NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ख़बर भी-नज़र भी: दुनिया को खाद्य आपूर्ति का दावा और गेहूं निर्यात पर रोक
एक तरफ़ अभी कुछ दिन पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि अगर विश्व व्यापार संगठन (WTO) भारत को अनुमति देता है, तो हमारा देश अपने खाद्य भंडार से दुनिया को खाद्य आपूर्ति कर सकता है, दूसरी तरफ आज स्थिति यह आ गई है कि भारत को गेहूं के निर्यात पर ही रोक लगानी पड़ रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 May 2022
cartoon

एक तरफ़ अभी कुछ दिन पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि अगर विश्व व्यापार संगठन (WTO) भारत को अनुमति देता है, तो हमारा देश अपने खाद्य भंडार से दुनिया को खाद्य आपूर्ति कर सकता है, दूसरी तरफ आज स्थिति यह आ गई है कि भारत को गेहूं के निर्यात पर ही रोक लगानी पड़ रही है।

ताज़ा ख़बर यह है कि भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। आधिकारिक अधिसूचना से यह जानकारी मिली है।

समाचार एजेंसी भाषा की ख़बर के अनुसार हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा, ‘‘इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी।’’

डीजीएफटी ने कहा, ‘‘गेहूं की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है...।’’ उसने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।

एक अलग अधिसूचना में डीजीएफटी ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की। डीजीएफटी ने कहा, ‘‘प्याज के बीज की निर्यात नीति को तत्काल प्रभाव से सीमित श्रेणी के तहत रखा जाता है।’’ पहले प्याज के बीज का निर्यात प्रतिबंधित था।

इस सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि ईंधन और खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहूं की वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान के मद्देनजर निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख निर्यातक रहे हैं।

मजबूत वैश्विक मांग के कारण 2021-22 में भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 70 लाख टन यानी 2.05 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। डीजीएफटी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत खेप बांग्लादेश भेजी गई थी। पिछले साल इसी अवधि में 1,30,000 टन के मुकाबले देश ने इस साल लगभग 9,63,000 टन गेहूं का निर्यात किया।

भारत को 2022-23 में एक करोड़ टन गेहूं का निर्यात करने की उम्मीद थी। वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि भारत गेहूं के निर्यात की खेप को बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए नौ देशों  मोरक्को, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम, तुर्की, अल्जीरिया और लेबनान में व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेजेगा।

निजी व्यापारियों द्वारा भारी उठान और पंजाब-हरियाणा में कम आवक के कारण मौजूदा रबी विपणन सत्र में एक मई तक भारत की गेहूं खरीद भी 44 प्रतिशत घटकर 1.62 लाख टन रह गई है। सरकार ने एक साल पहले की अवधि में 2.88 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। रबी विपणन सत्र अप्रैल से मार्च तक चलता है।

निर्यात के लिए अनाज की बढ़ती मांग के बीच निजी कंपनियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत पर गेहूं खरीदा है। केंद्र ने विपणन वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 4.44 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले विपणन वर्ष में यह 4.33 लाख टन था।

केंद्रीय पूल के लिए कम खरीद के बीच केंद्र ने थोक उपभोक्ताओं को मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री रोक दी है और उन्हें अनाज खरीदने के लिए योजना के शुरू होने की प्रतीक्षा नहीं करने को कहा है। कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में गेहूं का रिकॉर्ड 11.13 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है।

गेहूं की कमी और राजनीति

पहले ही कहा जा रहा रहा था कि रूस और यूक्रेन की जंग की वजह से दुनिया में गेहूं का स्टॉक पहले से कम हो जायेगा। जब दुनिया को उतना गेहूं नहीं मिलेगा जितने गेहूं की जरूरत है तो भारत जैसे देश जो गेहूं के पैदावार के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, वहां से सप्लाई बढ़ेगी। निर्यात बढ़ेगा और पहले से ज्यादा कमाई होगी। लेकिन इससे बिल्कुल उल्टी खबर आ रही है। गेहूं और आटे के बढ़ते कीमत को देखते हुए गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी गई है। सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक बढ़ते घरेलू कीमतों को काबू में करने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई गई है। यानी गेहूं के संकट में कमाई करने की भारत सरकार की जो योजना थी, वह नाकाम हो रही है। इस नाकामी के साथ भारत दुनिया में गेहूं को लेकर वैसी मदद नहीं कर पायेगा, जैसा वह सोच रहा था। या दावा कर रहा था।

इन सबके अलावा सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार घरेलू राजनीति को कैसे संभालेगी? अपने वोटो की गणित को कैसे संभालेंगी? भाजपा की राजनीति का मुख्य केंद्र बिंदु कहा जाता है ध्रुवीकरण। जानकार कहते हैं कि भाजपा हमेशा हिन्दू मुस्लिम के बीच नफरत की दीवार कर लोगों को अपनी तरफ गोलबंद करती है और दूसरी तरफ़ कमज़ोर वर्ग को सस्ता आनाज देकर उन्हें अपनी तरफ खींचती है। अब अगर गेहूं की कमी होगी तो उन पर असर पड़ेगा जिनके लिए सरकार का मतलब सस्ते अनाज के सिवाय कुछ भी नहीं है।


बाकी खबरें

  • राज वाल्मीकि
    दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!
    27 May 2022
    दलित परिप्रेक्ष्य से देखें तो इन आठ सालों में दलितों पर लगातार अत्याचार बढ़े हैं। दलित हत्याओं के मामले बढ़े हैं। दलित महिलाओं पर बलात्कार बढ़े हैं। जातिगत भेदभाव बढ़े हैं।
  • रवि शंकर दुबे
    उपचुनाव:  6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान
    27 May 2022
    उत्तर प्रदेश की आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट समेत 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान होंगे।
  • एजाज़ अशरफ़
    ज्ञानवापी कांड एडीएम जबलपुर की याद क्यों दिलाता है
    27 May 2022
    आपातकाल के ज़माने में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने ग़लत तरीक़े से हिरासत में लिये जाने पर भी नागरिकों को राहत देने से इनकार कर दिया था। और अब शीर्ष अदालत के आदेश से पूजा स्थलों को लेकर विवादों की झड़ी…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत
    27 May 2022
    महाराष्ट्र में 83 दिनों के बाद कोरोना के 500 से ज़्यादा 511 मामले दर्ज किए गए है | महराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है की प्रत्येक व्यक्ति को सावधान और सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि कोरोना…
  • एम. के. भद्रकुमार
    90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात
    27 May 2022
    रूस की सर्वोच्च प्राथमिकता क्रीमिया के लिए एक कॉरिडोर स्थापित करना और उस क्षेत्र के विकास के लिए आर्थिक आधार तैयार करना था। वह लक्ष्य अब पूरा हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License