NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
विकास की बलिवेदी पर: दूसरी किस्‍त
सौजन्य: जनपथ.कॉम
10 Jun 2015
विकास के इस कथित उग्र ''जनांदोलन'' के बारे में सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक शिवशंकर यादव ऐसे समझाते हैं, ''पूरी पब्लिक साथ में है कि बांध बनना चाहिए। सरकार साथ में है। तीनों राज्‍य सरकारों का एग्रीमेंट हुआ है बांध बनाने के लिए... हम लोगों ने जितना एहतियात बरता है, उसकी पूरी पब्लिक तारीफ़ कर रही है।'' यादव का यह बयान एक मान्‍यता है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आकांक्षा और अभियंता द्विवेदी के दावे जैसा है। इस मान्‍यता के पीछे काम कर रही तर्क-प्रणाली को आप सोनभद्र के युवा जिलाधिकारी संजय कुमार के इस बयान से समझ सकते हैं, ''हमने जो भी बल का प्रयोग किया, वह इसलिए ताकि लोगों को मैसेज दिया जा सके कि लॉ ऑफ दि लैंड इज़ देयर...। आप समझ रहे हैं? ऐसे तो लोगों में प्रशासन और पुलिस का डर ही खत्‍म हो जाएगा। कल को लोग कट्टा लेकर गोली मार देंगे... आखिर हमारे दो गज़ेटेड अफसर घायल हुए हैं...! बेचारे एसडीएम ने अपनी जेब से दस लाख अपने इलाज पर खर्च किया है!''
 
सत्‍तर पार के जोगी साव घायलों की सरकारी सूची में नहीं हैं 

यह बात अपने आप में चौंकाने वाली है कि एक एसडीएम ने अपने इलाज पर अपनी जेब से दस लाख रुपये कैसे खर्च कर दिए। ज़ाहिर है, होगा तभी खर्च किए होंगे। सुन्‍दरी, भीसुर और कोरची के आदिवासियों के पास अपने ऊपर खर्च करने को सिर्फ आंसू हैं। समय के साथ वे भी अब कम पड़ते जा रहे हैं। दुद्धी के अस्‍पताल में भर्ती जोगी साव (जिनका नाम घायलों की सरकारी सूची में दर्ज नहीं है) हमें देखते ही फफक कर रो पड़ते हैं। गला भर्रा जाता है। इशारे से दिखाते हैं कि कहां-कहां पुलिस की मार पड़ी है। पैर के ज़ख्‍म दिखाने के लिए हलका सा झुकते हैं तो कमर पकड़कर ऐंठ जाते हैं। इनकी उम्र सत्‍तर बरस के पार है। 18 अप्रैल की सुबह धरनास्‍थल पर ये सो रहे थे। जब पुलिस बल आया, तो नौजवानों की फुर्ती से ये भाग नहीं पाए। वहीं गिर गए। वे रोते हुए बताते हैं, ''ओ दिन हमहन रह गइली ओही जगह... एके बेर में पहुंच गइलन सब... धर-धर के लगावे लगलन डंटा। मेहरारू के झोंटा धर के लेसाड़ के मारे लगलन... लइकनवो के नाहीं छोड़लन...।'' जोगी साव के शरीर पर डंडों के निशान हैं। उनके आंसू नहीं रुकते जब वे हाथ दिखाते हुए कहते हैं, ''एक डंटा मरले हउवन... दू डंटा गोड़े में... तब जीप में ले आके इहां गिरउलन।'' यह पूछे जाने पर कि क्‍या कोई मुकदमा भी दर्ज हुआ है उनके खिलाफ़, वे बोले, ''मुकदमा त दर्ज नाहीं कइलन, बाकी कहलन कि अस्‍पताल में चलिए, जेल नहीं जाना पड़ेगा।''

बूटन साव पूछते हैं- ''आप जनते के तरफ से हैं न?''

जांच दल के सदस्‍यों कविता कृष्‍णन, प्रिया पिल्‍लई, पूर्णिमा गुप्‍ता, ओमप्रकाश सिंह, रजनीश और सिद्धांत मोहन समेत देबोदित्‍य सिन्‍हा के साथ जब यह लेखक 20 अप्रैल को दुद्धी अस्‍पताल के इस वार्ड में पहुंचा, तो कुल आठ पुरुष यहां भर्ती थे। महिला वार्ड में पांच महिलाएं थीं और अस्‍पताल के गलियारे में दो घायलों को अलग से लेटाया गया था। कुल दस पुरुषों में बस एक नौजवान था जिसका नाम था मोइन। बाकी नौ पुरुषों की औसत उम्र साठ के पार रही होगी। गलियारे में पहले बिस्‍तर पर जो बुजुर्ग लेटे थे, उनके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। नाम- बूटन साव, गांव कोरची। इन्‍हें भी डंडे की मार पड़ी थी। चोट दिखाते हुए बोले, ''आप जनते के तरफ से हैं न?'' हां में जवाब देने पर बोले, ''हम लोगों को छोड़वा दीजिए घर तक''। और इतना कह कर वे अचानक रोने लगे। यह पूछने पर कि कब यहां से छोड़ने को कहा गया है, बूटन बोले, ''छोड़ेंगे नहीं... किसी को मिलने भी नहीं आने दे रहे हैं। बोले हैं यहीं रहना है, नहीं तो जेल जाओ।''

