NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
वज़ीरपुर के इस्पात मज़दूरों की ऐतिहासिक जीत
सौजन्य: garamrolla.blogpost.in
28 Jul 2014

जैसा कि सबको पता है, वज़ीरपुर के इस्पात मज़दूर पिछली 6 जून से ‘गरम रोल्ला मज़दूर एकता समिति के नेतृत्व में हड़ताल पर हैं. आज उप श्रम आयुक्त के कार्यालय में मज़दूरों के साथ बातचीत में कारखाने के मालिक ने उनकी सभी मांगें जैसे 8 घंटे का कार्यदिवस घोषित करने, दुगनी कीमत पर ओवरटाइम, न्यूनतम वेतन, ई.एस.आई., भविष्यनिधि आदि पर मंज़ूरी दे दी. मज़दूरों के लिए यह बड़ी विजय है क्योंकि यह वेतन बढ़ाने के लिए कोई अनौपचारिक वार्ता नहीं थी; इस वार्ता के जरिये ज्यादातर मुख्य श्रम कानूनों को लागू कर दिया गया.

 

सनी, जोकि गरम रोल्ला मज़दूर एकता समिति का सदस्य है, ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा कदम है, लेकिन यह केवल शुरुवात है. अब सबसे बड़ा काम इस समझौते को लागू करवाना और किसी भी मिल मालिक को श्रम कानूनों कि धज्जियाँ उड़ाने से रोकने का है. रघुराज, सदस्य गरम रोल्ला मज़दूर एकता समिति ने कहा कि उप श्रम आयुक्त ने कहा है कि वे कारखाने में पूरे महीने किसी भी वक्त दौरे पर आयेंगें यह सुनिश्चित करने के लिए कि 8 घंटे कार्यदिवस का पालन हो रहा है या नहीं और साथ ही वेतन वाले दिन भी उपस्थित रहेंगें ताकि यह देखा जा सके कि न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है या नहीं. शिवानी, जोकि समिति की कानूनी सलाहकार है और ‘बिगुल मज़दूर दस्ता’ की कार्यकर्ता है ने कहा कि इस बेबसी और मज़दूर आन्दोलन में आई कमी के सन्दर्भ इस जीत बड़ा महत्तव है. कारखाने मालिकों और प्रबंधन के लोगों के बीच श्रम क़ानून मज़ाक का विषय बन कर रह गए हैं. मगर वज़ीरपुर के इस्पात मज़दूरों ने दिखा दिया है कि अगर हम राजीनीतिक पार्टियों की एजेंट यूनियनों, एन.जी.ओ. और धन प्रदान कराने वाली एजेंसियों को मज़दूर आन्दोलनों में घुसने से रोक पाते हैं, तो मज़दूर खुद अपनी लड़ाई को बेहतर ढंग से लड़, जीत हासिल कर सकते हैं, बशर्ते यह एक सही राजनितिक समझ से निर्देशित हो. गरम रोल्ला मज़दूर एकता समिति ने इस उद्देश्य को इस आन्दोलन के ज़रिये हासिल किया है. नवीन, सचिव, दिल्ली कामगार यूनियन कहते हैं कि इस्पात मज़दूरों का लचीलापन और उनको मिला सही राजनितिक नेतृत्व ही था जिसने उन्हें यह ऐतिहासिक जीत दिलाई. उन्होंने आगे कहा कि हड़ताली मज़दूरों द्वारा देश के अन्य हिस्सों के मज़दूरों के समर्थन से स्थापित की गयी सामुदायिक रसोई ने यह दिखा दिया है कि अगर मज़दूर आन्दोलन फैक्ट्री और व्यवसायों की गलियों से होकर गुज़रता है और विभिन्न व्यवसायों, धर्मों के मज़दूर आपस में एकता स्थापित करते हैं तो इसमें मज़दूर आन्दोलन की जीत निश्चय ही होगी. वज़ीरपुर के इस्पात मज़दूरों ने रास्ता दिखाया है, अब सभी क्षेत्रों के मज़दूरों, चाहे वे किसी भे व्यवसाय से जुड़े हों, को भी इसी रास्ते पर चलना चाहिए.

क्रांतिकारी अभिवादन सहीत,

रघुराज, सनी सिंह (सदस्य, नेतृत्व समिति, गरम रोल्ला मज़दूर एकता समिति)

शिवानी, (कानूनी सलाहकार, गरम रोल्ला मज़दूर एकता समिति)

 

डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख मे व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारो को नहीं दर्शाते ।

Wazirpur
Workers Strike
Delhi
भविष्यनिधि

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

मुंडका अग्निकांड : 27 लोगों की मौत, लेकिन सवाल यही इसका ज़िम्मेदार कौन?

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़, यूनियन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय
    26 Apr 2022
    न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र भी वैधानिक कर्तव्यों का पालन करते हैं तथा वे सरकार की विस्तारित इकाई बन गए हैं। पीठ ने कहा कि 1972 (ग्रेच्युटी का…
  • नाइश हसन
    हलाल बनाम झटका: आख़िर झटका गोश्त के इतने दीवाने कहां से आए?
    26 Apr 2022
    यह बहस किसी वैज्ञानिक प्रमाणिकता को लेकर कतई नहीं है। बहस का केन्द्र हिंदुओं की गोलबंदी करना है।
  • भाषा
    मस्क की बोली पर ट्विटर के सहमत होने के बाद अब आगे क्या होगा?
    26 Apr 2022
    अरबपति कारोबारी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की लगभग 44 अरब डॉलर की अधिग्रहण बोली को ट्विटर के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह सौदा इस साल पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए अभी शेयरधारकों और अमेरिकी…
  • भाषा
    कहिए कि ‘धर्म संसद’ में कोई अप्रिय बयान नहीं दिया जाएगा : न्यायालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव से कहा
    26 Apr 2022
    पीठ ने कहा, “हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को उपरोक्त आश्वासन सार्वजनिक रूप से कहने और सुधारात्मक उपायों से अवगत कराने का निर्देश देते हैं।
  • काशिफ काकवी
    मध्य प्रदेश : मुस्लिम साथी के घर और दुकानों को प्रशासन द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद अंतर्धार्मिक जोड़े को हाईकोर्ट ने उपलब्ध कराई सुरक्षा
    26 Apr 2022
    पिछले तीन महीनों में यह चौथा केस है, जहां कोर्ट ने अंतर्धार्मिक जोड़ों को सुरक्षा उपलब्ध कराई है, यह वह जोड़े हैं, जिन्होंने घर से भाग कर शादी की थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License