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शराब बांटने का वीडियो किसान आंदोलन का नहीं बल्कि लुधियाना का है जहां शराब चढ़ायी जाती है
किसान आंदोलन से जोड़ते हुए दो वीडियोज़ सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे हैं. पहले वीडियो में कुछ लोग शराब की बोतलें एक बड़े से ड्रम में खाली करते हुए दिख रहे हैं और दूसरे वीडियो में कुछ लोग भीड़ में शराब बांटते दिख रहे हैं.
आकिब पठान
18 Sep 2021
शराब बांटने का वीडियो किसान आंदोलन का नहीं बल्कि लुधियाना का है जहां शराब चढ़ायी जाती है

किसान आंदोलन से जोड़ते हुए दो वीडियोज़ सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे हैं. पहले वीडियो में कुछ लोग शराब की बोतलें एक बड़े से ड्रम में खाली करते हुए दिख रहे हैं और दूसरे वीडियो में कुछ लोग भीड़ में शराब बांटते दिख रहे हैं. एक फ़ेसबुक यूज़र ने इन वीडियोज़ को शेयर करते हुए दावा किया कि ये प्रदर्शन कर रहे किसान हैं. इस पोस्ट को 43 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया गया.

भाजपा समर्थक ऋषि बागरी ने दोनों वीडियो करते हुए किसानों का मज़ाक उड़ाया. (आर्काइव लिंक)

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ट्विटर यूज़र रेनी लिन ने दोनों क्लिप को जोड़कर बनाया हुआ वीडियो पोस्ट किया और ग़ैर-संसदीय भाषा में ट्वीट लिखा. (आर्काइव लिंक)

थूकता हूँ ऐसे नशेड़ियों के किसान आंदोलन पर ।। किसान आंदोलन केवल नशा और रंडीबाजी का अड्डा बनकर रह गया है ।। इसमे शामिल हैं देशद्रोही और अलगाववादी तत्व ।। जिनकी देश और विदेशों में बैठे आका लोग फंडिंग कर रहे हैं ।। धीरे धीरे सब एक्सपोज़ हो रहे हैं ।।।। pic.twitter.com/SKol3Zu2Sg

— Renee Lynn (@Voice_For_India) September 14, 2021

कई अन्य ट्विटर यूज़र्स @sdtiwari, @NagarJitendra, @br_sharma6, @Pradeep54242413 ने ऐसा ही दावा करते हुए वीडियो शेयर किया.

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वीडियो को कई लोगों ने फ़ेसबुक पर भी शेयर किया है. ऑल्ट न्यूज़ को अपने आधिकारिक व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) और मोबाइल एप्लिकेशन पर वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ को इन वीडियोज़ में एक भी किसान संघ का झंडा या पोस्टर नहीं मिला. ये पहला हिंट था कि ये क्लिप किसान विरोध प्रदर्शन से संबंधित नहीं है.

पहला वीडियो

स्वतंत्र पत्रकार संदीप सिंह की मदद से पंजाबी कीवर्ड्स का इस्तेमाल करके हमें एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला जिसका कैप्शन था, ““ਸ਼ਰਾਬ ਦਾ ਲੰਗਰ। ਡੇਰਾ ਬਾਬਾ ਰੋਡੂ ਸ਼ਾਹ” ” इसका हिंदी अनुवाद है “शराब लंगर, बाबा रोडे शाह.” ये पोस्ट कई वीडियोज़ को एक साथ रखकर बनाया गया है और पोस्ट में 20 सेकेंड पर इस वीडियो का हिस्सा देखा जा सकता है.

आगे हमें डेली न्यूज़ पंजाब द्वारा फ़ेसबुक पर पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला जिसका शीर्षक था, “जागराओं कौनके कलां ਮੇਲਾ ਬਾਬਾ ਰੋਡੂ ਸ਼ਾਹ ਜੀ ਦੇ ਠਾਠਾਂ ਮਾਰਦਾ ਇੱਕਠ”. इसका मतलब है “बाबा रोडे शाहजी के मेले में भारी भीड़.” कौनके कलां लुधियाना का एक गांव है. बाबा रोडे शाह को शराब चढ़ाने की गांव की प्रथा है जो सालों से चली आ रही है. भक्त पहले शराब लाकर बाबा रोडे शाह को चढ़ाते हैं, फिर इसे प्रसाद के रूप में बांटते हैं.

हमने डेली न्यूज़ पंजाब से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो बाबा रोडे शाह का ही है. साथ ही ये भी कहा कि शराब चढ़ाने की प्रथा सालों से चली आ रही है.

इसके अलावा, 6 सितंबर को पूजास्थल पर रिकॉर्ड किये गये फ़ेसबुक लाइव में एक बैंगनी रंग का टेंट दिखता है. डेली न्यूज़ पंजाब के वीडियो और पहले वायरल वीडियो में उसी रंग का टेंट दिखता है.

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हमने दरगाह कमेटी के सचिव गुरमीत सिंह से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया, “ये वीडियो यहीं का है और वीडियो में दिखाई देने वाले सभी लड़के दरगाह पर काम करते हैं. मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं.” ऑल्ट न्यूज़ को ‘मेला बाबा रोडे जी मेला कौनके कलां जगराओं (LDH)’ टाइटल का एक यूट्यूब वीडियो भी मिला. इस वीडियो में भी उस व्यक्ति को देखा जा सकता है जो पहले वायरल वीडियो में नारंगी रंग के कुर्ते में दिख रहा है.

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दूसरा वीडियो

स्वतंत्र पत्रकार संदीप सिंह ने दरगाह का दौरा किया और वहां के कुछ दृश्य कैमरे में कैद किये जो दूसरे वायरल वीडियो में दिख रही ज़गह से काफ़ी मिलते-जुलते हैं.

नीचे वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट और रोडे शाहजी दरगाह की तस्वीरों में समानता देखी जा सकती है.

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इस तरह लुधियाना में एक पूजास्थल के वीडियो को किसान आंदोलन का बता कर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. यहां शराब चढ़ाने की एक पुरानी प्रथा है और इसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है.

साभार : ऑल्ट न्यूज़ 

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