सुन्‍दरी में 18 अप्रैल की सुबह साठ-सत्‍तर साल के बूढ़ों के सिर पर डंडा मारा गया है। औरतों के कूल्‍हों में डंडा मारा गया है। जहूर को पुलिस ने इतनी तेज़ हाथ पर मारा कि तीन उंगलियां ही फट गयी हैं। पुलिस अधीक्षक यादव कहते हैं, ''सिर पर इरादतन नहीं मारा गया, ये ''इन्सिडेन्‍टल'' (संयोगवश) है।'' ''क्‍या तीनों बुजुर्गों के सिर पर किया गया वार ''इन्सिडेन्‍टल'' है?'' इस सवाल के जवाब में वे बोले, ''बल प्रयोग किया गया था, ''इन्सिडेन्‍टल'' हो सकता है। हम कोई दुश्‍मन नहीं हैं, इसकी मंशा नहीं थी।'' ''और 14 अप्रैल को अकलू के सीने को पार कर गयी गोली?'' यादव विस्‍तार से बताते हैं, ''पुलिस ने अपने बचाव में गोली चलायी। थानेदार (कपिलदेव यादव) को लगा कि मौत सामने है। वैसे भी हमारे यहां पहले एसडीएम पर हमला हो चुका है। सबसे पहले अकलू ने बांस की पटिया से थानेदार को मारा। फिर उसके भाई रमेश ने थानेदार के हाथ पर कुल्‍हाड़ी से हमला किया। पुलिस अफसर नीचे गिर गया। उसे लगा कि वह नहीं बच पाएगा, तो उसने रक्षा के लिए हवा में दो राउंड फायर किया।'' 
 
यह पूछे जाने पर कि हवा में फायर करने से अकलू की छाती के पास गोली कैसे लगी, यादव कहते हैं, ''थानेदार ''लेड डाउन'' (पीछे की ओर झुका हुआ) था, ऐसी आपात स्थिति में ज्‍योमेट्री नहीं नापी जाती है। उसने खुद कहा कि उसे पता ही नहीं चला कि गोली कहां लगी है।'' इस घटना के बारे में बीएचयू में भर्ती अकलू का कहना है, '' हमको मारकर के थानेदार (कपिलदेव यादव) अपने हाथे में गोली मार लिए हैं और कह दिए कि ये मारे हैं... बताइए...।'' (अकलू का पूरा बयान पढ़ने के लिए यहां जाएं) 
 
सौजन्य: जनपथ.कॉम
 
(जारी) 
 
डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख में वक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारों को नहीं दर्शाते ।
 
बुलंदशहर
इटावा
बुंदेलखण्‍ड
उत्‍तर प्रदेश
दलित
आदिवासी
अम्बेडकर जयंती

Related Stories

मध्य प्रदेश: 22% आबादी वाले आदिवासी बार-बार विस्थापित होने को क्यों हैं मजबूर

झारखंड : साल का पहला दिन आदिवासियों को आज भी शोक से भर देता है

दलित चेतना- अधिकार से जुड़ा शब्द है

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

पत्थलगड़ी सरकार के सर पर चढ़ी!

झारखण्ड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल, 2017: आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार

झारखण्ड: पत्थलगड़ी आन्दोलन और गैंगरेप मामला

दलितों आदिवासियों के प्रमोशन में आरक्षण का अंतरिम फैसला

राजकोट का क़त्ल भारत में दलितों की दुर्दशा पर रोशनी डालता है

मनुष्यता के खिलाफ़ एक क्रूर साज़िश कर रही है बीजेपी: उर्मिलेश


बाकी खबरें

  • वी. श्रीधर
    आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार
    03 Jun 2022
    सकल घरेलू उत्पाद के नवीनतम अनुमानों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवरी से बहुत दूर है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 
    03 Jun 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4,041 नए मामले सामने आए हैं। देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 21 हज़ार 177 हो गयी है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'
    02 Jun 2022
    देश की राजधानी दिल्ली के पश्चिम इलाके के मुंडका गाँव में तीन मंजिला इमारत में पिछले महीने हुई आग की घटना पर गुरुवार को शहर के ट्रेड यूनियन मंच ने श्रमिकों की असमय मौत के लिए जिम्मेदार मालिक,…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग
    02 Jun 2022
    दिल्ली में मुंडका जैसी आग की ख़तरनाक घटनाओं के ख़िलाफ़ सेंट्रल ट्रेड यूनियन के संयुक्त मंच दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर प्रदर्शन किया।
  • bjp
    न्यूज़क्लिक टीम
    बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !
    02 Jun 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे में आज अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं बीजेपी सरकार जिस तरह बॉलीवुड का इस्तेमाल कर रही है, उससे क्या वे अपना एजेंडा सेट करने की कोशिश कर रहे हैं?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License