NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
विपक्षमुक्त देश की तरफ बढ़ते भाजपा के कदम को गुजरात में झटका
अहमद पटेल ने चुने जाने के बाद अपने ट्वीट में  कहा "ये सिर्फ उनकी जीत नहीं है , बल्कि स्टेट मशीनरी और पैसे की ताक़त का इस्तेमाल करने वालों की हार भी है
रितांश आज़ाद
11 Aug 2017
विपक्षमुक्त देश की तरफ बढ़ते भाजपा के कदम को गुजरात में झटका

गुरुवार को गुजरात के राज्यसभा चुनावों  के नतीजे आये, जिसमें बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत हुई और साथ ही साथ कांग्रेस के बड़े नेता अहमद पटेल  भी अपनी राज्यसभा सीट पर पांचवी बार काबिज़ हुए। अहमद पटेल ने चुने जाने के बाद अपने ट्वीट में  कहा "ये सिर्फ उनकी जीत नहीं है , बल्कि स्टेट मशीनरी और पैसे की ताक़त का इस्तेमाल करने वालों की हार भी है , साथ ही उन्होंने कहा कि  बीजेपी के द्वारा  बदले में की गयी कार्यवाहियां  और भय का माहौल पैदा करने की कोशिशें अब खुलकर सबके सामने आ गयीं है, गुजरात की जनता इसका जवाब इस साल होने वाले गुजरात के चुनावों में देगी।" 

गुजरात के राज्यसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।  यहाँ तक कि अहमद पटेल की सीट जीतने के लिए भी खासी  मशक्कत करनी पड़ी है।  कांग्रेस की मुश्किलें २ हफ्ते पहले से शुरू हुईं जब उनके ६ विधायकों ने इस्तीफा दिया और उनमें से ३ जाकर बीजेपी में जुड़ गए। साथ ही उन तीन  पूर्व विधायकों में से एक बलवंतसिंह राजपूत  को बीजेपी ने अपना राज्यसभा का उमीदवार भी घोषित कर दिया। इस सारे  प्रकरण के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा उनपर कांग्रेस छोड़ने के लिए ८ से १० करोड़ रूपए लेने के आरोप लगाये है।

विधायकों के पाला बदल लेने के डर  से कांग्रेस ने अपने सभी  विधायकों को बंगलुरु  भेज दिया।  ये सब होने के बावजूद भी कांग्रेस के २ और विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में डाले अपने वोट दिखाए , इसी वजह से उन्हें इलेक्शन कमीशन ने  बर्खास्त कर दिया। विधायकों के कांग्रेस छोड़ने और बीजेपी में मिल जाने के बाद से ही कांग्रेस बीजेपी पर उनके विधायकों के खरीद फरोख्त  के आरोप लगा रही है।  जानकारों का मानना है कि  ये सब बीजेपी की भारत को विपक्ष मुक्त करने की मुहिम का हिस्सा है , जिसके तहत बीजेपी सारे हथकंडे अपनाती दिख रही है। 

इससे पहले भी गोवा और मणिपुर चुनावों में  बीजेपी ने चुनावों में बहुमत न पाने के बावजूद  भी सरकारें बना ली थीं । गोवा और मणिपुर दोनों में बीजेपी पर विधायकों के खरीद-फरोख्त  और दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगे थे।      

केरल में जारी आरएसएस और माकपा के कार्यकर्ताओं के बीच जारी मुठभेड़ों  को आरएसएस के खिलाफ हिंसा के तौर पर मीडिया में दिखाया जाना भी इसी  मुहिम का हिस्सा दिखाई जान पड़ता है ।  बिहार में नितीश के पाला बदलने के प्रक्रिया को भी ध्यान से देखा जाये , तो वो भी इसी  ओर  इशारा करती है।  इस सबसे ये साफ़ हो जाता है कि बीजेपी किसी भी तरह से देश भर में विपक्ष को ख़त्म करने के प्रयास में है। 

बीजेपी की ये कोशिशें भारतीय राजनीति को निरंकुशवाद की तरफ  धकेलने कि कोशिश नज़र आ रही है।  ये कहा जा सकता है की रुसी क्रांति के बाद वज़ूद में आये वेलफेयर स्टेट को ये ख़त्म करने का प्रयास है। मेहनतकश जनता की बढती बेचैनी और फासीवादियों के बढ़ते कदम एक खतरनाक परिस्थिति बना रहें  है।  पर इसी के साथ ये देश की राजनीति को पूरी तरह बदलने  का अवसर भी हो सकता है।

 

भाजपा
कांग्रेस
गुजरात
अहमद पटेल
अमित शाह

Related Stories

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

''सिलिकोसिस बीमारी की वजह से हज़ारो भारतीय मजदूर हो रहे मौत के शिकार''

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

बुलेट ट्रेन परियोजना के खिलाफ गोदरेज ने की हाई कोर्ट में अपील

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार

झारखंड बंद: भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त विरोध

एमरजेंसी काल: लामबंदी की जगह हथियार डाल दिये आरएसएस ने

झारखण्ड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल, 2017: आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License