NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
विज्ञान
भारत
राजनीति
आख़िर कोवैक्सीन को लेकर सवाल क्यों उठ रहे हैं?
3 दिसंबर को कोविशील्ड और कोवैक्सीन को अनुमति दिए जाने के बाद कई लोगों ने सवाल उठाए कि वैक्सीन के तीसरे ट्रायल के आँकड़े जारी किए बिना अनुमति कैसे दे दी गई।
सोनिया यादव
04 Jan 2021
कोविशील्ड और कोवैक्सीन

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। कोविशील्ड जहां असल में ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका का भारतीय संस्करण है तो वहीं कोवैक्सीन पूरी तरह भारत की अपनी वैक्सीन है जिसे 'स्वदेशी वैक्सीन' भी कहा जा रहा है।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के निदेशक वीजी सोमानी ने कहा कि सेंट्रल ड्रग स्टैनडर्ड कंट्रोल ऑरगनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने एक जनवरी को कोविशील्ड और दो जनवरी को कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति देने की सिफारिश की थी। इस कमेटी में डॉक्टर और वैज्ञानिक शामिल थे।

हालांकि रविवार, 3 जनवरी को कोविशील्ड और कोवैक्सीन को अनुमति दिए जाने के बाद कई लोगों ने सवाल उठाए कि दोनों वैक्सीन के तीसरे ट्रायल के आँकड़े जारी किए बिना अनुमति कैसे दे दी गई।

आँकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए!

बता दें कि तीसरे चरण के ट्रायल में बड़ी संख्या में लोगों पर उस दवा को टेस्ट किया जाता है और फिर उससे आए परिणामों के आधार पर पता लगाया जाता है कि वो दवा कितने प्रतिशत लोगों पर असर कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोविशील्ड के भारत में 1,600 वॉलंटियर्स पर हुए फ़ेस-3 के ट्रायल के आँकड़ों को भी जारी नहीं किया गया है। वहीं, कोवैक्सीन के फ़ेस एक और दो के ट्रायल में 800 वॉलंटियर्स पर इसका ट्रायल हुआ था जबकि तीसरे चरण के ट्रायल में 22,500 लोगों पर इसको आज़माने की बात कही गई है। लेकिन इनके आँकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

विपक्ष के आख़िर सवाल क्या हैं?

कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा कि कोवैक्सीन का अभी तक तीसरे चरण का ट्रायल नहीं हुआ है, बिना सोच-समझे अनुमति दी गई है जो कि ख़तरनाक हो सकती है।

उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को टैग करते हुए लिखा, "डॉक्टर हर्षवर्धन कृपया इस बात को साफ़ कीजिए। सभी परीक्षण होने तक इसके इस्तेमाल से बचा जाना चाहिए। तब तक भारत एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन के साथ शुरुआत कर सकता है।"

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कोवैक्सीन और लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई। अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि ये वैक्सीन बीजेपी की है और इसे मैं नहीं लगवाऊंगा, क्योंकि मुझे बीजेपी पर भरोसा नहीं है।

अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जो सरकार ताली और थाली बजवा रही थी, वो वैक्सीनेशन के लिए इतनी बड़ी चेन क्यों बनवा रही है। ताली और थाली से ही कोरोना को भगवा दें।

वहीं जयराम रमेश ने भी वैक्सीन पर सवाल उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक एक नई कंपनी है। ये हैरत की बात है कि कोवैक्सीन के लिए, फेज़-3 से जुड़े प्रोटेकॉल को मोडिफाई किया जा रहा है।

भारत बायोटैक का क्या कहना है?

कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटैक के चेयरमैन कृष्ण इल्ला ने बयान जारी किया है, "हमारा लक्ष्य उन आबादी तक वैश्विक पहुंच प्रदान करना है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।"

उन्होंने बयान में कहा, "कोवैक्सीन ने अद्भुत सुरक्षा आँकड़े दिए हैं जिसमें कई वायरल प्रोटीन ने मज़बूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दी है।"

हालांकि, कंपनी और डीसीजीआई ने भी कोई ऐसे आंकड़े नहीं दिए हैं जो बता पाएं कि वैक्सीन कितनी असरदार और सुरक्षित है।

कोवैक्सीन एक बैकअप है!

