट संख्या पांच से तीन तक पहुंच गई। मिजोरम में निवर्तमान विधानसभा में कोई सीट नहीं था। हालांकि इस बार एक ही सीट से उसे संतोष करना पड़ा है।

राजस्थान की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को साल 2013 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार उसके वोट शेयर में लगभग 7% का नुकसान हुआ है। वहीं एमपी में 3.5% और छत्तीसगढ़ में 8.5% का भारी नुकसान हुआ है।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों की तुलना में जब इसने इन तीन राज्यों का तथाकथित मोदी लहर में सफाया कर दिया था ऐसे में बीजेपी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। इसे न्यूजक्लिक साइट पर उपलब्ध चुनाव डेटा टूल में देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इसका वोट शेयर लगभग 17% घट गया है जबकि एमपी में यह लगभग 13% घट गया है।

 

चुनावों में सीटों के मिलने और सरकार के गठन की बात करें तो मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला रहा। यहां कांग्रेस को 114 सीट मिले जबकि बीजेपी को 109 सीट ही प्राप्त हुए। यहां बड़ी पार्टी के रूप कांग्रेस सामने आई है। यहां कि विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 230 है ऐसे में दोनों ही पार्टियों को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। सरकार गठन के लिए कम से कम 116 सदस्यों की ज़रूरत है इसलिए यहां त्रिशंकु सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। उधर बीएसपी के दो उम्मीदवारों ने जीत हासिल किया है। वहीं चार निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है और समाजवादी के एक विधायक ने इस चुनाव में अपना जीत दर्ज किया है। राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस की निगाहें इन्हीं छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों पर टिकी है। उधर बीएसपी हाल के दिनों में लगातार बीजेपी का विरोध करती रही है। बीएसपी ने कांग्रेस को समर्थन देने का भी ऐलान कर दिया है। यहां कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए केवल दो विधायकों की ज़रूरत है क्योंकि उसके 114 उम्मीदवार चुनाव जीत चुके हैं।

उधर राजस्थान में कांग्रेस को 99 सीट मिली जबकि बीजेपी को 73 सीटों पर संतोष करना पड़ा। इस तरह सत्तारूढ़ बीजेपी को भी यह राज्य गवानी पड़ी है। यहां 200 सीटों में199 सीटों पर चुनाव हुए। सरकार बनाने के लिए यहां 100 सीटों की ज़रूरत है जो कांग्रेस पास लगभग दिखाई पड़ रही है। बीएसपी के 6 उम्मदीवारों ने चुनाव जीता है वहीं सीपीआईएम के दो उम्मीदवारों को राज्य में जीत मिली है साथ ही अन्य छोटे दल हैं जिनके उम्मीदवारों ने जीत दर्ज किया है। इसके अलावा राज्य में जीते हुए निर्दलीय विधायकों की संख्या 13 है ऐसे में यहां कांग्रेस की सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं छत्तीसगढ़ में 90सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस ने भारी बहुमत हासिल किया है। उसे इस चुनाव में 68 सीट मिले हैं जबकि बीजेपी को मात्र 15 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है। बीजेपी पिछले 15 वर्षों से राज्य की सत्ता पर काबिज थी लेकिन इस चुनाव में उसे भारी नुकसान उठानी पड़ी है।

इसलिए वोट शेयर और सीटों के मामले में बीजेपी को इन तीन राज्यों में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। बीजेपी के इस आश्चर्यजनक हार के कारणों को तलाशना काफी मुश्किल काम नहीं है।

