मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दिग्गज नेता व पश्चिम बंगाल के पूर्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निरुपम सेन का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 72 साल के थे।
पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और सुबह पांच बजे के आसपास उन्होंने साल्ट लेक के सैटेलाइट टाउनशिप के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के नेतृत्व में औद्योगिक पुनर्निर्माण, योजना और ऊर्जा मंत्रालय संभाल चुके सेन न्यूरोलॉजिकल और किडनी संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे।
सेन 1987, 2001 और 2006 में बंगाल विधानसभा के लिए बर्दवान दक्षिण सीट से चुने गए थे। वह 2011 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार रबी रंजन चट्टोपाध्याय से हार गए थे।
उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने निरुपम सेन के निधन पर गहरा दु:ख प्रकट करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। अपने एक ट्वीट में येचुरी ने कहा कि सेन एक प्रतिबद्ध कम्युनिस्ट थे और जीवनभर मेहनतकश वर्ग के प्रति समर्पित रहे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सेन का पार्थिव शरीर उनके निवास ले जाया जाएगा। बुधवार को सेन का शव कोलकाता स्थित सीटू कार्यालय ले जाया जाएगा। इसके बाद इसे पार्टी के राज्य मुख्यालय पहुंचाया जाएगा जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। उसी दिन उनके गृहनगर वर्द्धमान में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
(कुछ इनपुट आईएएनएस)