NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
व्यापम: लाशों के ढेर पर खड़ा घोटाला
महेश कुमार
07 Jul 2015

देश के इतिहास में न जाने कितने घोटाले हुए हैं. हज़ारों करोड़, लाखो करोड़ के घोटाले जिसमें बुर्जुआ पार्टियों के नेताओं से लेकर बड़े-बड़े नौकरशाह लिप्त पाए गए हैं. इन सभी घोटालों की एक ख़ास बात है कि किसी भी घोटाले में आज तक निर्णायक नतीजे नहीं निकले हैं और न ही किसी नेता या नौकरशाह को सज़ा हुई है. बस जांच चलती रहती है, समाचार बनता है, विरोध होता है और वक्त के साथ वह ठन्डे बस्ते में पहुँच जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि पूंजीवादी व्यवस्था में घोटाले और भ्रष्टाचार के बीज़ इस हद तक विरोपित हैं कि इन्हें उखाड़ना इस व्यवस्था के बस में नहीं हैं. पिछले लोक सभा चुनावों में जब मोदी ने नारा दिया कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनायेंगे तो मज़े की बात यह है कि उसी वक्त भाजपा के नेता घोटालों की ज़मीन तैयार कर रहे थे, इसका सबसे बड़ा परिणाम यह है मोदी के सत्ता में एक साल पूरे करने के बाद ही इतने बड़े घोटाले सामने आने लगे हैं. जहाँ भी भाजपा की सरकार है चाहे वह राज्य में हो या केंद्र में सब जगह भ्रष्टाचार और घोटालो का बोलबाला है. मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, हरियाणा और महाराष्ट्र की भाजपा सरकारें बड़े घोटालों में शामिल पायी जा रही हैं.

                                                                                                                                  

व्यापम

अन्य तमाम घोटालों में व्यापम एक अलग ही मिसाल कायम करता जा रहा है. भारत के इतिहास में यह पहला घोटाला है जिसमें न केवल हज़ारों करोड़ रुपए का फरेब शामिल है बल्कि यह घोटाला इसमें शामिल लोगों की लाशों पर खडा घोटाला है. अभी तक 47 संदिग्ध मौते हो चुकी हैं लेकिन घोटाले जांच में कोई ख़ास प्रगति नहीं है. इस घोटाले में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, नौकरशाह से लेकर व्यापम के अफसर, कर्मचारी, नियुक्त हुए कर्मचारी और गलत ढंग से दाखिला पाए छात्र शामिल हैं. घोटाले की फेहरिस्त बहुत लम्बी है और इतने सालों में कोई नतीजे नहीं निकले हैं. पूरी की पूरी व्यवस्था घोटाले को दबाने या दोषियों को छिपाने में लगी हुयी है. ये घोटालेबाज इस व्यवस्था के नए महाराजा हैं जो अपने बारे में खुद नतीजे सुनाते हैं.   2013 में हाई कोर्ट में लगाई एक जनहित याचिका से उजागर हुए इस घोटाले में अभी तक मेडिकल कॉलेजों में हुई 1087 फर्जी भर्तियां पकड़ी जा चुकी हैं। कुल 2500 लोगों पर मुकदमे कायम किये जा चुके हैं, जिनमें से करीब दो हजार गिरफ्तार किये जा चुके हैं। इनमें मध्य प्रदेश के तत्कालीन शिक्षा और संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, राज्यपाल के ओएसडी और मुख्यमंत्री सचिवालय में मुख्यमंत्री के निजी सचिव, व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक, सिस्टम एनालिस्ट, परीक्षा प्रभारी सहित अनेक बिचौलिये शामिल हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम कुख्यात खनन माफिया सुधीर शर्मा का है, जो साइकिल पर दूध बेचने वाले से नौ साल में ही हजारों करोड़ रुपयों का मालिक बन गया, जिसके कारोबारी रिश्ते मुख्यमंत्री सहित अनेकों भाजपाईयों से हैं। ये खुलासे अपनी आप में इस बात की काहानी कहते हैं कि क्यों जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुँच रही है. जब घोटालों के सरताज सत्ता के गलियारों में बैठे बड़े-बड़े नेता, मंत्री, संतरी, अफसर हो तो उन्हें कौन दोषी करार दे सकता है.

भाजपा की केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक घोटालों के चपेट में आ रही हैं लेकिन हमारे बड़बोले प्रधानमंत्री के मुहं पर अचानक खामोशी छा गई है. स्वच्छ भारत, स्वच्छ सरकार का नारा देने वाले प्रधानमंत्री की मन की बात में भी इन मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं है. यह चुप्पी खतरनाक है और इससे न्याय की चाहत रखने वालों को गहरा धक्का लगा है.

सब पर खतरा मंडरा रहा है, फिर चाहे वह घोटाले का जांचकर्ता हो, या घोटाले का पर्दाफाश करने वाले हो या फिर घोटाले से फायदा उठाने वाला हो. व्यापम के व्यापक घोटाले ने इस व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. यह सही है कि इस घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यालय की देख-रेख में सी.बी.आई. से कराई जानी चाहिए ताकि कुछ हद तक इसकी जड़ तक पहुंचा जा सके. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो यह घोटाला एक बड़े नरसंहार का सबब बन जाएगा. हालांकि सी.बी.आई. ने भी अभी तक जितने घोटालों की जांच की है उनमे भी कोई ख़ास परिणाम नहीं निकले हैं. इसके उदहारण 2 जी , शारदा घोटाला के रूप में हमारे सामने हैं. लेकिन फिर भी राज्य की जांच एजेंसियों से तो यह बेहतर परिणाम दे सकती है और सी.बी.आई. जांच भविष्य में होने वाली हत्याओं या संदिग्ध मौतों को रोक सकती है.

डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख में वक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारों को नहीं दर्शाते ।

व्यापम
मध्य प्रदेश
भाजपा
शिवराज सिंह चौहान
नरेंद्र मोदी
मन की बात

Related Stories

मध्य प्रदेश: 22% आबादी वाले आदिवासी बार-बार विस्थापित होने को क्यों हैं मजबूर

मध्यप्रदेश: रीवा में बस हादसा ,नौ की मौत, 23 घायल

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

मध्यप्रदेश: एक और आश्रयगृह बना बलात्कार गृह!

रोज़गार में तेज़ गिरावट जारी है

''सिलिकोसिस बीमारी की वजह से हज़ारो भारतीय मजदूर हो रहे मौत के शिकार''

अविश्वास प्रस्ताव: विपक्षी दलों ने उजागर कीं बीजेपी की असफलताएँ

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License