NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
वसुंधरा राजे सरकार ने "काला कानून" वापस लिया
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा "ये जन आन्दोलन की जीत है I "
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Feb 2018
वसुंधरा राजे

सोमवार को राजस्थान की मुख्य मंत्री वसुंधरा राजे ने विधान सभा में कहा कि सरकार क्रिमिनल लॉ (राजस्थान अमेंडमेंट बिल ) 2017 को लागू नहीं करेगी , ये वही बिल है जिसे काला कानून भी कहा जा रहा था I

7 सितम्बर को ये अध्यादेश की तरह लाया गया था और अक्टूबर में बिल की तरह इसे विधान सभा में पेश किया गया था I इस बिल के मुताबिक किसी भी भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी पर बिना प्रशासन की मान्यता के न तो जाँच की जा सकती थी और न ही मीडिया इसके बारे में लिख सकती थी I सरकार की इसपर लगातार विरोध झेलना पड़ रहा था इसी वजह से सरकार ने ,इस बिल को सेलेक्ट कमिटी के पास भेज दिया I

उन्होंने बिल को वापस लेते हुए कहा “हमने अध्यादेश को आने नहीं दिया I अब कानून लागू ही नहीं किया गया तो फिर काले कानून की बात ही गलत है”

कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि इस निर्णय का स्वागत समाज का हर तबका कर रहा है I सचिन पायलट इस बिल के किलाफ हाई कोर्ट में गए थे I

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक गंजेंद्र सिंह राठौर ने भी इसे मीडिया लोगों और लोकतंत्र की जीत कहा है I

इस मुद्दे पर बात करते हुए NFIW (National Federation for Indian Women ) की राजस्थान महा सचिव निशा सिद्धू ने कहा “ सरकार जिस तरह अपने निर्णय से पीछे हटी है मुझे लगता है ये जन आन्दोलन और जन संघर्षों की जीत है I समाज के विभिन्न तबको से आने वाले लोग चाहे वह राजनीतिक पार्टियाँ हो , सामाजिक कार्यकर्ता हों या मीडिया सभी ने इस बिल की खिलाफत की है I यही वजह है कि सरकार अपने कदम से पीछे हटी है वर्ना सरकार तो इसे लागू करने के लिए बहुत आतुर थी I”

इसी तरह AIDWA(All India Democratic Women’s Association) की राजस्थान उपाध्यक्ष सुमित्रा चोपड़ा ने कहा “सरकार जो कानून लाने की कोशिश कर रही थी वह भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को बचाने का एक फ़ॉर्मूला थाम I राजस्थान सरकार IPC की धारा 228 में बदलाव करने की कोशिश कर रही थी , जिससे भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सरकार की इजाज़त के बिना मीडिया रिपोर्ट करना या कोर्ट केस पर दंड झेलना पड़ता I इसके खिलाफ स्थानीय मीडिया खासकर “राजस्थान पत्रिका” ने एक मुहीम चलाई जिसमें उसने सरकार और मुख्य मंत्री की खबरें चलाना बंद कर दिया I इसके आलावा मानवाधिकार संगठन और राजनीतिक पार्टियां भी इसके खिलाफ लगतार संघर्ष कर रही थी I”

सरकार के इस कदम को राज्य में होने वाले विधान सभा चुनावों के संधर्भ में भी देखा जाना चाहिए, खासकर तब जब बीजेपी राजस्थान में पिछडती हुई दिख रही है I हाल में अलवर , अजमेर और मंडलगढ़ सीटों पर हुए उपचुनावों में बीजेपी की बड़ी शिखस्त इस बात का प्रमाण देती है I

वसुंधरा राजे
राजस्थान
राजस्थान सरकार
काला कानून

Related Stories

डीटीसी की हड़ताल सफल, सरकार ने वेतन कटौती का सर्कुलर वापस लिया

राजस्थान : जन आंदोलनों के साथ उभरता वामपंथी विकल्प

आठ साल से जारी है किसानों का बांगड़-बिरला सीमेंट प्लांट के खिलाफ संघर्ष

भाजपा शासित राज्य: सार्वजनिक परिवहन का निजीकरण

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी

राजस्थान: लहसुन की ऊपज पर लागत से कम दाम मिलने पर 5 किसानों ने की आत्महत्या

जिगनेश मेवानी को राजस्थान के नागौर जाने के रोका गया, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया विरोध

पहलू खान की हत्या के एक साल बाद भी हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं

भारत बंद के बाद राजस्थान में दलितों पर हुए हमले

राजस्थान किसान आन्दोलन:अब तक की कहानी


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License