दिल्ली एम्स के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा है कि वो आपातकालीन स्थिति में कोवैक्सीन को एक बैकअप के रूप में देखते हैं और फ़िलहाल कोविशील्ड मुख्य वैक्सीन के रूप में इस्तेमाल होगी।

गुलेरिया के इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने रीट्वीट करते हुए लिखा है, ''इसका क्या मतलब है? अगर टीकाकरण को बैकअप की ज़रूरत है तो फिर वैक्सीन का क्या मतलब है।''

उन्होंने कहा कि तब तक कोवैक्सीन की और दवाएं तैयार होंगी और वो फ़ेज-3 के मज़बूत डेटा इस्तेमाल करेंगे जो बताएगा कि यह कितनी सुरक्षित और असरदार है लेकिन शुरुआती कुछ सप्ताह के लिए कोविशील्ड इस्तेमाल की जाएगी जिसकी पाँच करोड़ ख़ुराक मौजूद हैं।

बीबीसी की खबर के मुताबिक कोवैक्सीन के निर्माण के समय से ही इसे एक तबक़ा 'स्वदेशी वैक्सीन' कह रहा है। कोविशील्ड भी भारत में बन रही है लेकिन वो मूल रूप से ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन है।

तीसरे चरण के ट्रायल की समीक्षा किए बिना इस्तेमाल ख़तरनाक है!

दोनों वैक्सीन को अनुमति मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा कि जिन दो वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंज़ूरी दी गई है, वे दोनों मेड इन इंडिया हैं, यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की इच्छाशक्ति को दर्शाता है।

वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने भी वैक्सीन राष्ट्रवाद को लेकर कहा है, ''जब चीन और रूस ने लाखों लोगों को तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा सार्वजनिक किए बिना वैक्सीन लगाई और अब भारत ने भी तीसरे चरण के ट्रायल की समीक्षा किए बिना इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। यह ख़रनाक है। एक ग़लती से वैक्सीन के भरोसे को भारी नुक़सान हो सकता है।''

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जहां इन वैक्सीन को 'मेड इन इंडिया' बताते हुए इस पर गर्व करने की बात कही तो वहीं, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने ट्वीट कर विपक्ष को ही निशाने पर ले लिया। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि विपक्ष और कांग्रेस किसी भी भारतीय चीज़ पर गर्व नहीं करते हैं। हालांकि वैक्सीन से जुड़े विपक्ष के सवालों के जवाब किसी ने नहीं दिए।

आपको याद होगा कि हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने 20 नवंबर को कोवैक्सीन का टीका लगवाकर वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की शुरुआत की थी। ऐसे में जब उनके संक्रमित होने की ख़बर सामने आई, तो को-वैक्सीन की सफलता को लेकर आशंका जताई जाने लगी। हालांकि बॉयोटेक ने इसका स्पष्टीकरण दिया था लेकिन अब कंपनी के पास सवालों का अंबार है, जिसका जवाब अभी आना बाकी है।

Coronavirus
COVID-19
corona vaccine
Covishield
Covaxin
DCGI
CDSCO
Narendra modi
BJP
opposition parties

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: पंजाब पुलिस का दिल्ली में इस्तेमाल करते केजरीवाल
    24 Apr 2022
    हर हफ़्ते की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    बर्तोल्त ब्रेख्त की कविता 'लेनिन ज़िंदाबाद'
    24 Apr 2022
    लेनिन की 152वीं जयंती के महीने में पढ़िए बर्तोल्त ब्रेख्त की कविता।
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: जय…जय बुलडोजर देवता
    24 Apr 2022
    हमें ऐसा देवता चाहिए था जो न्याय करने से पहले ही सब कुछ देख ले। जो सजा सुनाने से पहले ही देख ले कि अभियुक्त का धर्म क्या है, जाति क्या है, ओहदा क्या है और रुतबा कितना है। और यह भी कि अभियुक्त की माली…
  • अरविंद दास
    फ़िल्म निर्माताओं की ज़िम्मेदारी इतिहास के प्रति है—द कश्मीर फ़ाइल्स पर जाने-माने निर्देशक श्याम बेनेगल
    24 Apr 2022
    जाने-माने फ़िल्म निर्माता और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाज़े गये श्याम बेनेगल ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख़ मुजीबुर्रहमान की ज़िंदगी पर आधारित अपनी आने वाली बायोपिक फ़िल्म और दूसरे मुद्दों पर…
  • सीमा आज़ाद
    लाखपदर से पलंगपदर तक, बॉक्साइड के पहाड़ों पर 5 दिन
    24 Apr 2022
    हमने बॉक्साइड के पहाड़ों की अपनी पैदल वाली यात्रा नियमगिरी के लाखपदर से शुरू की और पलंगपदर पर समाप्त की। यह पांच दिन की यात्रा और यहां रहना एक ऐसा अनुभव है, जो प्रकृति के बारे में, धरती और जीवन के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License