NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मुखर कश्मीरी वकील बाबर क़ादरी की उनके श्रीनगर निवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई है 
नागरिक अधिकारों एवं क्षेत्रीय राजनीति में वकील के तौर पर अपनी पहलकदमियों के चलते वे सुर्ख़ियों में बने हुए थे और भारतीय समाचार चैनलों में चलने वाली टीवी डिबेट में वे नियमित तौर पर नजर आते थे।
अनीस ज़रगर
26 Sep 2020
बाबर कादरी के अंतिम संस्कार का दृश्य
श्रीनगर में बाबर कादरी के अंतिम संस्कार का दृश्य | चित्र साभार: कामरान यूसुफ़

श्रीनगर: हथियारबंद हमलावरों ने वकील सैय्यद बाबर क़ादरी को गुरुवार की शाम  श्रीनगर के हवाल इलाके में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन दोनों हमलावरों ने हत्या को अंजाम देने से पहले इस 40 वर्षीय कश्मीरी वकील के निवास पर पहुँचने पर अपना परिचय एक मुवक्किल के तौर पर दिया था।

आईजीपी कश्मीर विजय कुमार के अनुसार क़ादरी को बेहद नजदीक से चार बार गोलियाँ मारी गई थीं, जिसके चलते उनकी फ़ौरन मौत गई थी। शेरे-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के डाक्टरों का कहना है कि वे अस्पताल में मृत अवस्था में लाये गए थे। उनके आँख के पास और कंधे वाली जगह पर गोलियां लगी थीं।

आईजीपी कुमार के अनुसार “दोनों हमलावरों ने अपने चेहरों को ढक रखा था और उनके हाथों में फाइलें थीं। वे शाम के वक्त तकरीबन 6:20 पर सलाह-मशविरे के लिए पहुंचे थे और जब क़ादरी उनके समीप पहुंचे तो उन्होंने पिस्तौल निकालकर उनपर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। भागते वक्त उन्होंने हवा में भी गोलियां दागी थीं।”

पुलिस को संदेह है कि इस हमले को आतंकवादियों ने अंजाम दिया है, और इस मसले को “प्राथमिकता पर” लेते हुए एसपी हज़रतबल के नेतृत्वमें एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया गया है। क़ादरी के पीछे उनके घर में उनकी पत्नी, दो बेटियाँ और बूढ़े माँ-बाप हैं। एक बहन समेत कुल चार भाई-बहनों में वे सबसे बड़े थे।

उनकी हत्या से घाटी के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में भी इस घटना पर व्यापक तौर पर निंदा हुई है। 

jk.png

श्रीनगर में बाबर क़ादरी के अंतिम संस्कार के दौरान| चित्र सौजन्य: कामरान यूसुफ़   

एक वकील के तौर पर नागरिक अधिकारों एवं क्षेत्रीय राजनीति पर उनके द्वारा ली जाने वाली पहलकदमी के चलते वे सुर्ख़ियों मे रहते थे, और भारतीय समाचार चैनलों में चलने वाली टीवी बहसों में वे नियमित तौर पर नजर आते थे। हालाँकि राज्य प्रशासन के साथ-साथ अलगाववादी नेताओं, इन दोनों के प्रति क़ादरी आलोचनात्मक रुख रखते थे।

 विशेष तौर पर सैय्यद अली गिलानी के वे कटु आलोचक थे और इस सम्बंध में वे अक्सर अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर पोस्ट एवं वीडियो साझा करते थे। अपनी मौत के करीब छह घंटे पहले ही उन्होंने वकील बिरादरी पर एक आधे घंटे की बातचीत साझा की थी और इसमें हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मियां अब्दुल कयूम की आलोचना करते हुए उनपर आरोप लगाये थे कि वे (क़यूम) अलगाववादियों के इशारे पर काम करते हैं।

इससे पूर्व 21 सितंबर के दिन कादरी ने कहा था कि उनके खिलाफ जो "गलत अभियान" चलाया जा रहा था, उसके चलते उनकी जिंदगी खतरे में है।अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि “मैं राज्य पुलिस प्रशासन से इस शाह नजीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आग्रह करता हूं जिसने मेरे खिलाफ भ्रामक अभियान चला रखा है कि मैं एजेंसियों के लिए काम करता हूं। इस गलत बयानी के चलते मेरी जिन्दगी खतरे में पड़ सकती है। @ZPHQJammu (sic)” 

आईजीपी कुमार ने इस सम्बंध में बताया है कि एक पुलिस अधिकारी, जो मृतक वकील के बहनोई भी हैं ने क़ादरी को इस बारे में चेताया भी था, और सुझाव दिया था कि वह हवाल के अपने भीड़भाड़ वाले इलाके से किसी बेहतर सुरक्षित जगह पर शिफ्ट हो जाएँ। 

पुलिस अधिकारी ने कहा कि "उनकी जिंदगी खतरे में थी लेकिन वे अपने बहनोई के निवास बदलने के सुझाव को लेकर सहमत नहीं थे।"

कश्मीर विश्वविद्यालय  से उन्होंने अपनी कानून की डिग्री हासिल की थी। वहीं से वे अपने छात्र जीवन के दौरान छात्र राजनीति में भी सक्रिय तौर पर भाग लेते रहे थे। यहां तक ​​कि परिसर के भीतर भी कई बार उन्होंने व्यवस्था विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था। 2010 में किशोरों को न्याय दिलाने सम्बंधी मामले में केस लड़ने के चलते वे सुर्ख़ियों में आये थे।

क़ादरी को उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के शेखपोरा के उनके पैतृक गांव में दफनाया गया। 

इससे पूर्व जमात-ए-इस्लामी (जेइएल) से वास्ता रखने के चलते (जो अब एक प्रतिबंधित संगठन है) उनके परिवार को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा था। 

बाकी के अन्य जमाती कार्यकर्ताओं की तरह उनके पिता को भी 1990 के दशक के अंत और 2000 की शुरुआत में श्रीनगर शहर में पनाह लेने के लिए विवश होना पड़ा था।

संयोग से क़ादरी के ससुर गुलाम कादिर वानी, जिन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी हासिल की हुई थी, की हत्या भी वर्ष 1998 में उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा इलाके में "अज्ञात बंदूकधारियों" द्वारा कर दी गई थी। वानी को अलगाववादी राजनीति में एक प्रभावशाली शख्शियत के तौर पर जाना जाता था, और उनके बारे में यह मान्यता थी कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की स्थापना में उनकी अहम भूमिका थी।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Vocal Kashmiri Lawyer Babar Qadri Shot Dead at His Srinagar Residence

Jammu and Kashmir Syed Babar Qadri
Lawyer Killed in Kashmir
Unknown Assailants Killing
Kashmir militancy
Attack on Lawyer

Related Stories

सदमे में हैं कश्मीरी : अनुच्छेद 370 रहित कश्मीर के एक साल पूरे होने पर तारिगामी का नज़रिया

कश्मीर में दर्द की अथाह दुनिया के बीच गुजरता बच्चों का बचपन

जम्मू-कश्मीर अपडेट : श्रीनगर में बड़ा प्रदर्शन, पुलिस ने किया बल प्रयोग, गृह मंत्रालय का इंकार

धारा 370, 35ए और कश्मीर के बारे में कुछ मिथक और उनकी सच्चाई


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License