विनाशकारी आर्थिक नीतियों का परिणाम

जैसा कि न्यूजक्लिक ने पिछले कुछ महीनों से बार-बार इस बात को उजागर किया था कि मुख्य रूप से किसानों को हुए नुकसान, बेरोजगारी (विशेष रूप से युवाओं के बीच),क़ीमतों में वृद्धि के बावजूद स्थिर वेतन और नोटबंदी तथा जीएसटी के चलते इन तीन बड़े राज्यों में लोगों के बीच असंतोष बढ़ रहा था। दूसरे शब्दों में बीजेपी नेतृत्व में लागू किए गए अपरिपक्व नव उदारवादी मॉडल के तहत आर्थिक आफत को अस्वीकार कर दिया गया।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में जहां पिछले दशक में खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ गया था वहीं घोषित एमएसपी अप्रासंगिक हो रहा था क्योंकि सरकारी ख़रीद में कटौती के कारण सरकारी ख़रीद घट गया था। गैर-लाभकारी कीमतों के कारण बड़ी संख्या में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। खुले बाज़ार में क़ीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से बहुत कम था। किसानों को नरेंद्र मोदी से कुल उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक क़ीमत रखने की उम्मीद थी जिसको उन्होंने कभी पूरा नहीं किया। इस विश्वासघात के परिणामस्वरूप क़र्ज़ बढ़ गया इसके परिणामस्वरूप किसानों की परेशानी बढ़ गई और कई किसानों ने आत्महत्या कर ली। ये उन्हीं प्रत्य़क्ष परिणामों में से एक था। राजस्थान में भी इसी तरह की स्थिति का सामना किसानों ने किया था जिसके कारण कई महीनों तक भारी विरोध हुआ। मध्यप्रदेश में जून 2017 में मंदसौर में विरोध करने वाले किसानों पर पुलिस ने गोलीबारी की थी।

बेरोज़गारी मोदी सरकार की एक उल्लेखनीय खासियत रही है। इन तीनों राज्यों में सत्तारूढ़ बीजेपी को मोदी के एक अन्य विश्वासघात यानी एक करोड़ नौकरी देने के वादे को लेकर लोगों के गुस्सा का सामना करना पड़ा। राज्य सरकार ने अपने स्वयं के रोज़गार लक्ष्यों को पेश करने की कोशिश की लेकिन उसे पूरा करने में बुरी तरह विफल रही। वे युवा जिन्होंने पूर्ववर्ती चुनावों में मोदी का समर्थन किया था इस विश्वासघात के कारण बीजेपी के ख़िलाफ़ हो गए।

 

https://ssl.gstatic.com/ui/v1/icons/mail/images/cleardot.gif

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Assembly elections 2018
Rajasthan
Madhya Pradesh
Chhattisgarh
Narendra modi
Congress
BJP
MIZORAM
Telangana
2019 elections
KCR

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर : मस्जिद दर मस्जिद भगवान की खोज नहीं, नफ़रत है एजेंडा, हैदराबाद फ़र्ज़ी एनकाउंटर के बड़े सवाल
    24 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एक के बाद एक मस्जिद में भगवान की खोज के नफ़रती एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए सरकारों से पूछा कि क्या उपलब्धियों के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ उठाए गये कदमों को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?
    24 May 2022
    न्यूज़चक्र में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष आखिर क्यों देश को उलझा रहा है ज्ञानवापी, क़ुतब मीनार, ताज महल जैसे मुद्दों में। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की बात कब होगी…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी: भारी नाराज़गी के बाद सरकार का कहना है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का ‘कोई आदेश नहीं’ दिया गया
    24 May 2022
    विपक्ष का कहना है कि ऐसे समय में सत्यापन के नाम पर राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं जब महामारी का समय अधिकांश लोगों के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    देश में लापता होते हज़ारों बच्चे, लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में 5 गुना तक अधिक: रिपोर्ट
    24 May 2022
    ये उन लापता बच्चों की जानकारी है जो रिपोर्ट हो पाई हैं। ज़्यादातर मामलों को तो पुलिस मानती ही नहीं, उनके मामले दर्ज करना और उनकी जाँच करना तो दूर की बात है। कुल मिलाकर देखें तो जिन परिवारों के बच्चे…
  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत
    24 May 2022
    मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License