दिल्ली कैंट इलाके में 1 अगस्त को एक श्मशान परिसर में पीने का पानी लेने गई पड़ोस की नौ साल की दलित बच्ची की कुछ घंटे बाद जान चली गई. किसने ली उसकी जान और क्यों? परिवार और इलाके के लोग इस बलात्कार के बाद की गई हत्या कहते हैं.आरोपी इसे करेंट लगने का हादसा बताते हैं. सच क्या है? इस मामले में पुलिस की क्या भूमिका है? हाथरस कांड की तरह बच्ची की मौत के बाद उसके घर वालों की गैर-मौजूदगी में उसकी अंतिम क्रिया 'दूसरे लोग' क्यों करने लगते हैं? आखिर हमारे समाज में महिलाओं, खासकर दलित महिलाओं पर बढ़ते जघन्य अपराधों का सच क्या है? #AajKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का विश्लेषण.